वर्तमान में स्थापित किए गए नेटवर्क आने वाले वर्षों के लिए इन डिजिटल अनुभवों को
आकार देंगे। और ये नेटवर्क बुद्धिमान, सघन, उपयोगकर्ताओं के करीब और उच्च क्षमता
वाले होंगे क्योंकि इन्हें ऑप्टिकल फाइबर (optical fibre) का उपयोग करके बनाया गया है।
अपनी असीमित बैंडविड्थ (bandwidth) क्षमता के कारण ऑप्टिकल फाइबर को संचार
प्रौद्योगिकी के लिए एक 'अमृत' के रूप में देखा जा रहा है। हम देख रहे हैं कि अब पहले से
कहीं अधिक न केवल कोर (core) और ट्रांसपोर्ट (transport) पर, बल्कि एक्सेस और आधार
स्तर पर भी नेटवर्क को फाइबराइज़ (fiberise) किया जा रहा है। रोबोटिक सर्जरी (roboticsurgery) जैसे अल्ट्रा-लो लेटेंसी (ultra-low latency) अनुप्रयोगों को सक्षम करने के लिए,
उपकरणों को फाइबराइज़ करने के लिए कुछ प्रारंभिक चरण की बातचीत भी की जा रही है।
किसी विशेष स्थान पर जाकर या एकत्रित होकर सीखने, काम करने की बजाय आज लोग
घर बैठे अध्ययन या काम कर रहे हैं जिस कारण ब्रॉडबैंड नेटवर्क (broadband network)
पर वैश्विक डेटा ट्रैफ़िक (data traffic) में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे
औसत ब्रॉडबैंड उपयोग 2020 के अंत तक 0.5 टीबी तक पहुंच गया। 2025 तक, भारत में
कुल डेटा ट्रैफ़िक बढ़कर 21 एक्साबाइट (exabyte) प्रति माह हो जाएगा। अब उपभोक्ता तेज
गति, कम विलंबता और अधिक बैंडविड्थ की मांग करते हैं, जिससे फाइबर-डेंस नेटवर्क
(fiber-dense network) स्थापित करने की आवश्यकता बढ़ती जा रही है।
ऑप्टिकल की मांग और इसके बाजार की अगले 3-4 वर्षों में 10 प्रतिशत की भारी
सीएजीआर (CAGR) से बढ़ने और 2024 में 6.9 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
नेटवर्क निर्माताओं ने डिजिटल नेटवर्क में व्यापक रूप से निवेश करना शुरू कर दिया है।
भारत में, अमेज़न (amazon) डेटा सेंटर (data center) के बुनियादी ढांचे के विकास के
लिए 2.8 बिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है। महामारी के जवाब में,
एफटीटीएक्स(FTTx)और ग्रामीण ब्रॉडबैंड पर ध्यान देने से इसकी मांग को और बढ़ावा
मिलेगा। ऑप्टिकल फाइबर की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि मुख्य रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं
द्वारा डिजिटल बुनियादी ढांचे में निरंतर निवेश से उत्साहित है।
इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, फाइबर-टू-द-होम (Fiber-to-the-home (FTTH) प्रमुख गेम
चेंजर (game changer) रहा है और इसमें दुनिया भर की टेलीकॉम कंपनियां निवेश कर रही
हैं। 2020 में, 113 ऑपरेटरों ने 48 देशों में 229 मिलियन 5G कनेक्शन के साथ 4X तेजी
से अपनाने की दर पर 5G लॉन्च किया। 5G के लिए डीप फाइबराइजेशन (deep
fiberization) की आवश्यकता है, खासकर इसके बैकहॉल साइड (backhaul side)
में।उद्यमों को उनकी डेटा प्रबंधन क्षमता में सुधार करने में मदद करने के लिए विक्रेता नए
एज कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म (new age computing platform) के विकास पर ध्यान केंद्रित कर
रहे हैं। हाई-स्पीड (High-speed), लो लेटेंसी ट्रांसमिशन (low latency transmission) के
लिए एज डेटा सेंटर्स (data centers) पर हाई डेंसिटी फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी (high-
density fiber optic connectivity) की जरूरत होगी।
यदि नेटवर्क निर्माण का अगला दशक फाइबर के दम पर चलाना है, तो फाइबर परिनियोजन
के क्षेत्र में नवाचार की अगली लहर लानी होगी।फास्ट फाइबराइजेशन (Fast fiberization) से
डिजिटल शिक्षा (digital education), रिमोट मेडिसिन (remote medicine) और रोबोटिक
सर्जरी और सड़कों पर रोबोटिक ट्रेंचिंग (robotic trenching) के अवसर खुलेंगे। जिस तरह
हमें एक्सेस इकोनॉमी (access economy) को किकस्टार्ट (kickstart) करने के लिए
प्लेटफॉर्म (platform) और एग्रीगेशन (aggregation) विशेषज्ञता की जरूरत थी, उसी तरह
हमें नेटवर्क निर्माण के अगले दशक को बढ़ावा देने के लिए फाइबर विशेषज्ञता की
आवश्यकता होगी।ऑप्टिकल वायरलेस कम्युनिकेशन (optical wireless communication
(OWC)) भारत में 5जी नेटवर्क रोलआउट के लिए मौजूदा बैकहॉल-ऑप्टिकल फाइबर
कम्युनिकेशन की तुलना में सर्वोत्तम संभव समाधानों में से एक है।
अहमदाबाद स्थित नव वायरलेस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (Nav Wireless
Technologies Pvt Ltd), भारत में एकमात्र पंजीकृत कंपनी है जो LiFi (लाइट फिडेलिटी)
(light fidelity)के क्षेत्र में अनुसंधान और विकासशील उत्पादन कर रही है, देश भर में 5G
सेवा लॉन्च के लिए सबसे व्यवहार्य समाधान देने के लिए आगे आई है। भारत के लिए 5जी
सेवाएं शुरू करना एक बहुत बड़ा और सबसे चुनौतीपूर्ण काम होगा। देश के कोने-कोने में
हाई-स्पीड वॉयस (high-speed voice) और डेटा तथा तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी (fast
internet connectivity) प्रदान करने के लिए, अधिक मोबाइल टावर (mobile tower)
स्थापित करने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होगी।
इसकी स्थापना प्रक्रिया के लिए मोबाइल टॉवर बैकहॉल कनेक्टिविटी हेतु फाइबर ऑप्टिक
केबल बिछाने के लिए प्रचुर मात्रा में खुदाई की आवश्यकता होगी। हर राज्य में सड़क नेटवर्क
के साथ-साथ केबल बिछाने, पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़क काटने की अनुमति आदि
राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) (Right of Way (ROW)) की अनुमति प्राप्त करना सबसे बड़ी
चुनौती होगी। जंगलों, घनी आबादी वाले शहरों, राजमार्गों, मेट्रो स्टेशनों (metro stations)
और उच्च सुरक्षा वाले जैसे क्षेत्रों में 5G टावर लगाना या ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना
और भी मुश्किल काम होगा।
इस समस्या और इसके समाधान के बारे में बताते हुए, श्री हार्दिक सोनी, सह-संस्थापक
और सीटीओ, एनएवी वायरलेस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड,ने कहा, “ऑप्टिकल वायरलेस
कम्युनिकेशन बैकहॉल लिंक 5जी नेटवर्क के तेजी से रोल-आउट में उत्प्रेरक हो सकता है।
जब हम प्रौद्योगिकियों के बारे में बात करते हैं, तो ओडब्ल्यूसी (OWC)भविष्य हो सकता है।
यह ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन के सबसे करीब है क्योंकि यह उच्च बैंडविड्थ और
निर्बाध कनेक्टिविटी के साथ दसियों किलोमीटर तक की बड़ी दूरी पर वायरलेस पॉइंट टू
पॉइंट कनेक्टिविटी (point to point connectivity) प्रदान करता है। यह परेशानी मुक्त
स्थापना, कम बिजली की खपत, और ऑप्टिकल फाइबर केबल्स की तुलना में लगभग
60% अधिक किफायती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर
केबल बिछाने की तुलना में दस गुना तेजी से स्थापित किया जा सकता है।
ओडब्ल्यूसीके
साथ, 5G नेटवर्क रोल-आउट किफायती, तेज़ और विश्वसनीय बन सकता है। एनएवी
वायरलेस में, हम इस तकनीक में काम करने वाले अग्रदूतों में से एक हैं और समय पर 5जी
रोलआउट के लिए ओडब्ल्यूसी को अपनाने के लिए प्रमुख दूरसंचार खिलाड़ियों की प्रतीक्षा कर
रहे हैं।"
ऑप्टिकल वायरलेस कम्युनिकेशन ओएफसी नेटवर्क को खोदने और तैनात करने में लगने
वाले समय और लागत की बचत करेगा। यह आरओडब्ल्यू अनुमतियों में शामिल लागत को
बनाए रखेगा, और यह सक्रिय और निष्क्रिय बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक कैपेक्स
(capex) को काफी कम कर देगा। साथ ही, यह ओएफसी की तुलना में मेंटेनेंस-फ्री
(maintenance-free) है। हाई-स्पीड नेटवर्क और 5G रोलआउट की बढ़ती आवश्यकता के
साथ, ओडब्ल्यूसी एक ऐसा समाधान है जिसे आसानी से अनुकूलनीय और डिजिटल इंडिया
मिशन (Digital India Mission) के साथ पूरी तरह से जोड़ा जा सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3wR4Ypt
https://bit.ly/39WxmgU
https://bit.ly/39ZD1CJ
चित्र संदर्भ
1. मशीन में लगे ऑप्टिकल फाइबर को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
2. इंटरनेट संचार को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ऑप्टिकल फाइबर केबल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. वायरलेस इंटरनेट टावर को दर्शाता एक चित्रण (PIXNIO)
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