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चलने से एक व्यक्ति के स्वस्थ्य में काफी सुधार आते हैं और यह दैनिक व्यायाम का एक आदर्श
तरीका है। यद्यपि यह व्यायाम का एक अत्यंत प्रभावी और स्वस्थ रूप है, चलने के महत्व को शायद
ही कभी स्वीकार किया जाता है, जिससे यह संभवतः सबसे कम आंका गया शारीरिक गतिविधि बना
हुआ है। सरकार के अध्ययन से यह भी पता चलता है कि मधुमेह रोगियों को चलने से काफी लाभ
प्राप्त होता है।
2016-18 के दौरान कोयंबटूर में किए गए अध्ययन में कहा गया है कि मधुमेह और
पूर्व-मधुमेह रोगियों को अधिक चलने से कई स्वस्थ्य लाभ होते हैं। अध्ययन के उद्देश्यों में से एक
मुख्य उद्देश्य मधुमेह रोगियों के बीच जीवनशैली में बदलाव को बढ़ावा देना था। तथा निष्कर्ष
निकाला कि चलने ने दुनिया भर में चिरकालिक बीमारी के बड़े और बढ़ते बोझ को कम करने की
क्षमता प्रदान की थी।
लेकिन कितना अच्छा हो यदि हमें यह पता चल सकें कि हम संपूर्ण दिन में कितना चलें, तो यह
हमें हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में काफी मदद करेगा। हम एक आसान छोटे से यंत्र पैडोमीटर
(Pedometer) का उपयोग करके यह पता लगा सकते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि यह हमारे
कदमों की गिनती कैसे करता है? आसान शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि जब हम चलते हैं तो
हमारा शरीर एक तरफ झुक जाता है और हम एक पैर आगे की ओर बढ़ाते हैं। फिर हमारा शरीर
दूसरी तरफ झुक जाता है और हम दूसरे पैर को भी आगे की ओर बढ़ाते हैं। कूल्हों का प्रत्येक झुकाव
और पैरों का हिलना-डुलना एक कदम होता है। यह मानते हुए कि प्रत्येक चरण लगभग समान लंबाई
का है, हमें केवल इतना करना है कि हमारा शरीर कितनी बार झुकता है यह गिनकर हम एक दिन
में कितने कदम उठाते हैं का पता लगा सकते हैं। फिर हम चलने वाली कुल दूरी का पता लगाने के
लिए चरणों की संख्या को प्रत्येक की लंबाई से गुणा कर सकते हैं। इसी भांति एक पेडोमीटर कार्य
करता है, हालांकि अधिक सटीकता से।
ऐतिहासिक रूप से पेडोमीटर को लंबवत रहने की आवश्यकता होती है। एक लेड (Lead) गेंद से बना
एक छोटा पेंडुलम (Pendulum) प्रत्येक चल कदम के साथ उपकरण के भीतर घुमाया जाता है और
फिर कुल चलकदमों को प्राप्त करने के लिए इसे दो (प्रत्येक पैर के लिए एक चलकदम) से गुणा
किया जाता था। हालाँकि, रिकॉर्डिंग के साथ समस्याएँ तब उत्पन्न हुईं जब चट्टानी या असमान पथ
जैसी परिस्थितियों में चलना होता था या व्यक्ति नीचे की ओर झुका और उससे पेंडुलम गिर गया।
वहीं आधुनिक पेडोमीटर बहुत समान तरीके से काम करते हैं लेकिन आंशिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक
(Electronic) होते हैं। इनके अंदर एक पतली स्प्रिंग (Spring) से इलेक्ट्रॉनिक काउंटिंग सर्किट
(Electronic counting circuit) में तार के माध्यम से धातु के पेंडुलम को लगाया होता है।आम तौर
पर सर्किट खुला होता है और इससे कोई विद्युत प्रवाह नहीं होता है।जैसे ही हम एक कदम बढ़ाते हैं,
हथौड़ा घूमता है और केंद्र में धातु के संपर्क में आकर, सर्किट को पूरा करता है और विद्युत को
प्रवाहित होने देता है। विद्युत का प्रवाह सर्किट को सक्रिय करता है और हमारे कदम की गणना
करता है। जैसे ही हम कदम पूरा करते हैं, हथौड़ा फिर से वापस आ जाता है (स्प्रिंग की मदद से)
और सर्किट टूट जाता है, और दूसरे कदम के लिए पैडोमीटर को प्रभावी ढंग से पुनःतैयार कर देता है।
अंतः पेडोमीटर एलसीडी डिस्प्ले (LCD Display) पर हमारे कदमों की गिनती को दिखाता है। हालांकि
आधुनिक पेडोमीटर में अभी भी त्रुटि की गुंजाइश को देखा जा सकता है लेकिन सटीकता आमतौर पर
लगभग 5% के भीतर होती है।
अधिक परिष्कृत पेडोमीटर (ओमरोन (Omron) द्वारा बनाए गए कुछ) पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप
से काम करते हैं और चूंकि उनमें कोई हिलने-डुलने वाले हिस्से नहीं होते हैं, इसलिए वे लंबे समय
तक चलते हैं, अधिक विश्वसनीय और काफी अधिक सटीक होते हैं। इनमें पेंडुलम-हथौड़ा का उपयोग
करके कदमों को मापा नहीं जाता है और इसके बजाए दो या तीन एक्सेलेरोमीटर (accelerometer)
के साथ हमारे कदमों को मापा जाता है। ये समकोण पर व्यवस्थित माइक्रोचिप्स (Microchips) होती
हैं जो हमारे पैरों के हिलने पर लगने वाले बल में होने वाले सूक्ष्म परिवर्तनों का पता लगाते हैं।
लेकिन जब हमारे पास स्मार्टफोन है तो इलेक्ट्रॉनिक पेडोमीटर की जरूरत किसे है? आजकल
अधिकांश स्मार्टफोन में काफी सटीकता से किसी स्थान को ट्रेक करने वाले उपकरण मौजूद हैं,
जिसकी मदद से हम अपने फोन में कोई भी पैडोमीटर ऐप को स्थापित करके इस सुविधा का लाभ
उठा सकते हैं। कुछ हमारे फ़ोन के एक्सेलेरोमीटर का उपयोग करते हैं।
वहीं कई GPS उपग्रह
नेविगेशन (Navigation) का उपयोग यह पता लगाने के लिए करते हैं कि हम कितनी दूर चले हैं या
दौड़े हैं, वे हमारे कदमों की यांत्रिक गणना करने के बजाय अंतरिक्ष उपग्रह संकेतों का उपयोग करते
हैं।
हालाँकि, सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि पेडोमीटर का विचार बिल्कुल भी नया नहीं है। 15वीं
शताब्दी के सबसे महान बुद्धिजीवों में से एक, लियोनार्डो दा विंची (Leonardo Da Vinci) ने एक
रोमन (Roman) सैनिक द्वारा चली गई दूरी को ट्रैक करने का प्रयास किया। उन्होंने इस प्रयास में
एक उपकरण विकसित करने की योजना बनाई और अंतः उन्होंने सबसे पहले पेडोमीटर को विकसित
किया। वहीं पेडोमीटर के इतिहास का अगला भाग थोड़ा उलझा हुआ है।
कुछ लोग मानते हैं कि
स्विस (Swiss) घड़ी निर्माता जिन्होंने गति को संवेदनशील, और स्व-घुमावदार घड़ियों को, कदमों को
रिकॉर्ड (Record) करने के लिए पैडोमीटर में उपयोग होने वाले तंत्र को खोज कर निर्माण किया।
जबकि कुछ लोग फ्रांसीसी (French) को पहली घड़ी का श्रेय देते हैं, जिसे थॉमस जेफरसन
(Thomas Jefferson) ने बाद में पहले आधुनिक पेडोमीटर का रूप दिया था। वहीं सस्ते आधुनिक
पेडोमीटर आंशिक रूप से यांत्रिक (वे एक झूलते हुए पेंडुलम का उपयोग करके चरणों को पंजीकृत
करते हैं) और आंशिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक (वे पेंडुलम का पता लगाने वाले चरणों की गणना करने के
लिए माइक्रोचिप्स का उपयोग करते हैं) होते हैं।
वर्तमान समय में स्वास्थ्य बनाए रखने की नई प्रवृत्ति पेडोमीटर है। फिटबिट (Fitbit) जैसे पहनने
योग्य बिना तार वाले उपकरणों से लेकर आपके स्मार्टफ़ोन (Smartphone) के लिए उपलब्ध
अनगिनत ऐप्स तक, ये अब हर जगह उपलब्ध हैं और ये हमारे चहलक़दमों को ट्रैक (Track) करने
के अलावा भी बहुत कुछ करता है।
साथ ही कोविड-19 महामारी के कारण बाजार में जहां कुछ क्षेत्र ठप से हो गए, वहीं कुछ में काफीवृद्धि को देखा गया, इसमें पहनने योग्य उपकरणों का बाजार भी शामिल है, ईयरवियर (Earwear),
घड़ियां और रिस्टबैंड (Wristband) जैसे उपकरणों की मांग में काफी उच्च वृद्धि को देखा गया है।
आईडीसी (IDC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तीसरी तिमाही में 23.8 मिलियन पहनने योग्य
उपकरणों बेचे गए। इनमें 4.3 मिलियन थोक के साथ स्मार्टवॉच (Smartwatch) सबसे तेजी से
बिकने बढ़ने वाली श्रेणी में आती है।
प्रौद्योगिकी और फिटनेस का एकीकरण कभी आसान नहीं रहा, खासकर जब हम 'डिजिटल
पुनर्निर्माण' का अनुभव कर रहे हों।हमारे फोन पर एक मामूली पेडोमीटर के साथ शुरू होकर आज
स्मार्टवॉच का बाजार भारत में काफी प्रगति कर रहा है। भारत का स्मार्टवॉच बाजार स्वास्थ्य और
फिटनेस से संबंधित उपभोक्ता जागरूकता में बदलाव के कारण फलफूल रहा है, जिसे महामारी ने
और बढ़ावा दिया है। तकनीकी ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है। पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र में
कई प्रगति हुई है। कई जाने-माने टेक दिग्गजों ने एक से अधिक नवाचार पेश किए हैं और अब,
फिटनेस बैंड आपके कदमों को मापने के अलावा और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।वे अब लगभग
सभी प्रमुख खेल गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3KwUOyy
https://bit.ly/3JAKdSg
https://bit.ly/3DZzM9q
चित्र संदर्भ
1. पैडोमीटर (Pedometer) को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. मैकेनिकल पेडोमीटर को दर्शाता एक अन्य चित्रण (wikimedia)
3. भीतर से पेडोमीटर को दर्शाता एक अन्य चित्रण (wikimedia)
4. ऐतिहासिक पेडोमीटर, दक्षिणी जर्मनी, 1590 को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. कदमों को मापने वाले सॉफ्टवेयर को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
6. स्मार्टवॉच (Smartwatch) को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)https://bit.ly/3uryh0y
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