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त्योहार अपने साथ ढेर सारी खुशियां और आनंद लेकर आते हैं।इस दौरान लोग त्योहारों की
तैयारियों में अत्यधिक सक्रिय हो जाते हैं, तो विभिन्न चीजों की खरीदारी ऑनलाइन माध्यम से
करने का प्रयास करते हैं। यही कारण है, कि इस दौरान लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए
साइबर अपराधी भी अत्यधिक सक्रिय हो जाते हैं। अन्य त्योहारों की तरह दिवाली भी एक ऐसा
समय है, जब साइबर अपराधी अपनी योजनाओं को अंजाम देने तथा उपभोक्ताओं से धन या
उनकी निजी जानकारी वसूलने की तैयारी में होते हैं।रोशनी के इस त्योहार के आस-पास बनाए
गए इस जाल में उन्होंने अनजान या अज्ञात उपयोगकर्ताओं को फंसाना शुरू कर दिया है।
पिछले चार वर्षों में,पुलिस ने त्योहारी सीजन में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में तेजी देखी
है। साइबर सेल के अधिकारियों के अनुसार पिछले आंकड़ों से पता चलता है, कि ऑनलाइनधोखाधड़ी के मामले आमतौर पर दिवाली से एक हफ्ते पहले बढ़ जाते हैं। सामान्य तौर पर एक
दिन में इस प्रकार का एक मामला दर्ज होता है, लेकिन दिवाली के आस-पास इन मामलों की
संख्या बढ़कर तीन हो जाती है तथा धनतेरस तक आते-आते यह प्रति दिन छह तक पहुंच जाती
है।लोग बिना किसी जानकारी के उत्तम दिखने वाले ऑफर को स्वीकार कर लेते हैं, तथा जो
उत्पाद उन्हें चाहिए था, वो उन्हें प्राप्त नहीं हो पाता। कई मामलों में शुद्ध सामग्री की कीमत
पर ही उपभोक्ताओं को डुप्लीकेट सामान उपलब्ध कराया जाता है।त्योहार में इस तरह की
धोखाधड़ी आम बात है।मैलवेयर ऑथर और स्पैमर,निर्दोष उपयोगकर्ताओं को नकली
खरीदारी,उपहार देने और ट्रेवेल साइटों की ओर आकर्षित करने का प्रयास रहे हैं। लोगों को अपने
जाल में फंसाने के लिए साइबर-हमलावर सोशल इंजीनियरिंग रणनीति का उपयोग करते हैं,
ताकि उपयोगकर्ताओं को अज्ञात वेबसाइटों से खरीदारी करने या उस पर पंजीकरण करने के लिए
लुभाया जा सके। ऐसा करते समय उपयोगकर्ता इंटरनेट स्कैमर को अपनी व्यक्तिगत जानकारी
भी साझा कर सकते हैं, जो बाद में उन्हें और भी नुकसान पहुंचा सकता है।साइबर हमलावर
दिवाली का अधिकतम लाभ उठाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
ऐसा नहीं है, कि केवल साइबर हमलावर ही उपभोक्ताओं को ठगने का काम करते हैं।बड़ी-बड़ी
ईकॉमर्स कंपनियां भी लोगों को अपने लुभावने जाल में फंसाने का प्रयास करती हैं।ऐमाजॉन
(Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart) आदि ई-कॉमर्स साइटें भी फेस्टिव सीजन (Festive
Season) के दौरान भारी छूट के माध्यम से उपभोक्ताओं को रिझाने का प्रयास करती हैं,
लेकिन सरकार द्वारा इसे भी एक प्रकार के घोटाले में शामिल कर लिया गया है,क्यों कि
कंपनियों द्वारा ऐसा करने से बाजार की प्रतिस्पर्धा कम हो जाती है।हालांकि कंपनियों द्वारा पेश
किए गए कुछ प्रस्ताव या डील्स (Deals) वास्तव में ही एक धोखा होते हैं।कंपनिया MRP पर
डिस्काउंट देकर, असामान्य मूल्य निर्धारण,शिपिंग चार्जेस,कैशबुक ऑफर, कूपन, बैंक ऑफर,
नकली सामग्री आदि के माध्यम से लोगों को अपने झूठे डिस्काउंट की ओर आकर्षित करने का
प्रयास करते हैं।
ऑनलाइन आंकड़ों के आधार पर, हाल के हफ्तों में दीपावली तक साइबर घटनाओं में 300% से
अधिक की वृद्धि हुई है।हमलावर, उपभोक्ताओं के बारे में पहले से उपलब्ध कुछ सूचनाओं का
उपयोग कर सकते हैं और फिर उन्हें धोखा देने के लिए इन जानकारियों का पुनः उपयोग कर
सकते हैं। साइबर हमले का खतरा बढ़ता जा रहा है, क्यों कि अधिकांश उपभोक्ता सुविधा और
पैसे बचाने के लिए सूचनाओं का व्यापार करने के लिए तैयार हैं। इन चीजों का लालच हमें जाल
में डाल देता है।इसलिए यह आवश्यक है, कि ईमेल में किसी भी लिंक पर क्लिक करने के
प्रलोभन में आने से पहले, यह जांच लें कि क्या यह एक अवांछित ईमेल ऑफ़र है,और क्या यह
वेबसाइट प्रामाणिक है। आप ऐसे मेल को सुरक्षित रूप से अनदेखा कर सकते हैं जो अनावश्यक
व्यक्तिगत जानकारी जैसे पासवर्ड या पिन नंबर मांगते हैं।जब ऐसा कोई लिंक हमें अपने
मोबाइल उपकरण पर प्राप्त होता है, तो उस पर क्लिक करने से बचना चाहिए।
वस्तुओं की खरीदारी करने और बुनियादी डिजिटल स्वच्छता का पालन करने के लिए स्वयं ई-
कॉमर्स ऐप या वेबसाइट पर जाना चाहिए। नकली कस्टमर केयर और यूज्ड गुड्स (Used
goods)ई-कॉमर्स ऐप की पहचान करने के लिए उपभोक्ताओं को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट्स
(Micro blogging sites) पर भी सतर्क रहना चाहिए। जिन लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड या
ऑनलाइन स्कैम की उचित जानकारी नहीं होती वे लोग ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम के माध्यम से
साइबर अपराधियों द्वारा आसानी से ठगे जाते हैं,और परिणामस्वरूप वे एक महत्वपूर्ण राशि खो
देते हैं। इसलिए ऐसी धोखाधड़ी से बचना अत्यंत आवश्यक है।
दिवाली छूट के दौरान,खरीदारों को इंटरनेट खरीद घोटालों से सावधान रहना चाहिए।जब यूआरएल
https:// से शुरू होता है तो ही हमेशा इंटरनेट पर खरीदारी करें।सुरक्षा स्तर देखने के लिए अपने
कर्सर को URL में लॉक आइकन पर ले जाएं।हमेशा एमाजॉन, फ्लिपकार्ट, शॉपक्यूल्स
(ShopClues), पेपर फ्राई (Pepperfry)और अन्य जैसी ज्ञात वेबसाइटों पर ही खरीदारी
करें।आपका एंटी-वायरस (Anti-virus) और फ़ायरवॉल सॉफ़्टवेयर (Firewall software) चालू
होना चाहिए।आपकी गोपनीय जानकारी का अनुरोध करने वाली किसी भी चीज को अनदेखा कर
देना चाहिए।कभी भी ऐसी ऐप्स इंस्टॉल नहीं करनी चाहिए, जिसके बारे में आपको पता न
हो।किसी अनजान व्यक्ति द्वारा साझा किए गए लिंक पर कभी भी विश्वास न करें।अपने खाते
का पासवर्ड नियमित रूप से बदलें।अपनी निजी वित्तीय जानकारी व्हाट्सएप या फेसबुक पर, यहां
तक कि परिवार के सदस्यों के साथ भी साझा न करें।यदि कोई प्रस्ताव आपको बहुत अच्छा
प्रतीत होता है,तो इसकी सबसे अधिक संभावना है कि वह प्रस्ताव सही नहीं है तथा ऐसे प्रस्तावों
से बचना अत्यंत आवश्यक है। यह ध्यान रखना जरूरी है, कि ऑनलाइन खरीदारी करते समय
कोई भी चीज मुफ्त नहीं होती है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3nWtmR4
https://bit.ly/3w8SFD0
https://bit.ly/3CSmWbX
https://bit.ly/3k0REYN
https://bit.ly/3bvYuAU
https://bit.ly/3CD8jsL
चित्र संदर्भ
1. कम्प्यूटर के साथ रखे गए उपहारों को दर्शाता एक चित्रण (assets-losspreventionmedi)
2 अपने एटीएम कार्ड के नंबर को प्रविष्ट करते व्यक्ति का एक चित्रण (
ElevatedTechnologiesr)
3. ऑनलाइन प्रलोभन को दर्शाता एक चित्रण (freepik)
4. डाटा सुरक्षा के विभिन्न चरणों को दर्शाता एक चित्रण (static.vecteezy)
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