Post Viewership from Post Date to 26-Feb-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
624 111 735

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

गणतंत्र दिवस के पद्म पुरस्कारों का संक्षिप्त विवरण, जौनपुर के रामभद्राचार्य, पद्म विभूषण के थे प्रवर्तक

जौनपुर

 26-01-2022 10:45 AM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर, सरकार कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और अभियांत्रिकी, जन सम्बन्धी, नागरिक सेवाएं, व्यापार और उद्योग आदि जैसे गतिविधियों / विषयों के सभी क्षेत्रों में किसी भी विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों / सेवा के लिए लोगों को सम्मानित करती है। ये पुरस्कार भारत रत्न, पद्म पुरस्कार, जैसे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार और परम वीर चक्र, पुलिस पदक, बहादुरी पुरस्कार जैसे सैन्य पुरस्कार हो सकते हैं।जौनपुर के रामभद्राचार्य स्वयं पद्म विभूषण के प्रवर्तक थे।जगद्गुरु रामभद्राचार्य का जन्म पंडित श्री राजदेव मिश्रा और श्रीमती शचिदेवी मिश्रा के घर जौनपुर जिले के शांडीखुर्द गांव में वशिष्ठ गोत्र के एक सरयूपारीन ब्राह्मण परिवार में हुआ।वे चित्रकूट, भारत में स्थित एक भारतीय हिंदू आध्यात्मिक नेता, शिक्षक, संस्कृत विद्वान, बहुभाषाविद, कवि, लेखक, पाठ टिप्पणीकार, दार्शनिक, संगीतकार, गायक, नाटककार और कथा कलाकार हैं।रामभद्राचार्य चित्रकूट में एक धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्था तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख हैं, जिनका नाम संत तुलसीदास के नाम पर रखा गया है।वे चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक और आजीवन कुलाधिपति हैं, जहां विशेष रूप से चार प्रकार के विकलांग छात्रों को स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान किया जाता है।रामभद्राचार्य दो महीने की उम्र से अंधे थे, उन्होंने सत्रह साल की उम्र तक कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी, और सीखने या लिखने के लिए कभी भी ब्रेल (Braille) या किसी अन्य सहायता का उपयोग नहीं किया था।रामभद्राचार्य 22 भाषाएं बोल सकते हैं और संस्कृत, हिंदी, अवधी, मैथिली और कई अन्य भाषाओं में एक सहज कवि और लेखक हैं।उन्होंने चार महाकाव्य कविताओं, तुलसीदास के रामचरितमानस पर हिंदी समीक्षा और हनुमान चालीसा, अष्टाध्यायी पर पद्य में एक संस्कृत समीक्षा, और प्रस्थानत्रयी शास्त्रों पर संस्कृत भाष्य सहित 100 से अधिक पुस्तकें और 50 पत्र लिखे हैं।वे रामायण और भागवत के एक कथा कलाकार हैं। उनके कथा कार्यक्रम भारत और अन्य देशों के विभिन्न शहरों में नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं, और शुभ टीवी, संस्कार टीवी और सनातन टीवी जैसे टेलीविजन चैनलों (Television channels) पर प्रसारित किए जाते हैं।
पद्म विभूषण ("लोटस डेकोरेशन (Lotus Decoration)") भारत रत्न के बाद भारत गणराज्य का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। 2 जनवरी 1954 को स्थापित, यह पुरस्कार "असाधारण और विशिष्ट सेवा" के लिए दिया जाता है। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेद के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। हालांकि, डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक उपक्रमों के साथ काम करने वाले सरकारी कर्मचारी इन पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं।2020 तक, यह पुरस्कार 314 व्यक्तियों को दिया गया है, जिसमें सत्रह मरणोपरांत और इक्कीस गैर-नागरिक प्राप्तकर्ता शामिल हैं।प्रत्येक वर्ष 1 मई और 15 सितंबर के दौरान, पुरस्कार के लिए सिफारिशें भारत के प्रधान मंत्री द्वारा गठित पद्म पुरस्कार समिति को प्रस्तुत की जाती हैं।सिफारिशें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों, भारत सरकार के मंत्रालयों, भारत रत्न और पूर्वके पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं, उत्कृष्टता संस्थानों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और राज्य के राज्यपालोंऔर निजी व्यक्तियों सहित संसद सदस्य से प्राप्त होती हैं।समिति बाद में आगे की मंजूरी के लिए अपनी सिफारिशेंभारत के प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति को प्रस्तुत करती है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की घोषणा गणतंत्र दिवस पर की जाती है। पद्म पुरस्कार कुछ ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी दिया गया है जो भारतीय नागरिक नहीं थे, लेकिन उन्होंने राष्ट्र के विकास में कई तरह से योगदान दिया।मरणोपरांत सम्मान और गैर-नागरिक प्राप्तकर्ता पुरस्कारों को छोड़कर, एक वर्ष में दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों की कुल संख्या 120 से अधिक नहीं होनी चाहिए।पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता भारत के साप्ताहिक प्रकाशन, द गजट ऑफ इंडिया (The Gazette of India), प्रकाशन विभाग, शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैं।इस साप्ताहिक पत्रिका का उपयोग सरकारी सूचनाओं के लिए किया जाता है। भारत के राजपत्र प्रकाशन में प्रकाशित किए बिना पद्म पुरस्कारों का पुरस्कार आधिकारिक नहीं माना जाता है।पद्म पुरस्कार केवल एक सम्मान है और इसमें कोई नकद राशी या कोई लाभ नहीं दिया जाता है। पुरस्कार विजेताओं को हवाईया रेलवे यात्रासंबंधित रियायत आदि जैसी कोई सुविधा नहीं दी जाती है।साथ हीयह पुरस्कार कोई पदवी नहीं है और इसे पत्र शीर्षों, निमंत्रण पत्रों, पोस्टरों (Poster), पुस्तकों आदि पर पुरस्कार विजेता के नाम के आगे या पीछे उल्लिखित नहीं किया जा सकता है। इसके दुरुपयोग की स्थिति में, चूककर्ता को इस पुरस्कार से वंचित कर दिया जा सकता है।पद्म विभूषण पदक ज्यामितीय प्रतिरूप के साथ एक से तीन और एक-छठे इंच का एक गोलाकार आकार का कांस्य पदक है। पदक में सफेद- सुनहरे रंग में गढ़ी गई चार महत्वपूर्ण पंखुड़ियों वाला एक केंद्रीय-स्थित कमल का फूल होता है।'पद्म' शब्द कमल का प्रतीक है और कमल के फूल की नकाशी के ऊपरदेवनागरी लिपि में अंकित है, और 'विभूषण' शब्द नकाशी के नीचे लिखा गया है।अग्रभाग में, राष्ट्र का एक प्लेटिनम (Platinum)राज्य चिन्ह पदकके केंद्र में बनाया गया है।वहीं राष्ट्रीय आदर्श वाक्य, सत्यमेव जयते, देवनागरी लिपि में उकेरा गया है। वहीं 1954 में पद्म पुरस्कार के स्थापना के बाद दो संक्षिप्त रुकावटें 1978 और 1979 में आई थीं, जिसके कारण पद्म पुरस्कारों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।पद्म पुरस्कारों को जुलाई 1977 में निलंबित कर दिया गया था जब मोराजी देसाई भारत के चौथे प्रधान मंत्री बने थे। परंतु भारत के प्रधान मंत्री के रूप में इंदिरा गांधी के शपथ ग्रहण पर 25 जनवरी, 1980 को निलंबन रद्द कर दिया गया था।1992 के मध्य में दूसरी बार नागरिक पुरस्कारों को निलंबित तब किया गया था जब भारत के उच्च न्यायालयों में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं।बालाजी राघवन और सत्य पाल, दोनों याचिकाकर्ताओं ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 (1) के तहत नागरिक पुरस्कारों को 'उपपद' होने पर सवाल उठाया।2 अगस्त 1992 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक सूचना जारी कर देश में सभी नागरिक पुरस्कारों को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया।इसके बाद स्पेशल डिवीजन बेंच (Special Division Bench) ने 15 दिसंबर, 1995 को पुरस्कारों को बहाल किया। भारत सरकारद्वारा अनिवार्य रूप से भारतीय सम्मान प्रणाली को मान्यता दी गई है। भारतीय सम्मान प्रणाली को पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है- नेतृत्व, साहित्य, नागरिक, विशेष और देशभक्ति।
1) नेतृत्व पुरस्कार :
 गांधी शांति पुरस्कार पुरस्कार
 इंदिरा गांधी पुरस्कार पुरस्कार
2) साहित्य पुरस्कार :
 साहित्य अकादमी पुरस्कार
 साहित्य अकादमी फैलोशिप
 भाषा सम्मान
 अनुवाद पुरस्कार
 आनंद कुमारस्वामी फैलोशिप
 प्रेमचंद फेलोशिप
3) नागरिक पुरस्कार :
 भारत रत्न
 पद्म पुरस्कार
 प्रेरित शिक्षक पुरस्कार
4) देशभक्ति पुरस्कार :
 युद्धकालीन या शांतिकालीन सेवा और वीरता पुरस्कार जैसे नौ सेना पदक, सेना पदक और वायुसेना पदक
 महावीर चक्र, परम वीर चक्र और वीर चक्र जैसे युद्धकालीन वीरता पुरस्कार दुश्मन की उपस्थिति में विशिष्ट वीरता के कार्यों के लिए प्रदान किए जाते हैं, चाहे वह जमीन पर, समुद्र में या हवा में हो।
 शांतिकालीन विशिष्ट सेवा जैसे अति विशिष्ट सेवा पदक, परम विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक
 कीर्ति चक्र, अशोक चक्र पुरस्कार और शौर्य चक्र जैसे शांतिकालीन वीरता पुरस्कार युद्ध के मैदान से दूर साहस और बहादुरी, कार्रवाई या आत्म-बलिदान के लिए एक भारतीय सैन्य अलंकरण हैं।
 युद्धकालीन विशिष्ट सेवा जैसे उत्तम युद्ध सेवा पदक, सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक और युद्ध सेवा पदक।
5) राष्ट्रीय खेल पुरस्कार :
 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार जैसे द्रोणाचार्य पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न, ध्यानचंद पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार
6) पुलिस पुरस्कार
7) वीरता पुरस्कार :
 राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार जैसे संजय चोपड़ा पुरस्कार, भारत पुरस्कार और गीता चोपड़ा पुरस्कार।
 जीवन रक्षा पदक पुरस्कारों की श्रृंखला जैसे उत्तम जीवन रक्षा पदक, सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक।
लेकिन सैकड़ों शिल्पकार जो इन पदकों को अंतिम रूप देने के लिए धातु को काटने, तराशने, जलाने, चमकाने में दिन-रात बिताते हैं, वे कोलकाता में भारत सरकार के टकसाल में पृष्ठभूमि में रहते हैं।कोलकातामें मौजूदभारत सरकार टकसालकोपहली बार 1757 में स्थापित किया गया था, औरयह पुराने किले में एक इमारत में स्थित था - जहां आज सामान्य डाकघरमौजूद है।इसे कलकत्ता टकसाल कहा जाता था और यह मुर्शिदाबादटकसालकेनाम के साथ सिक्कों का उत्पादन करता था।सिक्कों की ढलाई के अलावा कोलकाता टकसाल का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य ब्रिटिश (British) शासन के दौरान पदक और आभूषण का निर्माणकरना था।हालांकि पदकों का उत्पादन आज भीयहां जारी है।1952 में इस टकसाल के बंद होने के बाद वर्तमान अलीपुर टकसाल को भारत सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री श्री. सी डी देशमुखद्वारा 19 मार्च 1952 को खोला गया था। सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Security Printing and Minting Corporation of India Limited) का गठनपहले वित्त मंत्रालय के तहत काम कर रहे चार टकसालों, चार प्रेस और एक पेपर मिल सहित नौ इकाइयों के निगमीकरण के बाद किया गया था।सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड,सरकार की एक मिनीरत्न कंपनी (Miniratna Company of the Government), सुरक्षा कागज, सिक्कों की ढलाई, मुद्रा और बैंक नोटों की छपाई, गैर-न्यायिक स्टाम्प (Stamp) पेपर, डाक टिकट, यात्रा दस्तावेज आदि के निर्माण में लगी हुई है।कंपनी मुद्रा नोटों और सिक्कों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की आवश्यकताओं और गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपरों के लिए राज्य सरकारों और पोस्टल स्टेशनरी (Postal stationery), टिकटों आदि के लिए डाक विभागों और पासपोर्ट (Passport), वीजा स्टिकर (Visa sticker) और अन्य यात्रा दस्तावेजों के लिए विदेश मंत्रालय की आवश्यकताओं को पूरा करती है।अन्य उत्पाद नागरिक, सैन्य, पुलिस, खेल, फिल्म समारोह के पदक/सजावट, स्मारक सिक्के, एमआईसीआर (MICR) और गैर-एमआईसीआर चेक (Cheques) आदि हैं।मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में स्थित टकसालों में समृद्ध खनन विरासत और गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन की परंपरा है। इन टकसालों में देश में परिचालित सभी सिक्कों की ढलाईकी जाती हैं।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3Ip6a6m
https://bit.ly/3tXh9jH
https://bit.ly/3As4AOA
https://bit.ly/3AoG9Br

चित्र संदर्भ   
1. 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी (बीच में) द्वारा जारी किया जा रहा रामभद्राचार्य द्वारा संपादित श्रीभार्गवराघवियम और पद्म विभूषण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. प्रवचन देते हुए रामभद्राचार्यको दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. विभन्न पद्म सम्मानों को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. पद्म विभूषण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. भारत रत्न को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • पूर्वांचल का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है, जौनपुर में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:22 AM


  • जानिए, भारत में मोती पालन उद्योग और इससे जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:24 AM


  • ज्ञान, साहस, न्याय और संयम जैसे गुणों पर ज़ोर देता है ग्रीक दर्शन - ‘स्टोइसिज़्म’
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:28 AM


  • इस क्रिसमस पर, भारत में सेंट थॉमस द्वारा ईसाई धर्म के प्रसार पर नज़र डालें
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:23 AM


  • जौनपुर के निकट स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गहरे अध्यात्मिक महत्व को जानिए
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:21 AM


  • आइए समझें, भवन निर्माण में, मृदा परिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:26 AM


  • आइए देखें, क्रिकेट से संबंधित कुछ मज़ेदार क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:19 AM


  • जौनपुर के पास स्थित सोनभद्र जीवाश्म पार्क, पृथ्वी के प्रागैतिहासिक जीवन काल का है गवाह
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:22 AM


  • आइए समझते हैं, जौनपुर के फूलों के बाज़ारों में बिखरी खुशबू और अद्भुत सुंदरता को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:15 AM


  • जानिए, भारत के रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में, कौन सी कंपनियां, गढ़ रही हैं नए कीर्तिमान
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:20 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id