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एशियाई (Asian) हाथी एशियाई महाद्वीप में भूमि पर पाया जाने वाला सबसे बड़ा स्तनपायी
है। वे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में फैले 13 रेंज के देशों में सूखे से लेकर नम जंगलों
और घास के मैदानों में निवास करते हैं।जबकि वे मुख्य रूप से ऐसे स्थानों को प्राथमिकता
देते हैं, जहां चारा उत्पादित करने वाले पौधे होते हैं, लेकिन खुद को जीवित रखने के लिए
एशियाई हाथियों ने उन संसाधनों पर भी जीवित रहने के लिए खुद को अनुकूलित कर लिया
है,जो क्षेत्र के आधार पर भिन्न हैं।एशियाई हाथी बेहद मिलनसार होते हैं, जो छह से सात
संबंधित मादा हाथियों के समूह बनाते हैं, जिसका नेतृत्व सबसे बुजुर्ग महिला हाथी द्वारा
किया जाता है।
अफ्रीकी हाथियों की तरह, ये समूह कभी-कभी बड़े झुंड बनाने के लिए दूसरों के
साथ जुड़ जाते हैं, हालांकि ये संघ अपेक्षाकृत अल्पकालिक होते हैं।एशिया में, हाथियों के झुंड
का आकार अफ्रीका के सवाना (Savannah) हाथियों की तुलना में काफी छोटा होता है।एक
हाथी अपने दिन का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा घास खाने में बिताते हैं,लेकिन यह बड़ी
मात्रा में पेड़ की छाल, जड़ों, पत्तियों और छोटे तनों को भी खाते हैं। केला, चावल और गन्ना
जैसी खेती की गई फसलें इनका पसंदीदा खाद्य पदार्थ हैं। हाथी हमेशा ताजे पानी के स्रोत के
करीब होते हैं क्योंकि उन्हें दिन में कम से कम एक बार पानी पीने की जरूरत होती है।
एशिया में, मनुष्यों का कई शताब्दियों से हाथियों के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है, और हाथी
महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक बन गए हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं (देव)
और राक्षसों (असुर) ने जब अमृत की तलाश में महासागर का मंथन किया, जिससे वे अमर
हो जाएं, तब मंथन से नौ रत्न सामने आए, जिनमें से एक हाथी भी था। हिंदू धर्म में, सभी
पवित्र अनुष्ठानों से पहले सम्मानित शक्तिशाली देवता हाथी के सिर वाले भगवान गणेश हैं,
जिन्हें बाधाओं को हरने वाले देवता के रूप में भी जाना जाता है।
हाथी के विशेष महत्व को देखते हुए इनका उपयोग कई फिल्मों में भी किया गया है।2021
की फिल्म हाथी मेरे साथी में हाथी उन्नी का प्रयोग किया गया था।हमने अक्सर बॉलीवुड
सितारों और उनके आकर्षक जीवन के बारे में अनगिनत किस्से सुने हैं, लेकिन हाथी के बारे
में ऐसे किस्से सुनना काफी रोचक है।हाथी मेरे साथी की शूटिंग के दौरान उन्नी सेट पर
सबसे बड़ा सेलिब्रिटी साबित हुआ। फिल्म में हाथी को कास्ट करने के लिए लगभग 30 या
40 से अधिक हाथियों का ऑडिशन लिया गया था, जिसमें उन्नी को चुना गया। उन्नी बहुत
मिलनसार, भावनात्मक, आज्ञाकारी और बुद्धिमान है, और यही कारण है, कि उसे फिल्मों,
विज्ञापनों आदि के लिए सबसे अधिक पसंद किया जाता है। अपने असाधारण कौशल और
मैत्रीपूर्ण व्यवहार के लिए उन्नी अत्यधिक प्रसिद्ध है।भारत में ऐसे केवल 4 या 5 हाथी ही हैं,
जिन्हें एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (Animal Welfare Board Of India) द्वारा लाइसेंस
प्राप्त है। इसलिए सभी हाथियों के साथ शूटिंग नहीं की जा सकती है। इन 4 हाथियों में
उन्नी को सबसे व्यस्त हाथी माना जाता है। फिल्म हाथी मेरे साथी के लिए उन्नी की पहले
तारीखें ली गईं तथा उसी के अनुसार कलाकारों की तारीखें तय की गयीं। सेट पर भी, उन्नी
के लिए किसी भी अन्य अभिनेता की तुलना में अधिक प्रोटोकॉल (Protocol) थे। उन्नी के
साथ शूटिंग हल्के प्रकाश में की गई,इसलिए उसे दोपहर में आराम दिया और शाम के समय
जब धूप अधिक तेज नहीं होती थी, तब उसके साथ शूटिंग की गई। तब तक सभी सितारे सेट
पर उन्नी के आने का इंतजार करते थे। उन्नी एकमात्र ऐसा जानवर है,जिसके पास अभिनय
की विशेष कला है। वह निर्देशक के निर्देशों जैसे 'एक्शन', 'कट' आदि को भली भांति समझता
है, और उसी के अनुसार प्रतिक्रिया करता है। वह इतना बुद्धिमान है, कि जहां उसके खड़े
होने के लिए चिह्न बनाए जाते थे, वह वहां अक्सर खुद ही आकर खड़ा हो जाता था। वह
प्रतिदिन निर्धारित 3 घंटे शूटिंग करता था तथा उसके आराम और खाने-पीने का भी विशेष
ध्यान रखा जाता था। इस प्रकार उन्नी को वो सभी सुविधाएं प्राप्त थी, जो एक कलाकार को
होती हैं, बल्कि उनसे भी अधिक.
भारत में मनोरंजन के लिए पशुओं का इस्तेमाल आम बात है, लेकिन इससे उनका अत्यधिक
शोषण भी होता है।इसे रोकने के लिए विभिन्न नियम बनाए गए हैं। कुछ समय पूर्व एनिमल
वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा फिल्मों में पशुओं के इस्तेमाल को लेकर कुछ नियम बनाए
गए, जिससे फिल्म इंडस्ट्री नाखुश है।
पशु कल्याण बोर्ड से सिनेमाघरों में पशु-पक्षियों के
उपयोग के लिए अनुमति पत्र प्राप्त करने के लिए भुगतान की जाने वाली राशि में भारी
वृद्धि की गई है।यदि सिनेमा में कुत्ते, गाय, घोड़े जैसे किसी जानवर का उपयोग किया जाता
है, तो उन्हें भारतीय पशु कल्याण बोर्ड से एनओसी (NOC) प्राप्त करनी होगी, अन्यथा फिल्म
को सेंसर (Censor) नहीं किया जाएगा। पहले एक आवेदन के लिए 1,100 रुपये चार्ज किया
जाता था, किंतु अब फीस बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी गई है। बोर्ड घोड़े के लिए 500 रुपए
चार्ज करता था, जो कि अब 2,000 रुपए है। पहले पूर्व अनुमति के लिए कोई शुल्क नहीं
लगता था, लेकिन अब इसके लिए 25 हजार रुपये देने होंगे। इसके अलावा, टीम को यह
उल्लेख करना होगा कि पत्र में सभी जानवरों का उपयोग कैसे और कहां किया जाएगा और
उन्हें उसी के अनुसार शूट करना होगा।शूटिंग के बाद 'एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया' के
सदस्य सामग्री की जांच करेंगे। इसके बाद एक और अनुमति लेने के लिए टीम को 30,000
रुपये देने होंगे। इस तरह एक फिल्म की प्रोडक्शन (Production) टीम को एक फिल्म के लिए
एक लाख रुपये प्रति फिल्म के हिसाब से बोर्ड को देने पड़ते हैं। हालांकि इस तरह के नियम
आवश्यक भी हैं, ताकि फिल्मों में पशुओं के दुरूपयोग को रोका जा सके।
संदर्भ:
https://wwf.to/3tHQkxW
https://bit.ly/3sQAi5G
https://bit.ly/3hMu6pd
चित्र संदर्भ
1. फिल्म हाथी मेरे साथी के मुख्य कलाकार, बेहद ही प्यारे और अति प्रशिक्षित हाथी, उन्नी को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
2. लखनऊ संग्रहालय में गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमा को दर्शाता चित्रण (prarang)
3. उन्नी हाथी को दर्शाता चित्रण (Twitter
:Dhinesh Kallungal)