Post Viewership from Post Date to 07-Dec-2021 (5th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2590 156 2746

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

कहां है सात समंदर पार जहां जाने से पूर्व गांधीजी को करने पड़े थे 3 प्रसिद्द वादे

मेरठ

 03-12-2021 07:29 PM
समुद्र

भारतीय संस्कृति में जब कोई व्यक्ति भारत से बाहर के देशों (यूरोप और अमेरिका) में जाता है, तो प्रायः यह कहने के बजाय की वह विदेश गया है, आमतौर पर यह कहा जाता है की वह "सात समंदर पार" गया है। खासतौर पर पढ़ाई और नौकरी करने के लिए भारतीय युवाओं में विदेश "सात समंदर पार" जाने की होड़ मची रहती है। जितना रोमांच आपको विदेश यात्रा करने में आएगा, संभवतः उतना ही आनंद आपको "सात समुंदर पार" की कहावत के पीछे के प्रयोजन को जानने में भी आएगा।
भारत में "सात समंदर पार " एक कहावत के रूप में प्रसिद्द है, जो प्रायः दूरस्थ और विदेशी भूमि के लिए संदर्भित की जाती है, जहां पहुंचने के लिए आपको समुद्र पार करने पड़ते हैं। आप इसका उपयोग नजदीकी देश के लिए नहीं कर सकते हैं, जहां जमीनी माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। सात समंदर पार मुहावरा ज्ञात दुनिया के सभी समुद्रों के लिए एक आलंकारिक शब्द था। कुछ संस्कृतियों में इस वाक्यांश का उपयोग कला और लोकप्रिय संस्कृति में नाविकों और समुद्री डाकुओं के संदर्भ में किया जाता था। इसे भूमध्य सागर, अफ्रीका और भारत के पूर्व में अरब सात समुद्रों से जोड़ा जा सकता है। या कभी-कभी कैरेबियन सागर और अमेरिका के आसपास के समुद्रों (ब्लैकबीर्ड Blackbeard जैसे समुद्री लुटेरों के साथ) जोड़ा जाता है।
सात समुद्र कई राष्ट्रों के स्थानीय भाषा का हिस्सा रहे हैं। प्राचीन हिंदुओं, चीनी, फारसी, रोमन और अन्य देशों के साहित्य में इसका उल्लेख किया गया है। इस शब्द को अब सात महासागरों (जल के महासागरीय पिंडों) के संदर्भ में भी लिया जा सकता है:
1. आर्कटिक (Arctic) महासागर
2. उत्तरी अटलांटिक (North Atlantic) महासागर
3. दक्षिण अटलांटिक (South Atlantic) महासागर
4. हिंद महासागर
5. उत्तरी प्रशांत महासागर
6. दक्षिण प्रशांत महासागर
7. दक्षिणी (या अंटार्कटिक) महासागर
अरबों और उनके निकटवर्ती पड़ोसियों ने सात समुद्रों (अरबी: البحار السبعة‎) को पूर्व में अपनी यात्राओं के बीच में पड़ने वाले समुद्रों के रूप में माना। वे प्राचीन काल में व्यापारिक मार्ग थे। और प्रोफेट मुहम्मद के समय से, वे ऐसे स्थान रहे, जिनके माध्यम से इस्लाम का प्रसार हुआ। 9वीं शताब्दी ईस्वी में, लेखक याक़ुबी ने लिखा की ”जो कोई भी चीन जाना चाहता है, उसे सात समुद्रों को पार करना होगा, इनमे से प्रत्येक का अपना रंग, हवा और मछली है।”
१.उनमें से पहला फारस का सागर है।
२.दूसरा समुद्र रा'स अल-जुम्हा (Ra's al-Jumha) से शुरू होता है, और इसे लारवी कहा जाता है। यह एक बड़ा समुद्र है। इस समुद्र को केवल सितारों द्वारा ही पार किया जा सकता है। इसमें विशाल मछलियाँ हैं।
3.तीसरे समुद्र को हरकंद कहा जाता है, और इसमें सारंदीब द्वीप है, जिसके भीतर कीमती पत्थर और माणिक हैं। इस समुद्र के द्वीपों में बांस और रतन उगते हैं।
४.चौथे समुद्र को कलाह कहा जाता है और यह उथला और विशाल नागों से भरा हुआ है। कभी-कभी वे हवा की सवारी करते हैं और जहाजों को तोड़ते हैं।
५.पाँचवे समुद्र को सलाहित कहा जाता है, और यह बहुत विशाल समुद्र है, जो अजूबों से भरा हुआ है।
६.छठा समुद्र कर्दंज कहलाता है; यह भारी वर्षा को संदर्भित करता है।
७.सातवें समुद्र को सांजी का समुद्र कहा जाता है, जिसे कांजली के नाम से भी जाना जाता है। यह चीन का समुद्र है।
यदि वर्तमान के समुद्रों से हम इनकी तुलना करें तो यह इस प्रकार हैं:
1. फारस की खाड़ी ("फ़ार्स का सागर")
2. अरब सागर ("सी ऑफ लारवी")
3. बंगाल की खाड़ी ("हरकंद का सागर")
4. मलक्का जलडमरूमध्य ("कलाह का सागर")
5. सिंगापुर जलडमरूमध्य ("सलाहित का सागर")
6. थाईलैंड की खाड़ी ("कार्दंज सागर")
7. दक्षिण चीन सागर ("सांजी का सागर")
ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में चीन से इंग्लैंड के लिए क्लिपर शिप टी रूट (Clipper Ship Tea Route from China to England) दुनिया का सबसे लंबा व्यापार मार्ग था। सात समुद्रों के माध्यम से नाविकों को डच ईस्ट इंडीज ले जाया गया। इन समुद्रों में बांदा सागर, सेलेबस सागर, फ्लोर्स सागर, जावा सागर, दक्षिण चीन सागर, सुलु सागर और तिमोर सागर शामिल हैं। उस समय अगर किसी ने सात समुद्रों को पार किया , तो इसका मतलब था कि वह दुनिया के दूसरी तरफ गया था, और लौट आया था।
भारत के प्राचीन ग्रंथ और किंवदंतियां सात समुद्रों या सप्त सिंधु (सोप्तो सिंधु) की बात करती हैं। विभिन्न भाषाओं में सिंधु और सागर का मतलब समुद्र होता है। विष्णु पुराण के अनुसार, समुद्र प्रायः
1. लवना/लोबोन (नमक),
2. इक्सू/इक्खु (गन्ना),
3. सुरा/सुरा (शराब),
4. सरपी (स्पष्ट मक्खन या घी),
5. दही/दोधी (दही ),
6. दुग्धा /दुग्धो (दूध) और
7. जाला/जोल (पानी) रहे होंगे।
ऑक्सस (Oxus) नदी बनाने वाली धाराओं को संदर्भित करने के लिए फारसियों ने "सात समुद्र" शब्द का इस्तेमाल किया।
तल्मूडिस्ट
बेबीलोन के तल्मूड में सात समुद्रों और चार नदियों का उल्लेख है,जो इस्राएल की भूमि को घेरे हुए हैं। यह सात समुद्र प्रायः निम्न हैं:
1.तिबरियास का समुद्र,
2. सदोम का सागर,
3. हेलत का सागर
4. हिल्टा का सागर ,
5. सिबके का सागर,
6. असपामिया का सागर
7. महान सागर। और चार नदियाँ जॉर्डन, यार्मुक, केरामायहोन और पिगाह हैं।
एज ऑफ़ डिस्कवरी (Age of Discovery) के दौरान अमेरिका की खोज के बाद, "सात समुद्र" को कुछ लोगों ने इस रूप में माना।
1. प्रशांत महासागर
2. अटलांटिक महासागर
3. हिंद महासागर
4. आर्कटिक महासागर
5. भूमध्य सागर
6. कैरेबियन सागर
7. मेक्सिको की खाड़ी
हमारा मेरठ शहर ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ 1857 के विद्रोह के शुरुआती बिंदु होने के लिए प्रसिद्ध है। यह भारत की सबसे बड़ी छावनियों में से एक माना जाता है। यहां विभिन्न समुद्री प्रशिक्षण संस्थान भी हैं, जहां हमारे देश के आसपास के महासागरों और समुद्रों को सुरक्षित करने के लिए नौसेना अधिकारियों को तैयार किया जाता है। जिनके ऊपर सात समुंदरों में से एक "हिंद महासागर" की सुरक्षा जैसी अहम् जिम्मेदारी होती है।
मोहनदास करमचंद गांधी या महात्मा गांधी एक ऐसा नाम है जिन्हे सभी राष्ट्रपिता के रूप में जानते हैं। मोहनदास करमचंद गांधी एक भारतीय गुजराती हिंदू मोध बनिया परिवार से थे। वह अपनी मां की धार्मिक विचार प्रक्रिया और विचारधाराओं से बहुत प्रभावित थे। उनकी मां प्रणमी वैष्णव हिंदू परिवार से थीं और बिना प्रार्थना किए भोजन नहीं करती थीं। वह लगातार कई दिनों तक उपवास करती थीं। 1887 में गांधी ने अहमदाबाद के हाई स्कूल से स्नातक किया। अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, गांधी ने लंदन में कानून की पढाई करने की इच्छा जताई। हालाँकि, यह विचार उनकी माँ और उनकी पत्नी दोनों को ही रास नहीं आया। दरअसल उनकी मां की सबसे बड़ी चिंता सात समुंदर पार की 'पश्चिमी संस्कृति', मांस खाने, पीने और महिलाओं की संगति के आकर्षण थे। अपनी माँ और पत्नी के मन की व्यथा को समझकर उन्होंने माँ से तीन वादे किये। उनके प्रसिद्ध तीन वादे “न शराब, न महिला और न ही मांस” के रूप में लोकप्रिय हुए। अपने प्रसिद्ध तीन वादों को करने के बाद ही उनकी मां ने भरोसा किया, और उन्हें सात समंदर पार लंदन की यात्रा करने की अनुमति दी।

संदर्भ
https://bit.ly/3rvA83y
https://bit.ly/3piJOLT
https://bit.ly/3ofG9iI

चित्र संदर्भ   
1. सूरत में ताप्ती नदी पर बने प्राचीन पुल को दर्शाता एक दुर्लभ चित्रण (prarang)
2. डे स्टैड कोयलांग (de stad coylang ) को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
3. गांधीजी की माताश्री पुतलीबाई को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id