Post Viewership from Post Date to 22-Dec-2021 (5th Day)
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1560 99 1659

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हमारे शहर में बढ़ती फ्री होम डिलीवरी प्रथा के हैं कई दीर्घकालिक नुकसान

लखनऊ

 17-12-2021 11:14 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

हाल के वर्षों में भारतीय शहरों में भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की मुफ्त होम डिलीवरी का तेजी से विस्तार हुआ है। स्पष्ट रूप से कोरोना महामारी के दौरान हुई तालाबंदी के समय मुफ्त होम डिलीवरी बहुत फायदेमंद सिद्ध हुई, लेकिन इस रूप में मुफ्त होम डिलीवरी के समाज के लिए कई दीर्घकालिक नुकसान हैं। आइए हम अन्य विकसित और अधिक शहरीकृत देशों के अनुभव से सीखें और मुफ्त होम डिलीवरी द्वारा उत्पन्न मुद्दों से परिचित हों। किसी भी ग्राहक या उपभोक्ता के लिए मुफ़्त शिपिंग सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकती है। इसके फायदे की बात करें तो, तो सबसे पहला लाभ मुफ़्त शिपिंग का यह है, कि मुफ़्त शिपिंग ग्राहकों के मन को भाती है! 93% ग्राहक किसी अन्य प्रकार की छूट के बदले मुफ्त शिपिंग पसंद करते हैं।मुफ्त शिपिंग की पेशकश करने वाली कंपनियां ग्राहकों द्वारा पसंद की जाती हैं।इस अपेक्षा के परिणामस्वरूप, ग्राहक उन कंपनियों के साथ खरीदारी करने और बार- बार खरीदारी करने की अधिक संभावना रखते हैं, जो मुफ्त वितरण की पेशकश करती हैं। मुफ्त शिपिंग के जरिए कंपनियां एक प्रतियोगी लाभ प्राप्त करती हैं।यदि आपके प्रतिस्पर्धी मुफ्त डिलीवरी की पेशकश कर रहे हैं, और आप नहीं, तो आप पीछे रह जाएंगे। लेकिन यदि आप मुफ्त डिलीवरी की पेशकश कर रहे हैं और अन्य नहीं तब आप एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल कर पाएंगे। मुफ्त शिपिंग हाई स्ट्रीट दुकानों (High Street Shops) के साथ प्रतिस्पर्धा करने में आपकी सहायता करता है। मुफ्त शिपिंग की पेशकश - विशेष रूप से ऑर्डर मूल्य की शर्तों के साथ - सबसे अधिक अनुशंसित ई-कामर्स मार्केटिंग रणनीतियों में से एक है। ग्राहक मुफ्त डिलीवरी के लिए अर्हता प्राप्त करने हेतु अधिक सामान खरीदते हैं। कोरोना महामारी के इस समय में लखनऊ में भी रसोईयों के समूहों द्वारा लोगों के लिए (विशेष रूप से जो संक्रमित हैं), भोजन तैयार किया गया तथा उसकी मुफ्त डिलीवरी पेश की गयी।मुफ़्त शिपिंग के नुकसानों की बात करें तो यह आपको उस ओर ले जाता है, जहां आप वस्तुएं बढ़ी हुई लागत पर खरीदते हैं।यदि आपका एक छोटा व्यवसाय है,जो मुफ़्त शिपिंग की पेशकश करने वाले बड़े व्यवसाय के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहा है, तो आपको कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है।मुफ़्त शिपिंग ग्राहक व्यवहार को बदलती है।मुफ़्त शिपिंग की पेशकश के मुख्य खतरों में से एक कुछ ग्राहकों के व्यवहार को परिवर्तित करना है। अर्थात जो ग्राहक सामान खरीदने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं, उन्हें उन उत्पादों को खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है जिन्हें वे शायद नहीं रखेंगे। मुफ़्त डिलीवरी आपके हाई स्ट्रीट प्रदर्शन को भी नुकसान पहुंचा सकती है। वर्तमान समय में कई ग्राहक खाना भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के जरिए ऑर्डर करते हैं, यह जितना सुविधाजनक होता है,उतना ही आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। जब भी आप अपना खाना ऑर्डर करते हैं, तो वेबसाइट पर उसका मूल्य वास्तविक मूल्य से अधिक दिखाया जाता है।यह रेस्तरां द्वारा किया जाता है क्योंकि दिए गए प्रत्येक ऑर्डर के लिए, रेस्तरां को, खाद्य वितरण स्टार्टअप को लगभग 20% का कमीशन देना पड़ता है। जो रेस्तरां खाद्य पदार्थों की कीमतों पर छूट प्रदान करने का दावा करते हैं, वे वास्तव में पहले ही उसकी कीमत बढ़ा चुके होते हैं।दुनिया में मुफ्त लंच (Free Lunch) जैसी कोई चीज नहीं होती है। यदि खाद्य पदार्थों के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं होती है, तो वे मात्रा को कम कर देंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके मार्जिन पर कोई प्रभाव न पड़े। खाद्य वितरण ऐप द्वारा ऐसे भोजनालयों से भी ऑर्डर लिए जाते हैं,जिनकी गुणवत्ता नियंत्रण शून्य है और स्वच्छता मानकों का अभाव है।यह आवश्यक नहीं है, कि फूड डिलीवरी ऐप आपको ताजा भोजन उपलब्ध कराए। कई बार आपको सड़ा हुआ या बासी भोजन भी परोसा जा सकता है।साथ ही आपको परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थ की मात्रा भी कई बार अपेक्षाकृत कम होती है।फूड डिलीवरी ऐप कभी भी खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता, मात्रा, स्वच्छता आदि की गारंटी नहीं देते हैं। यदि कोई भी कमी होती है, तो आपको आपके पैसे पुनः वापस नहीं होंगे।ऑनलाइन भुगतान और बाद में धनवापसी में देरी भी फूड डिलीवरी ऐप का एक नुकसान है। मान लीजिए कि आप फूड डिलीवरी ऐप से कुछ ऑर्डर कर रहे हैं, और आप नकदी के आदान- प्रदान की परेशानी से बचने के लिए ऑनलाइन भुगतान करते हैं।खाद्य सामग्री लाने में डिलीवरी बॉय को देर हो चुकी है, और आप डिलीवरी मैन से रिफंड के लिए कहते हैं। वह अपने प्रबंधक को फोन करता है। लेकिन चूंकि, आपने ऑनलाइन भुगतान किया है, इसलिए आपकी धनवापसी में काफी समय लग सकता है। कभी-कभी जानबूझकर भी धनवापसी की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती हैं।कैश ऑन डिलीवरी (Cash on Delivery) में भी कई बार ग्राहकों को दिक्कतों का सामना करना पडता है। माना आपका बिल 350 रुपये और आप डिलीवरी बॉय के पास 2000 रुपए का नोट लेकर जाते हैं। लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है, जब आपके तथा डिलीवरी बॉय दोनों के पास खुले पैसे नहीं होते हैं।"डार्क स्टोर्स" कहे जाने वाले मिनी-वेयरहाउस अब चुपचाप शहरी खुदरा स्थानों पर कब्जा करने लगे हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/30nkN9W
https://bit.ly/3GIQxG0
https://bit.ly/3dOw06v
https://bloom.bg/3pTpgKm
https://bit.ly/3IPQxGg

चित्र संदर्भ

1. होम डिलीवरी बॉय को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. फ़ूड डिलीवरी बॉय को दर्शाता एक चित्रण (blogspot)
3. ऑनलाइन आर्डर की जाँच करते कर्मचारी को दर्शाता एक चित्रण (facebook)
4.आर्डर प्राप्त करने को संदर्भित करता एक चित्रण (theodi)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
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C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

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