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2006 में चेल्सी फ्लावर शो (Chelsea Flower Show) में प्रदर्शित, जूलियट रोज (Juliet
Rose) को 15.8 मिलियन डॉलर की भारी राशि में बेचा गया, जिसके बाद यह सबसे महंगा
फूल बन गया, जूलियट रोज को उगाने में डेविस ऑस्टिन (Davis Austin) ने 15 साल
निवेश किए। हमारे जौनपुर में इत्र बनाने के लिए बड़े पैमाने पर गुलाब की खेती की जाती
है, यहां उत्पादित गुलाब को राज्य के अन्य जिलों और भारत के अन्य राज्यों में भी भेजा
जाता है। भारत भर में गुलाब की विभिन्न किस्में उगाई जाती हैं।
भारत में वर्गीकृत गुलाब की कुछ सबसे लोकप्रिय प्रजातियों इस प्रकार हैं:
1. हाइब्रिड टी गुलाब (Hybrid Tea Rose):
यह सबसे लोकप्रिय किस्मों में से एक है, जो एक झाड़ीदार प्रकृति का है। इसके फूलों में
लगभग 30-50 पंखुड़ियाँ होती हैं जो इसको एक बड़ा एवं सुंदर आकार देती हैं। यह सदाबहार
गुलाब का एक संकर है।
2 ग्रैंडिफ्लोरा गुलाब (Grandiflora Rose)
यह गुलाब फ्लोरिबुंडा गुलाब (Floribunda roses) और एचटी (HT) के बीच एक संकर है।
इसके पौधे में एक ही तने पर फूलों का एक गुच्छा लगता है। इस गुलाब की खास बात
इसके आकर्षक रंग पीले, नारंगी, लाल, गुलाबी और बैंगनी रंग हैं।
3. फ्लोरिबुंडा गुलाब (Floribunda Rose)
यह गुलाब पॉलींथा गुलाब (Polyantha rose) और एचटी के बीच का एक संकर है। पौधे में
पीले, सफेद, गुलाबी, बैंगनी और नारंगी रंग के सुंदर रंगों में बड़े फूलों के घने समूह होते हैं।
यह गुलाब हेजेज (hedges) के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि यह कम उगने वाली झाड़ी
है।
4.पॉलींथस गुलाब (Polyanthas Rose)
इस गुलाब को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और यह रोगों के प्रति प्रतिरोधक
क्षमता प्रदर्शित करता है। जब आप उन्हें हेजेज के साथ या गमलों की एक पंक्ति में उगाते
हैं तो यह गुलाब बहुत ही मनोरम दृश्य प्रदान करता है। लाल, गुलाबी और सफेद रंग के
शेड्स (shades) आपके बगीचे में एक परीकथा का नजारा बनाते हैं।
5.लता और रामबलर गुलाब (Climber and Rambler Rose)
यह गुलाब बेल की तरह है, लेकिन वास्तव में बेल नहीं है। इसके लंबे, कड़े तने होते हैं
जिन्हें समर्थन देकर आगे बढ़ाया जाता है। क्षैतिज प्रशिक्षण बेहतर तरीके से खिलने को
प्रोत्साहित करता है। पौधे अपने बड़े फूलों से सभी को प्रसन्न करता है जो इसके बढ़ते
मौसम के दौरान बार-बार आते हैं।
6.लैंडस्केप गुलाब (Landscape Rose)
इस गुलाब के फूल साल भर खिलते हैं। यह व्यापक रूप से विस्तारित होते हैं। ये कम
बढ़ते हैं और इन्हें कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। उनके पुष्प पैटर्न दिलचस्प हैं,
जो इसकी झाड़ी को एक करिश्माई रूप देते हैं।
7.झाड़ी गुलाब (Shrub Rose):
यह गुलाब पारंपरिक और आधुनिक गुलाब की विशेषताओं को प्रदर्शित करता है। फूलों में
दोहरी पंखुड़ियाँ होती हैं और वे एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं, जिससे यह एक छोटी गोभी
जैसा दिखता है। हरे और नीले रंग को छोड़कर यह इंद्रधनुष के सभी रंगों में उपलब्ध हैं।
8.बोर्बोन गुलाब (Bourbon Rose)
यह गुलाब पुराने ब्लश चाइना रोज (old blush China rose) और जामदानी गुलाब
(Damask rose) के बीच का संकर है। यह हल्दीघाटी और पुस्कर क्षेत्र में उगाया जाता है।
इसकी सुखद सुगंध के कारण इस किस्म का उपयोग गुलाब के तेल के उत्पादन के लिए
किया जाता है। फूल स्नो व्हाइट (snow white) या गहरे गुलाबी रंग के हो सकते हैं। यह
गुलकंद बनाने के लिए अच्छा होता है।
9.जामदानी गुलाब
यह गुलाब रोजा मोस्चाटा (Rosa moschata) और रोजा गैलिका (Rosa gallica) के बीच
एक संकर है। इस किस्म के फूल गहरे गुलाबी से हल्के गुलाबी रंग के होते हैं। भारत में, इस
किस्म का उपयोग "अत्तर" एक प्रकार का गुलाब का तेल, बनाने के लिए किया जाता है।
इसकी पंखुड़ियां खाने योग्य होती हैं,इनका उपयोग हर्बल चाय बनाने, व्यंजनों को स्वाद देने
या परिरक्षक गुलकंद बनाने के लिए किया जाता है।
सीएसआईआर-आईएचबीटी(CSIR-IHBT)ने नई किस्में और तेल निष्कर्षण तकनीक विकसित
की है।
10.अल्बा रोज़ (Alba Rose)
यह गुलाब की सबसे पुरानी किस्मों में से एक है। इसका पौधा छायादार वातावरण का
सामना कर सकता है और रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता प्रदर्शित करता है। फूल एक मीठी
सुगंध के साथ एक सुंदर गुलाबी एवं सफेद रंग के होते हैं जो इंद्रियों को शांति प्रदान करते
हैं।
11.कश्मीरी गुलाब:
कटे हुए फूलों (सजावटी फूल) के लिए यह गुलाब बहुत अच्छा है। इसमें हल्की सुगंध और
मनमोहक चमकीले लाल फूल हैं। विविधता में एचटी जैसा दिखता है। फूलों की पंखुड़ियां
स्पर्श करने में मखमली नरम होती हैं और कटे हुए फूल के रूप में एक आदर्श उपहार के रूप
में काम कर सकती हैं।
12.लघु गुलाब (Miniature Rose):
छोटे गुलाबों की खेती इस तरह की जाती है कि वे आकार में छोटे रहते हैं। उनके तने छोटे
होते हैं, लेकिन वे कठोर होते हैं और 2-3 सप्ताह तक लगातार खिलते हैं। वे बाड़ लगाने
वाले पौधों और लटकते गमलों के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
गुलाब की खेती के लिए आवश्यक कारक:
मिट्टी और जलवायु:
इसके लिए अच्छी तरह से सूखी रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त है, जिसका पीएच 6-7 हो।
गुलाब की खेती के लिए कम से कम 6 घंटे तेज धूप की आवश्यकता होती है। दिन का
तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस आदर्श माना जाता
है। इसे तमिलनाडु के मैदानी इलाकों में उगाया जा सकता है जहां इसके लिए इष्टतम
जलवायु उपलब्ध है।
प्रसार और रोपण:
इसकी कटिंग को 2-3 कलियों के साथ आईबीए या आईएए (IBA or IAA)@ 500 पीपीएम
में डुबोया जाता है। 45 सेमी x 45 सेमी x 45 सेमी के गड्ढे 2.0 x 1.0 मीटर की दूरी पर
खोदे जाते हैं और रोपण से पहले प्रत्येक गड्ढे में 10 किग्रा गोबर की खाद डाली जाती है।
सिंचाई:
गुलाब के पौधे को मार्च से अक्टूबर तक हफ्ते में दो बार सिंचाई की आवश्यकता होती
है।वर्षा ऋतु में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।खेतों में व्यवस्थित जलनिकासी की
व्यवस्था होनी चाहिए। ड्रिप सिंचाइ पद्धति इसके लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
खाद डालना:
अक्टूबर में और फिर जुलाई में छंटाई के बाद 10 किलो एफवाईएम (FYM) और 6:12:12
ग्राम एनपीके (NPK) प्रति पौधा खाद देने की आवश्यकता होती है।
सूक्ष्म पोषक:
20 ग्राम MnSO4 + 15 ग्राम MgSO4 + 10 ग्राम FeSO4 + 5 g B (मिश्रण का 2
ग्राम एक लीटर पानी में घोला जाता है) युक्त 0.2% सूक्ष्म पोषक मिश्रण का अनुप्रयोग
चमकीले रंग के फूल पैदा कर सकते हैं।
बायो फर्टिलाइजर (Biofertilizers)
रोपण के समय प्रति हेक्टेयर 2 किलो एजोस्पिरिलम (azospirillum) और फास्फो बैक्टीरिया
(phospho bacteria) को मिट्टी में मिलाएं। इसे 100 किलो गोबर की खाद में मिलाकर
गड्ढों में डालें।
छंटाई:
छंटाई का सबसे अच्छा समय वह अवधि है जब गुलाब के पौधे की गतिविधि कम से कम
होती है और पौधा सुप्त अवस्था में होता है। छंटाई के समय विशेष क्षेत्र की जलवायु
परिस्थितियों पर निर्भर करेगी। पिछले सीज़न की लंबी लंबी टहनियों को आधी लंबाई में काट
देना चाहिए। सभी कमजोर, रोगग्रस्त, क्रॉस-क्रॉसिंग और अनुत्पादक अंकुर हटा देना चाहिए।
कटे हुए सिरों को फाइटोलन पेस्ट (phytolon paste) + कार्बेरिल (carbaryl) 50 WP से
सुरक्षित किया जाना चाहिए।
फसल की कटाई:
गुलाब की खेती में फूलों को तोड़ते वक्त याद रखें कि जब फूल की एक या दो पंखुडियां
खिल जाए, तो फूल को पौधे से अलग कर दें। इसके लिए तेज़ धार वाले चाक़ू या ब्लेड का
इस्तेमाल करें। फूल को काटने के तुरंत बाद पानी से भरे बर्तन में रख दें। अब उसे कोल्ड
स्टोरेज(cold storage) में रख दें। इसका तापमान करीब 2 से 10 डिग्री तक होना चाहिए।
इसके बाद फूलों की ग्रेडिंग की जाती है, जिसे
कोल्ड स्टोरेज में ही पूर्ण किया जाता है। इसी
को फूलों की छटाई भी कहा जाता है।
भारत में गुलाब की खेती किसानों के लिए सबसे लाभदायक व्यवसाय है। यहां कर्नाटक,
तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, प।बं, जम्मू कशमीर,
मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश गुलाब की खेती करने वाले प्रमुख राज्य हैं।प्रति ऐकड़ भूमि
पर गुलाब की खेती की लागत एवं लाभ कुछ इस प्रकार है:
भूमि का किराया: 2,00,000 वार्षिक
भूमि की तैयारी: 20,000
फसल उत्पादन सामाग्री: 80,000
उर्वरक एवं खाद: 20,000
पौधों के रखरखाव: 15,000
सिंचाई लागत: 50,000
श्रमिक लागत: 60,000
अन्य लागत: 20,000
पैकेजिंग उत्पाद: 15,000
कुल लागत: 3,80,000
यदि किसान अपनी फसल को फूलों के एजेंट को बैचता है तो प्रत्येक फूल की कीमत 3
रूपय होगी, जो कि पूर्णत: चुने गए फूल की किस्म पर निर्भर करता है। अत: आय लगभग
1,50,000*3=4,50,000.
लाभ=आय-लागत=4,50,000-3,80,000=70,000. प्रति एकड़ में 70 हजार का लाभ होगा।
गुलाब की खेती की आय मृदा, मौसम, किस्म, उर्वरक, ऋतु, बाजार की मांग, उत्पादन
विधि पर निर्भर करता है। गुलाब की कीमत बाजार क्षेत्र के अनुसार बदलती रहती है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3tL68lk
https://bit.ly/33J27TR
https://bit.ly/3tSnSv4
https://bit.ly/3fPcfwF
https://bit.ly/3rKEsu4
चित्र संदर्भ
1. जेगुलाब की पोंध को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. हाइब्रिड टी गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ग्रैंडिफ्लोरा गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. फ्लोरिबुंडा गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. पॉलींथस गुलाब गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
6. लता और रामबलर गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
7. लैंडस्केप गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
8. झाड़ी गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
9 .बोर्बोन गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
10. जामदानी गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
11. अल्बा रोज़ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
12. कश्मीरी गुलाब: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
13. लघु गुलाब को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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