व्यस्त जीवन शैली के चलते भारत में भी काफी तेजी से बढ़ रहा है सुविधाजनक भोजन का प्रचलन

स्वाद - भोजन का इतिहास
24-06-2022 09:51 AM
Post Viewership from Post Date to 24- Jul-2022 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
1129 8 0 1137
* Please see metrics definition on bottom of this page.
व्यस्त जीवन शैली के चलते भारत में भी काफी तेजी से बढ़ रहा है सुविधाजनक भोजन का प्रचलन

'सुविधाजनक भोजन' की अवधारणा पश्चिम में लंबे समय से लोकप्रिय है। वैश्वीकरण के प्रभाव से शायद भारतीयों के खान-पान में बदलाव आ रहा है। भारत में खाने के लिए तैयार भोजन की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के कारण भारत में खाद्य बाजार प्रभावी रूप से बदल रहा है। खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थ या पैक (Packed) खाद्य पदार्थ या तत्काल तैयार भोजन ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें बहुत कम या बिना तैयारी की आवश्यकता होती है। इनमें खाने के लिए तैयार चावल या नूडल्स, पका हुआ मांस और मुर्गी, मसाले और सॉस के साथ जमे हुए सब्जी के व्यंजन शामिल हैं, तथा इनकी लोकप्रियता के पीछे का कारण इनका बिना किसी समय लेने वाली तैयारी के सीधे उपभोग करना है। वर्तमान समय में तेजी से शहरीकरण, खाना पकाने के समय की कमी और उपभोक्ताओं की जीवनशैली में बदलाव के चलते लोगों में तैयार खाद्य पदार्थ की मांग बहुत वृद्धि हुई है, जिसके चलते खाने के लिए तैयार खाद्य बाजार में काफी विकास देखा गया है। जैसे उपभोक्ताओं की धारणाओं और खरीद मूल्यों में परिवर्तन ने आहार जीवन से संबंधित उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित किया है, जैसे कि भोजन का चयन और खपत। व्यक्तिगत भोजन विकल्प उनके जीवन के अनुभवों पर आधारित होते हैं, और इन अनुभवों ने लोगों को स्वस्थ खाद्य पदार्थों के सेवन के प्रति जागरूक किया है। वहीं अध्ययनों से यह भी पता चला है कि आहार और स्वास्थ्य के बीच संबंधों की बढ़ती जागरूकता के कारण उपभोक्ता खाद्य सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं।इसलिए वे कोई भी खरीदारी के निर्णय को लेने से पहले भोजन की गुणवत्ता और स्वाद की अनुभूति पर भी विशेष ध्यान देते हैं।
इसलिए स्वस्थ खाद्य पदार्थों की मांग में वृद्धि ने पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के एक पूरे नवीन खंड को जन्म दिया है जिसमें प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ, स्वस्थ साबुत अनाज, बीज और नट्स (Nuts) को शामिल किया जाना है। कई ब्रांडों (Brand) ने अपने उत्पाद में बाजरा को समायोजित करने के लिए सचेत प्रयास किए हैं। वहीं लस मुक्त (gluten free) खाद्य पदार्थों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।एक उपभोक्ता सर्वेक्षण के अनुसार, 52% लोग सप्ताह में दो से चार बार खाने के लिए तैयार भोजन का सेवन करते हैं। खाने के लिए तैयार भोजन के उपभोग की आवृत्ति इसकी सुविधा और समय बचाने वाले कारकों के सापेक्ष काफी तेजी से बढ़ रही है।
युवा पीढ़ी सबसे अधिक सुविधा- संचालित होती है और ऐसा भोजन पसंद करती है जो खरीदने, संरक्षित करने, तैयार करने और पकाने में आसान हो। इसलिए, इस तरह की मांग की प्रतिक्रिया के रूप में, खाद्य उद्योग ने अपने तैयार भोजन विकल्पों को विभिन्न प्रकार के स्वादों, बनावटों और रूप में विस्तारित किया है।वहीं आजकल, खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थों के उत्पाद को अधिक समय तक संरक्षित रखने के लिए कई नए विचार भी उपलब्ध हैं। इस प्रकार, ये खाने के लिए तैयार उत्पादों की स्थायित्व और उपलब्धता को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है। पैकेजिंग प्रौद्योगिकी और आकर्षक पैकेजिंग डिजाइन के क्षेत्रों में प्रगति भी सबसे उल्लेखनीय कारक हैं जो खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थों के सकारात्मक खरीद अनुभव में योगदान करते हैं। 'इंडिया रेडी-टू-कुक मार्केट आउटलुक, 2021 (India Ready-To-Cook Market Outlook, 2021)' इंगित करता है कि खाने के लिए तैयार खंड का बाजार पिछले पांच वर्षों में 15-20 प्रतिशत की सीएजीआर (CAGR) से बढ़ा है। रिसर्च एंड मार्केट्स (Research & Markets) के अनुसार, भारतीय खाने के लिए तैयार बाजार 2017 में 261 मिलियन डॉलर का था और 2018-2023 के दौरान लगभग 16 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 2023 तक 647 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
एसोचैम (Assocham) के एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि आज लगभग 79 प्रतिशत भारतीय परिवार समय की कमी के कारण तत्काल भोजन करना पसंद करते हैं।उपभोक्ताओं द्वारा तैयार भोजन खाने के पीछे का सबसे आम कारण है कि कामकाजी लोगों को उचित भोजन पकाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है; बाहरी भोजन की तुलना में तैयार भोजन उपभोग के लिए सुरक्षित होता है; तैयार फ्रोज़न फलों और सब्जियों को किसी भी स्थान पर ले जाया जा सकता है; और तैयार भोजन तुलनात्मक रूप से किफायती भी होता है।खाने के लिए तैयार भोजन में डिब्बाबंद भोजन, सुविधाजनक भोजन, फास्ट फूड, फ्रोज़न भोजन, तत्काल उत्पाद, सूखा भोजन, संरक्षित भोजन आदि शामिल हैं। साथ ही कामकाजी महिलाओं की बढ़ती संख्या भी इस बाजार को चलाने में मुख्य कारकों में से एक है। इसके अलावा, अधिक रोजगार की संभावनाओं ने टियर 1 और टियर 2 शहरों से महानगरीय क्षेत्रों में लोगों के प्रवास को प्रेरित किया है, जिसके परिणामस्वरूप खाने के लिए तैयार भोजन के व्यवसाय का विस्तार हुआ है।
इसके अतिरिक्त, माइक्रोवेव (Microwaves) और अन्य तकनीकी प्रगति भी अन्य कारक हैं जिन्होंने खाने के लिए तैयार खाद्य उत्पादों की मांग को बढ़ा दिया है। इसके अलावा, मीडिया जागरूकता, साक्षरता दर और जीवन स्तर में वृद्धि के कारण, लोग खाद्य उत्पादों के मामले में स्वास्थ्य और स्वच्छता मानकों के प्रति अधिक ग्रहणशील हो गए हैं।बड़े खुदरा व्यवसायों के उद्भव ने देश में खाने के लिए तैयार खाद्य उत्पादों की बढ़ती मांग को भी सहायता प्रदान की है।

संदर्भ :-

https://bit.ly/3yasvT3
https://bbc.in/3zT27OC
https://bit.ly/3y7djpJ
https://bit.ly/3n5Wu86

चित्र संदर्भ

1. पैक्ड फ़ूड को दर्शाता एक चित्रण (Picryl)
2. डिब्बाबंद भोजन और पेय का नमूने को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. एक केक मिक्स को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. भारतीय शाकाहारी भोजन को दर्शाता एक चित्रण (flickr)