Post Viewership from Post Date to 26-Sep-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3279 16 3295

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

कीवी का एक जंगली फल से सबसे बड़े व्‍यवसायिक फल तक का सफर

जौनपुर

 27-08-2022 10:43 AM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

पूर्ववर्ती चीनी आंवला (Chinese gooseberry), इस फल के नाम से ही पता चल रहा है इसका मूल चीन में है। चीन में इसका मूल नाम, मिहौताओ (mihoutao )- "मकाक फल" (macaque fruit) है, जिसे बंदरों के प्रिय फल के रूप में संदर्भित किया जाता है। प्रारंभ में इसे आमतौर पर जंगल से एकत्र किया जाता था और औषधीय प्रयोजनों के लिए इसका सेवन किया जाता था, इसलिए पौधे की खेती या प्रजनन शायद ही कभी किया गया था।
इस फल का पहला दर्ज विवरण सांग राजवंश के दौरान 12वीं शताब्दी का है।हर शरद ऋतु में, जब इसके फल पकते थे, चीनी किसान बड़ी संख्या में पहाड़ियों पर जाते थे और अपने बाजारों में बेचने के लिए बड़ी मात्रा में इसे इकट्ठा करते थे। वे अनादि काल से ऐसा करते आ रहे थे। तांग राजवंश (618-960 ई.) के ग्रंथ इस बात की पुष्टि करते हैं कि तब भी किसानों के लिए मिहौताओ या यांगताओ कहे जाने वाले फलों को इकट्ठा करना एक पुराना रिवाज था, जिसका मोटे तौर पर मतलब 'बंदर-आड़ू' होता है। इसके लगने के लिए युन्नान प्रांत के पहाडि़यां सबसे अनुकुलित स्‍थान मानी जाती हैं।
आज यह फल विश्‍वभर में कीवीफ्रूट (kiwifruit) के नाम से लोकप्रिय है, जिसके नाम की उत्‍पत्ति न्यूजीलैंड (New Zealand) में हुयी यहां कीवी (Kiwi) शब्द एक पक्षी को संदर्भित करता है। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में, कीवीफ्रूट (वैज्ञानिक नाम: एक्टीनीडिया डेलीसिओसा (actimedia deliciosa)) की खेती चीन से न्यूजीलैंड तक फैल गई, जहां पहली बार इसकी व्यावसायिक रूप में खेती की गयी। 1904 में ऑल-गर्ल्स स्कूल (all-girls school) की प्रिंसिपल मैरी इसाबेल फ्रेजर (Mary Isabel Fraser) ने चीन से कुछ चीनी आंवले के बीज अपने साथ लाए। फिर उन्हें अलेक्जेंडर एलिसन (Alexander Ellison) नाम के एक किसान को दिए, जिसने उन्हें नदी के किनारे बसे शहर वांगानुई (Whanganui) के पास अपने खेत में लगाया। 1910 में पेड़ों पर पहला फल लगने लगा।1930 के दशक की शुरुआत में दुनिया का पहला वाणिज्यिक कीवीफ्रूट बाग स्थापित किया गया था - हालांकि फल को अपना नया नाम 1959 तक नहीं मिला, जब न्यूजीलैंड के किसान ने अपनी क्षमता को महसूस करते हुए, संस्कृति, विज्ञापन और निर्यात के निरंतर अभियान की योजनाएँ बनाईं। चीनी आंवले को "आंवले" (berry), जो न्यूजीलैंड में लोकप्रिय नहीं थे, के नकारात्मक अर्थों से बचने के लिए व्‍यवसायिक लोगों को इस फल के लिए एक नए नाम की आवश्‍यकता थी।
इस फल के विभिन्‍न नाम प्रस्‍तावित किए गए,एक और प्रस्तावित नाम, मेलोनेट (Melonet) को पारित करने के बाद, अंततः न्यूजीलैंड के प्यारे, भूरे, उड़ान रहित राष्ट्रीय पक्षी कीवी (Kiwi) के नाम पर प्यारे, भूरे रंग के फल का नाम देने का निर्णय लिया गया। इससे यह भी मदद मिली कि कीवी उस समय न्यूजीलैंड के लिए बोलचाल का शब्द बन गया था। 1940 से 1950 के दशक के दौरान न्यूजीलैंड में, कीवी फल व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य किस्मों, कृषि प्रथाओं, शिपिंग, भंडारण और विपणन के विकास के माध्यम से एक कृषि वस्तु बन गया। आज इस फल का निर्यात 8000 करोड़ रुपये तक का है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान न्यूजीलैंड में तैनात ब्रिटिश (British) और अमेरिकी (American) सैनिकों के बीच यह फल लोकप्रिय हो गया, और बाद में 1960 के दशक में पहले ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) और फिर कैलिफोर्निया (California) में आम तौर पर निर्यात किया जाने लगा।1980 के दशक में, न्यूजीलैंड के बाहर के कई देशों ने किवीफ्रूट को उगाना और निर्यात करना शुरू किया।
इटली (Italy) में, अंगूर के उत्पादन को समर्थन देने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और तकनीकों को कीवीफ्रूट के अनुकूल बनाया गया था। यूरोपीय (European) कीवी फ्रूट बाजार के करीब होने के कारण, इटली 1989 में कीवीफ्रूट का प्रमुख उत्पादक बन गया। इतालवी कीवीफ्रूट का बढ़ने का मौसम न्यूजीलैंड या चिली (Chile) बढ़ने के मौसमों के साथ ज्यादा ओवरलैप नहीं करता है, इसलिए न्यूजीलैंड या चिली के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा एक महत्वपूर्ण कारक नहीं थी। कीवी एक विशेष प्रकार का स्वादिष्ट फल है। अण्‍डाकार का यह फल देखने में हल्का भूरा, रोएदार व आयताकार, रूप में चीकू फल की तरह होता है। इसमें विटामिन सी (Vitamin C) भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसके साथ ही इसमें विटामिन इ (Vitamin E), विटामिन के (Vitamin K) और पर्याप्‍त मात्रा में पोटैशियम (Potassium), फोलेट (Folate) होते हैं। कीवी अपने सुंदर रंग के लिए लोगों द्वारा अधिक पसंद किया जा रहा है। कीवी फल में अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट (antioxidant) होते है जो कि शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यानि शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
बीस साल पहले, अरुणाचल प्रदेश की जीरो घाटी में जंगली रूप से उगने वाले कीवी ने मुश्किल से किसी का ध्यान खींचा था। हालांकि, पिछले दशक में, किसानों ने धीरे-धीरे फल के व्यावसायिक मूल्य को पहचाना। आज, इस क्षेत्र के कीवी, देश में अपने तरह के एकमात्र प्रमाणित जैविक फल हैं।अरुणाचल देश में कीवी के लिए ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन (organic certification) प्राप्त करने वाला पहला राज्‍य है।
वर्षों तक, अरुणाचल प्रदेश की पहाड़ियों में स्थानीय रूप से 'एंटेरी' (anteri) नामक एक फल जंगली रूप से उगता था। कीवी किसान और जीरो घाटी के कीवी ग्रोवर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Kiwi Growers Cooperative Society Ltd.) के महासचिव ग्याती लोडर(Gyati Loder) ने कहा, "हम इसे खाते थे, इसे अपने जानवरों को खिलाते थे, लेकिन इसके मूल्‍य को कभी नहीं पहचाना।" "हमारे बाजार दुनिया के अन्य हिस्सों से कीवी से भरे हुए थे लेकिन हमें यह नहीं पता था कि यह वही चीज है जो हमारे जंगलों में बढ़ रही है।" लॉडर ने कहा, "हमारी भूमि उपजाऊ है, उपयुक्त कृषि-जलवायु की स्थिति है और जीरो घाटी विशेष रूप से समुद्र तल से 1,500-2,000 मीटर ऊपर स्थित है - यह कीवी के लिए सबसे आदर्श है"। 2000 के दशक के मध्य में यहां के कीवी का विपणन शुरू हुआ। "शुरुआत में यह धीमा था लेकिन कुछ बड़ी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई और इससे हमें एक व्यापक बाजार तक पहुंचने में मदद मिली।" वर्षों से, जैसे-जैसे अरुणाचल कीवी ने लोकप्रियता हासिल की, फल के हर बड़े प्रेषण को औपचारिक रूप से झंडी दिखाकर रवाना किया गया और किसानों ने एक सहकारी, कीवी ग्रोवर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, जीरो का गठन किया। आज, यह जीरो घाटी के 150 से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करता है। यह वह समूह है जिसने अपने कीवी बागों के लिए जैविक प्रमाणीकरण अर्जित करने में सफलता प्राप्त की है।
लॉडर ने कहा, "आखिरकार 2020 में, हमें अपनी कड़ी मेहनत के बाद एक जैविक प्रमाणीकरण मिला," यह हमारे और कीवी की खेती के भविष्य के लिए बहुत अच्छा है। हालांकि, अब तक कोई मूल्यवर्धन या कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है। हम अभी भी सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं कि यह कैसे किया जा सकता है।"अरुणाचल प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओकित पलिंग के अनुसार, राज्य का देश के कीवी उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3QFcVpg
https://bit.ly/3Cjzn2K
https://bit.ly/3QGSnNd

चित्र संदर्भ
1. मकाक फल के प्रचार को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. प्रजातियों के अनुसार कीवी फल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. कीवी फल की फुलारी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia) 
4. समर्थित बेल पर उगने वाले कीवीफ्रूट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia) 
5. बिक्री हेतु रखे गए कीवी फलों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. कीवी फल के फार्म को दर्शाता एक चित्रण (flickr)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id