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भारत में ओटीटी (OTTs - Over the Top) बाजार के आकार के अनुसार, खपत के मिनट 2021 में 181
से बढ़कर 204 बिलियन मिनट हो गए थे।हालांकि इस तथ्य को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है
कि ओटीटी काफी प्रचलित हो रहा है। लेकिन इस वृद्धि के पीछे का कारण क्या है, और यह
अत्यधिक विविध भारतीय दर्शकों को कैसे प्रभावित करता है?ओटीटी ने महामारी के दूसरे वर्ष में
भारत में निरंतर वृद्धि को जारी रखा, जो $1.8-2.2 बिलियन का कार्यक्षेत्र बन गया है, और घरेलू
मीडिया (Media) और मनोरंजन उद्योग का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र बन गया।अधिकांश विकास
महामारी द्वारा संचालित किया गया है, जिसने वीडियो-स्ट्रीमिंग (Video-streaming) को लाखों भारतीयों
के लिए एक पसंदीदा मनोरंजन साधन बना दिया है, और थिएटर (Theatre) बंद होने के साथ ये नए
प्रकाशन के लिए एकमात्र अवसर प्रदान करते हैं। 2015 के बाद से भारत में ओटीटी सेवाओं की
संख्या में 4 गुना उछाल आया है। ओटीटी क्षेत्र सभी प्रकार के सामग्री प्रदाताओं का प्रतिनिधित्व करने
वाले 40से अधिक प्रतिभागियों के साथ उभरते बाजारों में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी है।लोगों द्वारा
डिजिटल को अपनाने में वृद्धि के साथ पारंपरिक मीडिया की हिस्सेदारी धीरे-धीरे घट रही है।भले ही
भारत का ओटीटी राजस्व आज बड़े पैमाने पर विज्ञापन से संचालित होता है, सब्सक्रिप्शन
(Subscription) राजस्व तेज गति से बढ़ रहा है।ऐसा अनुमान है कि सब्सक्रिप्शन-आधारित वीडियो-
ऑन-डिमांड (Subscription video-on-demand) 2030 तक ओटीटी राजस्व का 60% हिस्सा हो सकता
है।जैसा कि सब्सक्रिप्शन वीडियो-ऑन-डिमांड के राजस्व में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि को
देखा गया है और आने वाले वर्षों में विज्ञापन-आधारित वीडियो ऑन डिमांड (Advertising-Based Video
on Demand) से आगे निकलने की उम्मीद है। सब्सक्रिप्शन में यह मजबूत वृद्धि बंडलिंग (Bundling)
और मूल्य निर्धारण नवाचारों के माध्यम से उपयोगकर्ता आधार का विस्तार करने के लिए की गई
विभिन्न पहलों के कारण है, जो प्रकरण में महत्वपूर्ण निवेश द्वारा समर्थित है।भारत में 96 मिलियन
सक्रिय प्रदत्त ओटीटी सब्सक्रिप्शन हैं,साथ ही 40.7 मिलियन भुगतान करने वाले दर्शकों में औसतन
2.4 सब्सक्रिप्शन प्रति भुगतान करने वाले दर्शक सदस्य मौजूद हैं।भारत में सबसे अधिक सदस्यता
की संख्या मुख्य ओटीटी प्रतिभागियों में, डिज़्नी+ हॉटस्टार(Disney+ Hotstar - जिसके पास फ़िल्म-
आधारित मनोरंजन और खेल प्रसारण (भारतीय क्रिकेट और आईपीएल) की एक दिलचस्प स्लेट है)
की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में इसका 50% हिस्सा है। अमेज़न प्राइम वीडियो
(Amazon Prime Video) का बाज़ार में 19% हिस्सा है, जबकि नेटफ्लिक्स आयतन के मामले में
केवल 5% के साथ सूची में तीसरे स्थान पर है।हालांकि, जब सब्सक्रिप्शन-आधारित वीडियो-ऑन-
डिमांड के बीच राजस्व की बात आती है, तो नेटफ्लिक्स का बाजार के 29% राजस्व के साथ सबसे
शीर्ष में है। इसके बाद डिज़नी+ हॉटस्टार 25% और अमेज़न प्राइम 22% आते हैं।साथ ही, यह भी
सामने आया कि दर्शक प्रकरण की भाषा से अलग-थलग महसूस नहीं करते हैं क्योंकि उपशीर्षक ने
भाषा की बाधा को काफी हद तक तोड़ने में मदद की है।अमेज़ॅन प्राइम वीडियो के आंकड़ों के अनुसार,
तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सहित इसके क्षेत्रीय प्रकरण के लिए 50% से अधिक दर्शकों की संख्या
उनके संबंधित राज्यों के बाहर से आती है।नेटफ्लिक्स में दर्शकों द्वारा कोरियाई (Korean)प्रकरण
देखने में 400% की वृद्धि, बच्चों के कार्यक्रमों में 100% की वृद्धि और दुनिया भर से पटकथा के
बिना वाले प्रारूपों में 250% की वृद्धि को देखा गयाहै।
सब्सक्रिप्शन में वृद्धि के शीर्ष रुझान और विकास संचालक निम्न हैं:
1. प्रीमियम (Premium) और वास्तविक प्रकरण: यह भारत में ओटीटी खपत में वृद्धि के सीधे
आनुपातिक है। इसने न केवल सदस्यता वृद्धि को बढ़ावा दिया है, बल्कि इसने भारतीय प्रकरण
को वैश्विक मंच तक भी जाने में मदद की है। उदाहरण के लिए, एक रिपोर्ट (Report)में बताया
गया है कि,सेक्रेड गेम्स (Sacred Games) जैसे शो (Show) को देखने के लिए 3 में से 2
दर्शक (67%) भारत के बाहर से थे।वास्तविक प्रकरण में ओटीटी निवेश भी 2017 में 180-200
मिलियन डॉलर से बढ़कर 2021 में 600-700 मिलियन डॉलर हो गया है। इसके अतिरिक्त,
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूल प्रोग्रामिंग घंटे 2018 में 500-600 से 2021 में 2,400-2,600 तक,
यानि 60-70 प्रतिशत बढ़ गए हैं।
2. क्षेत्रीय प्रकरण: भारत में ओटीटी दर्शकों के लिए क्षेत्रीय प्रकरण एक बहुत बड़ा आकर्षण है। क्षेत्रीय
भाषाओं में प्रकरण और संस्कृति-विशिष्ट सूक्ष्म-शैलियों के भविष्य में भी ओटीटी सब्स्क्राइबर में
वृद्धि प्रमुख चालक होने की उम्मीद है।डिज़्नी+ हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म पर, सबसे अधिक देखे
जाने वाले प्रकरण 40% से अधिक भारतीय भाषाओं में हैं।जबकि ZEE5 और ALTBalaji जैसी
स्वदेशी ओटीटी सेवाएं हमेशा हिंदी और क्षेत्रीय प्रकरण पर ही अपना विशेष ध्यान रखती हैं,
एमएक्स प्लेयर (MX Player -टाइम्स इंटरनेट (Times Internet) के स्वामित्व में) द्वारा भी
अपने "एमएक्स वीदेसी" पेशकश के माध्यम से 10से अधिक भारतीय भाषाओं में डब
(Dubbed)किए गए अंतर्राष्ट्रीय प्रकरण को लाया गया है।
3. मूल्य निर्धारण और अन्य नवाचार: वैश्विक स्ट्रीमिंग सेवाओं के मूल्य निर्धारण ने भारत में उनके
तेजी से अपनाने और क्षेत्र के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।CII-BCG इंगित
करता है कि Netflix, Amazon Prime Video और Disney+ भारत में अधिक से अधिक
ग्राहकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए अमेरिका (America) की तुलना में 70-90% सस्ती दरों
पर अपनी योजनाओं की पेशकश कर रहे हैं।सामर्थ्य के अलावा, वैश्विक स्ट्रीमिंग दिग्गज दूरसंचार
योजनाओं के साथ सेवाओं को बंडल कर रहे हैं और विस्तारित नि: शुल्क परीक्षण और लाभों के
साथ-साथ मोबाइल के अनुकूल पैककी भी पेश कर रहे हैं।
हालांकि, वीडियो-स्ट्रीमिंग सेवाओं के बढ़ते सामर्थ्य के बावजूद, भारत में अभी लोगों को टीवी में केबल
का सब्स्क्रिप्शन लेना अधिक सुविधाजनक लगता है क्योंकि पे-टीवी (pay-TV) ओटीटी से सस्ता है,
पश्चिम के परिपक्व बाजारों के विपरीत।साथ ही ग्लोबल कंसल्टेंसी एक्सेंचर (Accenture) द्वारा किए
गए शोध में पाया गया है कि संपूर्ण विश्व कि भांति जैसे-जैसे भारत में स्ट्रीमिंग (Streaming) में तेजी
आ रही है, वैसे-वैसे यह लोगों को निराशाजनक ब्राउज़िंग (Browsing) अनुभव प्रदान कर रहे हैं।60%
भारतीय दर्शकों को लगता है कि स्ट्रीमिंग सेवाओं पर प्रकरण'अप्रासंगिक' हैं।उदाहरण के लिए,
नेटफ्लिक्स(Netflix) भारत में काफी प्रचलित तो रहा है, लेकिन वह कंपनी की अपेक्षा अनुसार वह
भारत में उतना सफल नहीं हो पाया है। वैश्विक सर्वेक्षण ने इन प्लेटफार्मों पर सही प्रकरण खोजने के
लिए दर्शकों के सामने आने वाले संघर्षों पर प्रकाश डाला है।इसके साथ ही, जब अनुशंसाओं की बात
आती है तो कई उपयोगकर्ता बेहतर वैयक्तिकरण चाहते हैं। भारत के संबंध में, कम से कम 69%
उपभोक्ता विभिन्न मीडिया सेवाओं के बीच निर्देशन करने की प्रक्रिया को 'निराशाजनक' मानते हैं।
साथ ही रिपोर्ट के मुताबिक, 74 फीसदी भारतीय ग्राहकों का मानना है कि वे जिस प्रकरण के लिए
भुगतान कर रहे हैं वह बहुत अधिक महंगी है। वहीं आईटी फर्म (IT firm) द्वारा पेश की गई एक
रिपोर्ट में बताए गए सबसे बड़े मुद्दों में से एक एल्गोरिथ्म (Algorithm) से संबंधित है जो कई
प्रदाताओं में बिखरे हुए हैं। विभिन्न प्लेटफॉर्म पर ग्राहक द्वारा देखे जाने वाले प्रकरण के इतिहास के
साथ, ओटीटी प्लेटफॉर्म अक्सर अधूरी अनुशंसा उत्पन्न करते हैं।इससे अप्रासंगिक अनुशंसाएं पाई
जाती है, जिससे उपयोगकर्ता की प्रकरण देखने में रुचि कम होती है।रिपोर्ट में बताया गया है कि कम
से कम 81 फीसदी भारतीय दर्शक “प्रकरण के बेहतर वैयक्तिकरण” के लिए प्लेटफॉर्म बदलने के
इच्छुक थे। इसके अलावा, 79 प्रतिशत भारतीय उपयोगकर्ता अपनी सिफारिशों को बेहतर ढंग से
वैयक्तिकृत करने के लिए व्यक्तिगत डेटा साझा करने के भी इच्छुक थे।जैसे-जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग
सेगमेंट परिपक्व होता गया है, उपभोक्ताओं को अनुभव जटिल, महंगा और उपयोग में कठिन लगने
लगा है। उपभोक्ता की प्राथमिकताएं और कठिन अर्थशास्त्र वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के लिए
चुनौतियां उत्पन्न करेगा।मीडिया पार्टनर्स एशिया (Media Partners Asia) की एक रिपोर्ट में कहा
गया है कि भारत में विज्ञापन-आधारित वीडियो ऑन डिमांड सब्सक्रिप्शन आधारित वीडियो की तुलना
में अधिक राजस्व प्राप्त करना जारी रखेगा। विज्ञापन-आधारित वीडियो ऑन डिमांड का बाजार 2026
तक 2.4 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है जबकि सब्सक्रिप्शन आधारित वीडियो ऑन डिमांड खंड
2026 तक राजस्व में 2.1 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की आशंका है।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3HiFxzO
https://bit.ly/3s5ex0h
https://bit.ly/3AMFoSJ
https://bit.ly/3gaPcg2
https://bit.ly/3rXTi0u
https://bit.ly/3s3j1oh
चित्र संदर्भ
1. टीवी के दर्शक को दर्शाता एक चित्रण (facebook)
2. ott को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. ott बाजार नियंत्रण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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