Post Viewership from Post Date to 20-Jan-2022 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2141 100 2241

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

खाद्य सुरक्षा की है अकाल में एक महत्वपूर्ण भूमिका

मेरठ

 21-12-2021 09:02 AM
उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

आपदाएं चाहे प्राकृतिक हों, या मानव निर्मित, दोनों का ही अंत बहुत दुखद होता है। अकाल भी एक ऐसी ही आपदा है, जो एक साथ कई लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। सरल शब्दों में समझें तो,अकाल भोजन की व्यापक कमी है, जो कि युद्ध, प्राकृतिक आपदा,फसल की विफलता,जनसंख्या असंतुलन, व्यापक गरीबी,आर्थिक तबाही या सरकारी नीतियों आदि के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है।तकनीकी शब्दों में, अकाल एक ऐसी स्थिति है जहाँ पाँच में से एक परिवार भोजन और अन्य बुनियादी ज़रूरतों की अत्यधिक कमी का अनुभव करता है तथा जहाँ भुखमरी,मृत्यु और अभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।यह घटना आमतौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी,महामारी और बढ़ी हुई मृत्यु दर के साथ या उसके बाद होती है।दुनिया के लगभग हर बसे हुए महाद्वीप ने पूरे इतिहास में अकाल का अनुभव किया है।19वीं और 20वीं शताब्दी में, आम तौर पर दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया (Asia) के साथ-साथ पूर्वी और मध्य यूरोप (Europe) में अकाल के कारण अत्यधिक मौतें हुई।2000 के दशक से अकाल से मरने वाले लोगों की संख्या में तेजी से गिरावट हुई है।2010 से, अफ्रीका (Africa) दुनिया में अकाल से सबसे अधिक प्रभावित महाद्वीप रहा है।8 नवंबर 2021 को विश्व खाद्य कार्यक्रम ने यह चेतावनी दी कि 43 देशों में 45 मिलियन लोग अकाल के कगार पर हैं।भारत एक विकासशील राष्ट्र है जिसकी अर्थव्यवस्था और जनसंख्या मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। यद्यपि कृषि केक्षेत्र में विभिन्न प्रगतियों ने इसकी गुणवत्ता में सुधार किया है, यह अभी भी मुख्य रूप से जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर है।ऐसी कई स्थितियों जैसे वर्षा की कमी या सूखे ने भारत में 11वीं से 17वीं शताब्दी में कई अकालों को जन्म दिया था। भारत में सबसे गंभीर अकालों में बंगाल में 1943 का अकाल, चालीसा में 1783 का अकाल, ग्रेट बंगाल में 1770 का अकाल, 1791 का खोपड़ी (Skull) अकाल, उड़ीसा में 1866 का अकाल, दक्कन में 1630 का अकाल, दक्कन में 1873 का अकाल, आगरा में 1837 का अकाल शामिल हैं। इन सभी अकालों में सबसे गंभीर था,ग्रेट बंगाल का अकाल (जिसमें लगभग 10 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई),खोपड़ी अकाल (जिससे लगभग 11 मिलियन मौतें हुईं और चालीसा अकाल (जिसने औसतन 11 मिलियन लोगों की जान ली)। अकाल न केवल भोजन की व्यापक कमी है, बल्कि यह एक राजनीतिक घोटाला भी है। कई बार राजनीतिक कारणों की वजह से भी लोगों को अकाल जैसी आपदा का सामना करना पड़ा है। उदाहरण के लिए ब्रिटिश भारत के समय ब्रिटिश नीतियों की विफलताओं के कारण भारत के अनेकों क्षेत्रों को अकाल का सामना करना पड़ा था।1942-1944 में बंगाली अकाल आंशिक रूप से युद्ध,फसल विफलताओं, खाद्य जमाखोरी आदि के साथ-साथ ब्रिटिश नीतियों की विफलताओं का परिणाम था। “खाद्य सुरक्षा” की अकाल में एक महत्वपूर्ण भूमिका है।खाद्य सुरक्षा में लोगों को, विशेष रूप से बुनियादी पोषण से वंचित लोगों को पर्याप्त खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है।भारत में खाद्य सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय रहा है।संयुक्त राष्ट्र-भारत के अनुसार, भारत में लगभग 195 मिलियन कुपोषित लोग हैं, जो दुनिया के भूख के बोझ का एक चौथाई है।साथ ही, भारत में लगभग 43% बच्चे लंबे समय से कुपोषित हैं।
खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2020 के संदर्भ में भारत 113 प्रमुख देशों में से 71वें स्थान पर है।यद्यपि उपलब्ध पोषण मानक आवश्यकता का 100% है, लेकिन फिर भी भारत गुणवत्ता प्रोटीन सेवन के मामले में बहुत पीछे है।प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पाद जैसे सोयाबीन, दाल, डेयरी आदि को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराकर इससे निपटने की जरूरत है।ब्रिटिश भारत के समय (जब अकाल के कारण अनेकों लोगों की मौत हुई) जो स्थिति उत्पन्न हुई थी, वह स्थिति फिर से उत्पन्न न हो तथा देश में खाद्य सुरक्षा बनी रहे, इसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक को भोजन का अधिकार दिया गया है। यह अधिकार प्रदान करने के लिए, भारत की संसद ने 2013 में एक कानून बनाया, जिसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के रूप में जाना जाता है।यह अधिनियम भारत की कुल आबादी के लगभग दो तिहाई हिस्से को रियायती खाद्यान्न उपलब्ध कराने का प्रयास करता है।वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, तथा ऐसे समय में जब सभी खाद्य सेवाएं बाधित हो रही हैं,खाद्य सुरक्षा का महत्व और भी अधिक बढ़जाता है।ऑक्सफैम (Oxfam), जो कि गरीबी और अन्याय को खत्म करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन है,अकाल की संभावना को कम करने और दुनिया में भूखमरी को खत्म करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसके द्वारा हैजा या कोरोनावायरस जैसी घातक जल जनित बीमारियों से बचने के लिए किसी भी मानवीय आपात स्थिति में पीने, खाना पकाने और हाथ धोने के लिए साफ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। यह शौचालयों के निर्माण में मदद करता है और साबुन जैसी स्वच्छता वस्तुओं का वितरण करउचित स्वच्छता को प्रोत्साहित करता है। संकट की स्थिति में इसके द्वारानकद राशि वितरित की जाती है, ताकि दुर्लभ या बहुत महंगे खाद्य पदार्थ लोगों को उपलब्ध हो जाएं।इसके द्वारा जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी फूड भी बांटा जाता है।उन क्षेत्रों में जहां किसान फसल लगा सकते हैं, वहां बीज, उपकरण और अन्य सहायता की आपूर्ति में मदद की जाती है। इसके अलावा पशु चिकित्सा सेवाओं, पशुओं के चारे के साथ पशुपालन करने वाले किसानों की भी मदद की जाती है।ऑक्सफैम और अन्य सहायता संगठन दुनिया में भोजन की आपूर्ति पर कोविड -19 के प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं, उन नीतियों की मांग कर रहे हैं,जो एक विनाशकारी समस्या उत्पन्न होने से रोकेंगे तथा बीमारी के प्रसार,अकाल आदि जैसी समस्याओं से निपटने के लिए अल्पकालिक उपाय प्रदान करेंगे।

संदर्भ:

https://bit.ly/3qgptHQ
https://bit.ly/3mksghI
https://bit.ly/3pilA5X
https://bit.ly/33IWEfq

चित्र संदर्भ
1. इथियोपिया में एक परिवार नियोजन तख्ती।बहुत अधिक बच्चे होने के कुछ नकारात्मक प्रभावों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. भूख से पीड़ित जनसंख्या का प्रतिशत को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. प्रति व्यक्ति विश्व खाद्य आपूर्ति (कैलोरी बेस) की वृद्धि को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • vfrnhh
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 12:41 PM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM


  • मेरठ क्षेत्र में किसानों की सेवा करती हैं, ऊपरी गंगा व पूर्वी यमुना नहरें
    नदियाँ

     18-12-2024 09:26 AM


  • विभिन्न पक्षी प्रजातियों के लिए, एक महत्वपूर्ण आवास है हस्तिनापुर अभयारण्य की आर्द्रभूमि
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:29 AM


  • डीज़ल जनरेटरों के उपयोग पर, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के क्या हैं नए दिशानिर्देश ?
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:33 AM


  • आइए देखें, लैटिन अमेरिकी क्रिसमस गीतों से संबंधित कुछ चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:46 AM


  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर जानिए, बिजली बचाने के कारगर उपायों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id