7.5% भारतीय आबादी किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके उपचार के लिए 4000 से भी कम विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। मानसिक बीमारियां सभी स्वास्थ्य संबंधी विकारों का एक छंठा हिस्सा बनाती हैं। यदि मानसिक बीमारियों की व्यापकता और उपचार प्राप्त करने वाले रोगियों के अनुपात को देखा जाये तो यह अनुपात 70% से भी अधिक है। तनाव, अवसाद, स्मृति हीनता आदि ऐसी कई मानसिक दशाएं हैं जिनसे मानव ग्रसित है तथा अपने मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने शारीरिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।जैसा कि हम जानते हैं कि व्यायाम हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, किंतु कई लोग यह नहीं जानते कि इसका सकारात्मक असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। व्यायाम सिर्फ एरोबिक (Aerobic) क्षमता और मांसपेशियों के आकार के बारे में नहीं है। व्यायाम कई सामान्य मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए शक्तिशाली दवा भी है। नियमित व्यायाम तनाव से छुटकारा दिलाता है, स्मृति में सुधार लाता है, बेहतर नींद में मदद करता है, तथा समग्र मनोदशा को बढ़ाता है। व्यायाम का प्रभाव हमारे मस्तिष्क की न्यूरोप्लास्टिसिटी (Neuroplasticity) पर पड़ता है। ये वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा न्यूरॉन्स (Neurons) समय के साथ एक अव्यवस्था के अनुकूलित हो जाते हैं। अधिकतर ऐसा किसी उत्तेजना के बार-बार सम्पर्क में आने की प्रतिक्रिया के कारण होता है। ऑक्सीजन (Oxygen) की उपस्थिति में होने वाला व्यायाम न्यूरोट्रॉफिक कारकों (Neurotrophic factors) - जैसे, BDNF, IGF-1, VEGF के उत्पादन को बढ़ाता है, जो कि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के निर्माण, वयस्क न्यूरोजेनेसिस (Neurogenesis), और न्यूरोप्लास्टिसिटी के अन्य रूपों को बढ़ावा देकर हमारी स्मृति के विभिन्न रूपों और संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार लाते हैं। कई महीनों की अवधि में लगातार किया गया व्यायाम मस्तिष्क के विभिन्न कार्यों में दैनिक रूप से महत्वपूर्ण सुधार लाता है और मस्तिष्क के लगभग सभी क्षेत्रों में ग्रे (Grey) पदार्थ की मात्रा को बढ़ाता है। ग्रे पदार्थ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक प्रमुख घटक है, जो संज्ञानात्मक कार्यों के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वायु की उपस्थिति में व्यायाम करने के प्रभाव से मस्तिष्क की प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (Prefrontal cortex), कॉडेट न्यूक्लियस (Caudate nucleus) और हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) संरचनाएं ग्रे पदार्थ की मात्रा में सबसे बड़ा सुधार दिखाती हैं। ये संरचनाएं उन सभी महत्वपूर्ण मस्तिष्क संरचनाओं में से एक हैं जो डोपामीन (Dopamine) और नॉरेपिनेफ्रिन (Norepinephrine) प्रणालियों में संज्ञानात्मक नियंत्रण को जन्म देती हैं। जब इनके ग्रे पदार्थ में वृद्धि होती है तो स्थानिक स्मृति में सुधार, सूचना प्रसंस्करण गति में तेज़ी तथा एपिजेनेटिक (Epigenetic) परिवर्तन होते हैं जो तनाव में सुधार, संज्ञानात्मक कार्य में सुधार और न्यूरोनल(Neuronal) गतिविधि में वृद्धि करते हैं।
ऐसे कई साक्ष्य हैं जो यह बताते हैं कि शारीरिक व्यायाम मस्तिष्क में संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तनों को प्रेरित करता है और सकारात्मक जैविक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों को निर्धारित करता है। यह बुढ़ापे में होने वाले रोगों का मुकाबला करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न्यूरोडीजेनेरेशन (Neurodegeneration) का एक सुरक्षात्मक कारक भी है। कोविड-19 (Covid-19) महामारी तेजी से बढ़ रही इस दुनिया को एक ठहराव में ले आई है। इस महामारी का प्रभाव बड़े पैमाने पर है, और बीमारी के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए एकमात्र रणनीति सामाजिक दूरियों का पालन करना है। महामारी से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown)के परिणामस्वरूप व्यावसायिक गतिविधियों, सार्वजनिक स्थानों, स्वस्थता और गतिविधि केंद्रों और संपूर्ण सामाजिक जीवन को बंद कर दिया गया, जिसने लोगों के जीवन के कई पहलुओं को बाधित किया है, जिसमें स्वस्थता लहर और गतिविधियां शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न मनोवैज्ञानिक मुद्दे और गंभीर स्वस्थता और स्वास्थ्य चिंताएं उत्पन्न हुई हैं।
लेकिन लोगों द्वारा धीरे-धीरे जिम-आधारित कसरत पर अपनी निर्भरता को बदलकर अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए वैकल्पिक गतिविधियों में बदल दिया। लोगों द्वारा सामाजिक मीडिया (Media) और स्वस्थता के लिए विभिन्न स्वास्थ्य एप्प (App) का उपयोग किया जाने लगा। वहीं 2020 में, HealthifyMe ने पिछले साल के एक मिलियन किलोग्राम के मुकाबले नौ महीनों में सामूहिक रूप से दो मिलियन किलोग्राम वजन कम करने में लोगों की मदद की। ये तकनीक से संचालित डाइट-फिटनेस स्पेस का संचालन करने वाले एकमात्र एप्प नहीं हैं जो 2020 के होमबाउंड (Homebound), प्रतिरक्षा अनुसरण, भय-ग्रस्त भारत से लाभान्वित होने का दावा करते हैं, Fitpass, SARVA, और भी अन्य कई ऐसे एप्प हमारे समक्ष मौजूद हैं। इस तथ्य के बावजूद कि हम स्वस्थता के मामले में पच्छम के साथ पकड़ बना रहे हैं, जो इसे रोमांचक बनाता है वह यह है कि प्रौद्योगिकी दक्षता पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके अलावा, एक निश्चित भारतीय-मानसिकता तकनीक का विकास है।उपभोक्ताओं के रूप में, हम किसी गतिविधि को करते समय आसानी से ऊब जाते हैं, अनुशासन की कमी, और भोजन के अंत में मिठाई का अनिवार्य रूप से होना हमें हमारे लक्ष्य से पथ भ्रष्ट कर देता है, वहीं प्रौद्योगिकी लोगों को एक समग्र स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.