सर्दियाँ शुरू होते ही रामपुर की गलियों से यहाँ के मशहूर अदरक के हलवे की ख़ुश्बू फिज़ाओं में घुल जाती है। अदरक का हलवा, रामपुर का एक ख़ास और मशहूर व्यंजन है। इसे बनाने के लिए, अदरक को कद्दूकस किया जाता है और फिर दूध, चीनी, और देसी घी के साथ उबाला जाता है। यह व्यंजन, खासतौर पर ठंड के मौसम में बहुत फ़ायदेमंद साबित होता है। यह सर्दी, जुकाम, फ़्लू और अन्य वायरल संक्रमणों से राहत दिलाने में मदद करता है। आज के इस रोचक लेख में हम ऐसी कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और मसालों के बारे में जानेंगे, जो वायरल संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इनमें गिलोय, तुलसी, हल्दी, और मुलेठी आदि प्रमुख हैं। साथ ही रामपुर के अदरक के हलवे के औषधीय गुणों पर भी चर्चा करेंगे।
आइए, सबसे पहले उन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में जानते हैं, जो आपको आप घर पर ही वायरल संक्रमण से राहत पहुंचा सकते हैं:
1. गिलोय: गिलोय, को गुडुची भी कहा जाता है। इसे सर्दी-खांसी को दूर करने के लिए बहुत ही प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है। यह जड़ी-बूटी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करती है और संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। यह पाचन सुधारती है, सूजन कम करती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है। आप गिलोय का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार पी सकते हैं। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें पुदीने की पत्तियाँ भी मिलाई जा सकती हैं।
2. तुलसी: तुलसी के एंटीवायरल और एंटी- इंफ़्लेमेटरी गुण इसे वायरल संक्रमण को दूर करने के लिए बहुत ही प्रभावी बनाते हैं। यह बलगम हटाती है, बुखार कम करती है और वायुमार्ग को भी साफ़ करती है। दिन में कई बार तुलसी की चाय पीने से तुरंत ऊर्जा और ताकत मिलती है। आप चाहें तो कच्ची तुलसी के पत्ते को भी चबा सकते हैं, या इसे शहद के साथ ले सकते हैं। तुलसी तनाव और चिंता को भी कम करती है, और पाचन को बेहतर बनाती है।
3. हल्दी: हल्दी एक मसाले के साथ -साथ एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि का भी काम करती है। इसमें सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। हल्दी बुखार कम करती है, गले की खराश को ठीक करती है और इम्युनिटी को बढ़ाती है। हल्दी वाला दूध बनाने के लिए, 1 चम्मच हल्दी पाउडर को 1 कप दूध में उबालें। आप इसमें स्वाद के लिए शहद या गुड़ मिला सकते हैं।
4. मुलेठी: मुलेठी को गले की खराश और खांसी को दूर करने के लिए एक प्रभावी जड़ी-बूटी माना जाता है। यह बलगम को पतला और ढीला करती है, जिससे खांसी से राहत मिलती है। आप 1 चम्मच मुलेठी पाउडर को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर पी सकते हैं। आप चाहें तो मुलेठी की जड़ और अदरक डालकर चाय भी बना सकते हैं।
5. पिप्पली: पिप्पली खांसी और जुकाम के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। यह बलगम को पतला करती है, जिससे सांस लेना आसान होता है। यह सिरदर्द और नाक बंद होने जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाती है।
6. दालचीनी: दालचीनी सर्दी-खांसी और गले की खराश में राहत देती है। इसमें एंटीवायरल और एंटी- इंफ़्लेमेटरी (Antiviral and anti-inflammatory) गुण होते हैं, जो शरीर की संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
7. आंवला: आयुर्वेद में आंवले को एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है। इसे विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत माना जाता है, जो खासतौर पर सर्दियों में उपलब्ध होता है। इसे आहार में शामिल करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। आंवला साफ़ त्वचा, अच्छा पाचन, और स्वस्थ बालों के लिए भी फ़ायदेमंद है।
8. लहसुन: लहसुन में एलिसिन होता है, जो जीवाणुरोधी और एंटीफ़ंगल गुणों से भरपूर होता है। नियमित रूप से लहसुन खाने वालों को सर्दी-खांसी कम होती है। कच्चा लहसुन खाली पेट खाने से इसका अधिक लाभ मिलता है। यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी सहायक होता है।
9. अदरक और शहद: आपने ध्यान दिया होगा कि सर्दियों में अदरक वाली चाय की तलब अक्सर बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अदरक शरीर को गर्म करता है और इसमें सूजन कम करने वाले तत्व होते हैं। अदरक गले की खराश को ठीक करने और कंजेशन को कम करने में भी मदद करती है। अदरक वायरस से लड़ने में भी सहायक होती है। इसके अलावा शहद में भी सूजन-रोधी गुण होते हैं। यह गले को आराम देता है और खांसी को कम करता है। रोज़ एक चम्मच ताज़ा अदरक के रस में शहद मिलाकर पीने से मौसमी संक्रमण से बचा जा सकता है। अदरक न सिर्फ़ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करती है बल्कि सूजन और गैस से भी राहत दिलाती है। यह चयापचय को भी सुधारती है।
10. गुड़: गुड़ एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जो सर्दियों में इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। यह शरीर को गर्म रखता है और पाचन को भी बेहतर बनाता है। यही कारण है कि सर्दियाँ शुरू होते ही गज्जक, लड्डू और गुड़ से बने अन्य स्नैक्स लोकप्रिय हो जाते हैं।
रामपुर में मशहूर अदरक-घी का हलवा सर्दियों में वायरल फ़्लू को रोकने में कैसे मदद करता है?
रामपुर में अदरक के हलवे की परंपरा नवाबी दौर से शुरू हुई थी। पहले इस हलवे को केवल शाही महल में बनाया जाता था। यह नवाबों के पसंदीदा व्यंजनों में से एक था। लेकिन आज इसे आम लोग भी अपने घरों में बना सकते हैं। इसे सर्दियों में सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। हालांकि आज भी रामपुर में यह हलवा नवाबों की पारंपरिक विधि से ही बनाया जाता है। रामपुर में रहने वाले अब्दुल अहद, की पिछली चार पीढ़ियाँ इस हलवे को बना रही हैं। उनके अनुसार उनके परदादा नवाबों के लिए यह हलवा बनाते थे। उनकी दुकान रामपुर की सबसे पुरानी दुकान मानी जाती है।
इस हलवे की खास बात यह है कि इसका स्वाद और गुणवत्ता आज भी पहले जैसी ही है। यह हलवा, 560 रुपये प्रति किलो की कीमत पर मिलता है। सर्दियों में अदरक घी के हलवे का सेवन करना, हमारी सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद हो सकता है। यह गले को आराम देता है और गंभीर खांसी-जुकाम में मदद करता है। हल्दी और काली मिर्च के सूजन-रोधी गुण इसे और अधिक प्रभावी बनाते हैं। ये आंत के स्वास्थ्य को सुधारने में भी सहायक हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2c2kuap9
https://tinyurl.com/27kce2to
https://tinyurl.com/2yer8gph
https://tinyurl.com/2xkqwuxw
https://tinyurl.com/2brwuzyl
चित्र संदर्भ
1. एक कटोरी में हलवे को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. गिलोय के पौधे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. हल्दी पीसती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
4. मुलेठी की जड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
5. आंवले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. शहद और अदरक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. मेवों के साथ परोसे गए हलवे को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)