Post Viewership from Post Date to 04-Mar-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
289 121 410

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

जौनपुर के संकट मोचन हनुमान मंदिर में संगीतकारों का मनमोहक भक्ति संगीत

जौनपुर

 01-02-2022 08:58 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

कदाचित आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की दुनिया की सबसे विशाल ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग वेबसाइट ( video sharing website ) यूट्यूब पर हनुमान चालीसा भारत में सर्वाधिक देखे जाने वाले संगीत चलचित्रों (Music Videos) में से एक है। बजरंगी से संबंधित एक अन्य कौतुहल भरा तथ्य यह भी है की, न केवल श्री हनुमान पर आधारित संगीत बेहद लोकप्रिय हैं, बल्कि स्वयं पवनपुत्र हनुमान भी अतिबलशाली और बेहद बुद्धिमान होने के साथ-साथ स्वयं संगीत के महान ज्ञाता माने जाते हैं।
हिंदू समाज में श्री हनुमान का संगीत प्रेम और क्षमता का व्यख्यान करती एक अति रमणीय पौराणिक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार हिंदू धर्म के दो प्रसिद्ध देवीय संगीतकार नारद और तुम्बुरु निरंतर भगवान विष्णु की महिमा गाते रहते थे। एक बार जब श्री हरि ने तुम्बुरु के शानदार संगीत की प्रशंसा की, तो देवऋषि नारद अत्यंत दुखी हो गए। जिसके पश्चात् श्री हरी ने नारद को आकाशीय संगीतकारों गणबंधु के संगीत शिक्षक से संगीत सीखने के लिए भेजा।
लेकिन उनके संगीत में फिर भी अधिक प्रगति नहीं हुई , फिर उन्होंने जाकर भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी से संगीत सीखा। इस प्रकार, पर्याप्त प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, नारद चाहते थे कि उनके प्रभु श्री हरी तुम्बुरु और नारद के बीच में तुलना पर पुनः चुनाव करें, और घोषित करें कि दोनों में से सबसे अच्छा संगीतकार कौन है। वे दोनों श्री हरी को बेहद प्रिय थे, और भगवान किसी एक विशेष का नाम लेकर किसी अन्य को नाराज नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस काम के लिए किसी विशेषज्ञ और कुशल संगीतकार को बुलाने पर विचार किया। अतः इसका निर्णय करने के लिए उन्होंने बुद्धिमान श्री हनुमान को आमंत्रित किया। हनुमानजी आए और प्रतियोगिता शुरू हुई। तुम्बुरु ने अपनी वीणा - कलावती के साथ गाया। उनका संगीत इतना मंत्रमुग्ध कर देने वाला था कि, सारा ब्रह्मांड और प्राणी एक ही स्थान पर स्थिर हो गए! हनुमानजी ने उनकी प्रशंसा में सिर हिलाया। इसके बाद देवऋषि नारद की बारी थी। उन्होंने अपनी वीणा - महती के साथ अपना संगीत प्रस्तुत किया। उनके आकाशीय संगीत ने सभी जमी हुई वस्तुओं को पिघला दिया!
वे दोनों असाधारण रूप से सर्वश्रेष्ठ थे। आखिर में हनुमानजी के फैसले का सभी को बेसब्री से इंतजार था। हनुमानजी ने उन दोनों की वीणा माँगी और वीणाओं के झरोखों (ऊर्ध्वाधर पट्टियाँ जिस पर क्षैतिज तार चलते हैं) को हटा दिया और वीणा उन्हें वापस दे दी तथा उन्हें वीणा बजाने के लिए कहा। इस पर नाराज होकर, दोनों संगीतकारों ने हनुमान जी से पूछा कि बिना झल्लाहट (fret) के वीणा कैसे बजायी जा सकती है? हनुमानजी ने चुपचाप निर्भय वीणा ली और बांस की छड़ी के एक छोटे टुकड़े का उपयोग करके वीणा पर मधुर संगीत बजाने लगे। वे बिना झल्लाहट के वीणा बजाने में माहिर थे। हनुमानजी के दिव्य संगीत के परमानंद भक्तिमय प्रवाह में सभी देवता खो गए थे। कुछ देर बाद जब उन्होंने चारों ओर देखा, तो उन्होंने पाया कि उनके बीच स्वयं भगवान श्री हरि हनुमानजी की संगीत को मंत्रमुग्द होकर सुन रहे थे। नारद और तुम्बुरु ने झुककर स्वीकार किया कि वास्तव में हनुमानजी न केवल भगवान के सबसे बड़े भक्त थे, बल्कि सबसे कुशल संगीतकार भी थे। सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में से एक अंजनीपुत्र श्री हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हमारा जौनपुर शहर एक आदर्श और पावन स्थली भी है, क्यों की जौनपुर का संकट मोचन हनुमान मंदिर बजरंगी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। जहां हनुमान भक्ति में लीन संगीतकार मनमोहक भक्ति संगीत की प्रस्तुति देते है। यहाँ का वातावरण निश्चित रूप से भक्तिमय और मंत्रमुग्द करने वाला होता है।
संगीत कला में दक्ष माने जाने वाल श्री हनुमानजी का रमणीय संगीत न केवल देवताओं के लिए था, बल्कि उनसे जुड़े हुए संगीत के प्रत्यक्ष प्रमाण "हनुमान मत " के रूप में धरा पर भी सुनाई पड़ते हैं। दरअसल हनुमान मत हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में चार 'मतों' (सिस्टम) में से एक है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ध्रुपद में किया जाता है। यह गुरुबनी के गायन में प्रयुक्त प्रमुख प्रणाली है। नारद पुराण में, हनुमान को शिव और विष्णु के अवतारों को मिलाकर, मुखर संगीत के स्वामी के रूप में वर्णित किया गया है। ध्रुपद शैली में मुख्य रूप से गाए जाने वाले हनुमान 'मत' के संदर्भ में यह दिलचस्प तथ्य यह भी है कि अबू फजल की आइन-ए-अकबरी (1593) में एक संगीत शैली के रूप में ध्रुपद का सबसे पहला उल्लेख मिलता है। हनुमानजी के संबंध में एक और आकर्षक पहलू भी है, की एक शानदार पुस्तक, द मंकी ग्रैमेरियन (The Monkey Grammarian) में, दिवंगत मैक्सिकन कवि-आलोचक ऑक्टेवियो पाज़ (Octavio Paz) ने हनुमान को पौराणिक कथाओं में नौवें व्याकरणकर्ता होने की क्षमता के बारे में लिखा है।

संदर्भ
https://bit.ly/3GdjOrJ
https://bit.ly/3ucCup5
https://bit.ly/3KYUPvR
https://bit.ly/3G7JohL
https://bit.ly/3g96Lgt
https://bit.ly/3ocYJrr

चित्र संदर्भ   
1. राम धुन गाते हनुमान जी को दर्शाता एक चित्रण (facebook)
2. ऋषि सनथकुमार ने नारद को ब्रह्मविद्या की शिक्षा दी, जिनको दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. देवगणों के साथ आराम करते भगवान् विष्णु को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id