30 किमी दूर से रोबोटिक सर्जरी के जरिये, सफलतापूर्वक हुआ भारत में दिल का ऑपरेशन

मेरठ

 01-06-2021 08:52 PM
वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

कोविड -19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से आज घरों में बंद रहना हमारी मजबूरी बन गया है। ऐसे में कई अनुभवी डॉक्टर भी कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं। लेकिन रिमोट सर्जरी एक ऐसी ज़बरदत्त और आधुनिक तकनीक है जिसके माध्यम से जटिल सर्जरी, जिसे अनुभवी सर्जन कंसोल की सहायता से घर बैठे ही कर सकते हैं।
रिमोट सर्जरी अथवा टेली सर्जरी एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से अनुभवी डॉक्टर (विशेष तौर पर सर्जन द्वारा ) घर बैठे हुए, हॉस्पिटल में स्थापित एक रोबोट को नियंत्रित कर सकते हैं। इन रोबोट्स में एक अथवा एक से अधिक बाहें होती है, जो सर्जरी के दौरान हाथ अथवा हथियार का काम करती हैं तथा जो भी आदेश वह उस रोबोट को देंगे वह मरीज की उसी आदेशानुसार सर्जरी करेगा।
प्रायः रोबोट हॉस्पिटल में स्थापित होते हैं, जिसे संचालित करने के लिए मास्टर कंट्रोलर (कंसोल) जैसी अति संवेदनशील तकनीक की आवश्यकता होती है। भारत में इस तकनीक के व्यापक संचालन हेतु बड़े पैमाने पर प्रयास किये जा रहे हैं। भारतीय कंपनी एसएस इनोवेशन (SS Innovation) बीते 3 वर्षो से भारतीय तकनीक से विकसित मल्टी आर्म नॉवेल 'मंत्र' सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम (Multi Arm Novel 'Mantra' Surgical Robotic System) की, इस साल 100 मशीनें बनाने की योजना बना रहा है। इनका लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर 1,000 से अधिक इकाइयों (Units) के निर्माण और उनकी बिक्री करने का है। कंपनी के द्वारा इस क्षेत्र में अभी तक 300 करोड़ रुपयों का निवेश किया गया है, साथ ही आनेवाले वर्षों में उद्पादन में बढ़ोतरी करते हुए कंपनी 1000 करोड़ रुपयों का निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के अनुसार वे अपने उद्पाद की प्रति यूनिट शुरुवाती कीमत 4 से 5 करोड़ रखेंगे। जहां दा विंची जैसे रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम, जो लगभग पूरे वैश्विक बाजार को नियंत्रित करता है, अपनी मशीनों की प्रति यूनिट 15-17 करोड़ रुपयों में बिक्री करता है। अभी तक पूरे वैश्विक स्तर पर लगभग 6,000 से 6,500 के बीच रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम स्थापित किए गए हैं। जिसमे से कैलिफोर्निया स्थित दा विंची रोबोट 5,600-5,700 से अधिक इकाइयों का इंस्टालेशन करने के साथ ही बाजार में सबसे अग्रणी हैं। परंतु बाजार की संभावनाओं को देखते हुए कई बड़ी और नयी कंपनियां भी इस क्षेत्र में निवेश करने की योजना बना रही है। यूनाइटेड किंगडम स्थित एक कंपनी सीएमआर सर्जिकल (CMR Surgical) ने पिछले साल से यूके, भारत, इटली और फ्रांस जैसे बाजारों में बिक्री शुरू कर दी है। साथ ही 2022 तक जॉनसन एंड जॉनसन की सामान्य रोबोट सर्जरी प्रणाली, मानव पर अपना पहला परीक्षण करने की उम्मीद जता रही है, साथ ही यह गूगल की मूल कंपनी Alphabet की जीवन विज्ञान अनुसंधान शाखा Verily के साथ सामान्य रोबोटिक्स सर्जरी पर भी काम कर रही थी।
बीते वर्षों में कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए एक चुनौती पेश की है, और सर्जरी को अधिक जोखिम भरा बना दिया है। जिस कारण सर्जिकल रोबोटिक्स की मदद से वायरस के संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हालंकि इन मशीनों का बेहतर संचालन करना एक जटिल काम है। COVID-19 महामारी के दौरान भी दुनिया भर में हर साल 313 मिलियन लोगों की सर्जरी हो रही है, इसलिए सर्जिकल टीम और मरीज की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय करना भी बहुत ज़रूरी है।
यह रोबोट्स सर्जन के कंसोल (जहां से रोबोट्स नियंत्रित होते हैं ) पर बैठने के दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ, यह रोगी या सर्जिकल टीम द्वारा COVID- 19 से संक्रमित होने की संभावना को कम कर देता है। रोबोटिक सर्जरी के दौरान सर्जन मरीज़ से 6 फीट से अधिक की दूरी पर होता है, साथ ही रोबोट्स के होने से आपरेशन रूम में अधिक सहायकों की आवश्यकता भी नहीं पड़ती। हालांकि, अधिक संवेदनशील मामलों में सर्जन एक निश्चित दूरी पर ही होता है ताकि जरूरत पड़ने पर मरीज तक आसानी से पहुंचा जा सके। भारत ने हाल ही में रोबोटिक हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। जहां कार्डियक सर्जन (Cardiac Surgeon) डॉ. तेजस पटेल ने 30 किमी दूर से दुनिया की पहली रोबोटिक हार्ट सर्जरी की। 32 किलोमीटर दूर से दुनिया की पहली रोबोटिक हार्ट सर्जरी के लिए एपेक्स हार्ट इंस्टीट्यूट (Apex Heart Institute, Ahmedabad) अहमदाबाद के मुख्य इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट ((Chief Interventional Cardiologist)) डॉ. पटेल ने अमेरिका स्थित कोरिंडस वैस्कुलर रोबोटिक्स की वैस्कुलर रोबोटिक्स कोरपैथ (Vascular Robotics Corepath Technology) की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया।

संदर्भ
https://bit.ly/3uANgSI
https://bit.ly/3wI7Odw
https://bit.ly/2TwdRne
https://bit.ly/3g0z6oE
https://bit.ly/3fAy2ZJ
https://bit.ly/3wNyl98

चित्र संदर्भ
1. दा विंची रोगी पक्ष घटक (बाएं) और सर्जन कंसोल (दाएं) जिसका एक चित्रण (wikimedia)
2. एक लेप्रोस्कोपिक रोबोटिक सर्जरी मशीन। दा विंची सर्जिकल सिस्टम की पेशेंट-साइड कार्ट का एक चित्रण (wikimedia)
3. एडनब्रुक अस्पताल के उपचार केंद्र में एक सर्जन कंसोल सिस्टम के साथ एक चित्रण (wikimedia)

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