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आज यातायात के उन्नत साधनों के बीच घुड़सवारी के रोमांच का अनुभव करना एक सपने
की भांति लगता है। किंतु राजतन्त्र (राजाओं के शाशन काल का दौर) के दौरान घोड़े पर
बैठकर दूर-दराज के क्षेत्रों में भ्रमण और शिकार आदि पर निकलना बेहद आम प्रथा रही है।
हालांकि पुरुषों के लिए घुड़सवारी करना कोई कठिन काम नहीं था, किंतु महिलाओं के
परंपरागत परिधान, उनके लिए घुड़सवारी के विषय को तुलनात्मक रूप से जटिल बना देते
थे। लेकिन बगल की काठी (Sidesaddle Riding) ने महिलाओं के घुड़सवारी से जुडी इस
अहम् समस्या को भी सुलझा दिया।
साइडसैडल राइडिंग या बगल की काठी, घुड़सवारी का एक रूप है, जिसके अंतर्गत एक प्रकार
की काठी का उपयोग किया जाता है, जो एक घुड़सवार (आमतौर पर महिला) को घोड़े पर
सवार होने के बजाय एक तरफ बैठने की अनुमति देता है। घोड़े के एक ही तरफ दोनों पैरों से
सवार महिलाओं के शुरुआती चित्रण ग्रीक फूलदानों, मूर्तियों और सेल्टिक पत्थरों में देखे जा
सकते हैं। मध्यकालीन चित्रण महिलाओं को एक पुरुष के नेतृत्व में घोड़े के साथ बैठे हुए, या
एक पुरुष सवार के पीछे एक छोटी गद्देदार सीट (एक पिलर) पर बैठे हुए दिखाते हैं। हालांकि
रूस की कैथरीन द ग्रेट (Catherine the Great of Russia) सहित कई प्रमुख महिलाओं ने
साइड सैडल की सवारी करने से इनकार कर दिया। लेकिन जो महिलाएं काफी दूरियों की
सवारी करती थीं, वे बगल की काठी पर आराम से सफर तय करने का विकल्प चुनने के लिए
इच्छुक थीं। विशेष रूप से विक्टोरियन काल के दौरान, साइडसैडल में काफी सुधार हुआ।
उस समय सिंगल या डबल रकाब और पॉमेल्स (single or double stirrups and
pommels) की विभिन्न व्यवस्थाएं उपयोग में थीं, साथ ही महिलाएं अभी भी एक या दो
रकाब में या शेल्फ पर दोनों पैरों के साथ-साथ बैठ सकती थीं।
कुछ मामलों में महिला अपने पैर को काठी के सामने वाले पोमेल पर टिका देती है, जिससे
वह थोड़ा आगे की ओर मुड़ जाती है। इस स्थिति को विकसित करने का श्रेय रानी कैथरीन
डी मेडिसी (Catherine de Medici) को दिया जाता है। ज्यादातर महिलाएं अपने पैरों को
घोड़े की बाईं ओर (जिसे "निकट" पक्ष ("near" side) कहा जाता है) रखकर सवारी करती
थी। कुछ महिलाओं ने साइड सैंडल का उपयोग करके अद्भुत युद्धाभ्यास हासिल किया।
साइड सैंडल पर महिलाओं ने युद्ध के मैदानों, ओलंपिक में और हजारों मील के ट्रैक यात्रायें
भी की हैं।
1900 और 1950 के बीच साइड सैंडल्स उपयोग से बाहर हो गए, क्योंकि महिलाओं के लिए
घुड़सवारी करना और सवारी करते समय पतलून पहनना स्वीकार्य हो गया। आज साइड
सैंडल का प्रयोग कुछ आधुनिक सवार, हॉर्स शो रिंग में, ऐतिहासिक पुनर्मूल्यांकन में, और
परेड या अन्य प्रदर्शनियों में करने लगे हैं। आधुनिक साइडडल राइडर (saddle rider) को
कई घुड़सवारी विषयों (Events) में देखा जा सकता है, जिसमें ड्रेसेज, इवेंटिंग और शो जंपिंग
(dressage, eventing and show jumping) शामिल हैं। इसके अलावा, साइड सैंडल
कुछ चिकित्सीय सवारी (therapeutic riding) कार्यक्रमों का हिस्सा बन गया है, क्योंकि
सैंडल का डिज़ाइन कुछ प्रकार के सवारों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
घुड़ दौड़ खेलों, और घुड़सवारी के शौकीनों के बीच साइड-सैडल अभी चलन में है। यह भारत
में बड़े पैमाने पर उपयोग में है, क्योंकि यह दोनों तरफ से गधे जैसे जानवरों में भार वहन
करने की सुविधा प्रदान करता है। इसका उपयोग मनुष्यों द्वारा परिवहन सामग्री के रूप में
किया जाता है। पारंपरिक बोझा ढोने वाले जानवरों में ऊंट, बकरी, याक, बारहसिंगा, पानी
वाली भैंस, और लामाओं के साथ-साथ घोड़े और गधे जैसे जानवर शामिल हैं। गधा देश के
सभी हिस्सों में भेड़ और बकरी पालन प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। इसका उपयोग
मनुष्यों के लिए विभिन्न सेवाओं जैसे कि माल का परिवहन, निर्माण कार्य, ट्रैकिंग और
पर्यटन के लिए किया जाता है। गधों को मुख्य रूप से (91%) गरीब और सामाजिक रूप से
निम्न जाति के परिवारों द्वारा पाला जाता है। गधा औसतन 6-10 घंटे/दिन के बीच काम
करता है। पैक पशु के रूप में गधे 60 से 90 किलोग्राम वजन और एक गाड़ी में 100 से 500
किलोग्राम वजन ढो सकते हैं। बोझा ढोने वाले जानवरों को पैक जानवर कहा जाता है। यह
जानवर बोझ को खींचने के बजाय पीठ पर ढोते हैं।
चूंकि गधे इंसानों की तुलना में अधिक भार ढोते हैं, इसलिए कई बार गधों पर उनकी क्षमता
से अधिक बोझ लादने की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं। जो इन मूक जानवरों के लिए
बेहद नुकसानदायक या एक तरह का अत्याचार साबित होती हैं। इसी के मद्देनज़र प्रशाशन
द्वारा गधों पर 50 किलों से अधिक बार लादने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
संदर्भ
https://cutt.ly/7Ynny2L
https://cutt.ly/aYnni0G
https://cutt.ly/dYnnpJY
https://cutt.ly/wYnns8O
https://cutt.ly/rYnngLM
https://cutt.ly/KYnnlhw
https://en.wikipedia.org/wiki/Pack_animal
चित्र संदर्भ
1. आधुनिक अंग्रेजी साइडडल क्लास में सवार महिला को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. एक युवा महिला के रूप में कैथरीन द ग्रेट का घुड़सवारी का चित्रण (wikimedia)
3. एक प्राचीन दो पोमेल साइडसैडल (pommel sidesaddle) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. साइडसैडल में पैर की सही स्थिति को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. सैनिक द्वारा गधे का पैक जानवर के रूप में प्रयोग को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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