पालतू जानवरों के रूप में अत्यधिक लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं,सरीसृप

जौनपुर

 18-11-2021 09:04 AM
रेंगने वाले जीव

हाल के वर्षों में पालतू जानवरों के रूप में सरीसृपों ने अत्यधिक लोकप्रियता हासिल की है। लेकिन ऐसे कई लोग हैं, जो इन जानवरों को पालतू जानवर के रूप में रखने का विरोध कर रहे हैं। उनकी इस चिंता के अनेकों कारण हैं, क्यों कि उनका मानना है, कि सरीसृप सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसी अनेकों धारणाएं हैं,जिनकी वजह से अनेकों लोग सरीसृपों को पालने का विरोध करते हैं।इन लोगों का मानना है, कि सरीसृप बीमारियों से ग्रस्त होते हैं। वे मानते हैं कि सरीसृप रोगों को आश्रय देते हैं तथा इस बात का अहसास बहुत कम लोगों को होता है।
यह डर लोगों में साल्मोनेला (Salmonella) के प्रकोप के कारण हो सकता है जो लगभग आधी सदी पहले हुआ था।1970 के दशक में,कछुए अचानक एक लोकप्रिय पालतू जानवर बन गए थे, जिसके बाद सरीसृप-जनित साल्मोनेला की घटनाओं में वृद्धि हुई।एक और आम आलोचना यह है कि सरीसृप एक अच्छे पालतू जानवर नहीं बन सकते हैं। यह विश्वास इस विचार से उपजा है कि सरीसृप धीमी गति से चलने वाले उबाऊ प्राणी हैं।लोगों के लिए जोखिम के अलावा यह भी माना जाता है, कि एक सरीसृप को पालने वाला व्यक्ति खुद उस जानवर के लिए खतरा पैदा करता है। कुछ लोग सरीसृपों को अनुचित परिस्थितियों में रख सकते हैं, जिससे सरीसृपों के सामने विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हालांकि कुछ लोगों के ये विश्वास आज भी बरकरार हैं, लेकिन अनेकों लोग ऐसे हैं, जो सरीसृपों को पालतू जानवरों के रूप में रखने में रूचि रखते हैं।अधिक से अधिक लोग उन्हें पालतू जानवर के रूप में रख रहे हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता निरंतर बढ़ती जा रही है।सरीसृप उत्कृष्ट पालतू जानवर बन सकते हैं,लेकिन कभी-कभी ये अनुभवहीन मालिकों के लिए समस्या का कारण बन जाते हैं, क्यों कि कुछ सरीसृपों की देखभाल करना बहुत महंगा और कठिन है।कई मालिक अपने चुने हुए सरीसृपों की उचित देखभाल के बारे में अधूरी और यहां तक ​​कि गलत जानकारी के साथ उन्हें दुकानों से अपने घर ले जाते हैं, और बाद में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यदि आप किसी सरीसृप को पालना चाहते हैं तथा अभी नए हैं, तो आपको अपने पसंदीदा सरीसृप के बारे में उचित जानकारी प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे कई सरीसृप हैं, जिन्हें आप आसानी से पाल सकते हैं। इस सूची में अनोले (Anole),बियर्डड ड्रैगन (Bearded dragon),लेपर्ड गेको (Leopard gecko),सांप,कछुआ,वाटर ड्रैगन (Water dragon) आदि शामिल हैं:
1. अनोले शांत स्वभाव की होती है, जिसकी गर्दन पर एक रंगीन थैली जैसे संरचना बनी होती है। किसी भी नौसिखिए के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है। अनोले पांच साल से अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं और 8 इंच तक लंबे हो सकते हैं। वे उष्णकटिबंधीय आवास पसंद करते हैं और क्रिकेट्स (crickets) और कीड़े खाना पसंद करते हैं।
2.जिसमें क्रिकेट्स, कृमि और शाक शामिल हैं। सुनिश्चित करें कि आपके पास इन्हें रखने के लिए पर्याप्त स्थान और समय हो।वे 24 इंच तक लंबे हो सकते हैं और एक दशक से अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं।
3. इसी प्रकार से लेपर्ड गेको भी एक मिलनसार और कम रखरखाव वाला सरीसृप है। वे शांत और संभालने में आसान हैं। ये छिपकलियां निशाचर होती हैं और दिन में छिपने के लिए गुफाएं पसंद करती हैं। यह लगभग 11 इंच लंबी हो सकती हैं,और 20 साल तक जीवित रह सकती हैं।
4. इसके अलावा एक सांप को पालना भी अच्छा विकल्प है।इन चिकने पालतू जानवरों की देखभाल करना आश्चर्यजनक रूप से आसान है। प्रजातियों के आधार पर सांप 15 से 35 साल तक जीवित रह सकते हैं। वे अक्सर मांसाहारी होते हैं और उन्हें जमे हुए कृन्तकों के तैयार आहार खिलाए जा सकते हैं।
5. सरीसृपों को पालने का एक अन्य विकल्प कछुआ है, जो भूमि निवासी और शाकाहारी होते हैं। इनकी सामान्य पालतू प्रजातियां 12 इंच तक बढ़ सकती हैं और सही देखभाल के साथ 50 वर्ष से अधिक उम्र तक जीवित रह सकती हैं।
6. वाटर ड्रैगन एक आकर्षक छिपकली है, जिसे पालना काफी आसान है। इसकी त्वचा विभिन्न रंगों के संयोजनों से बनी होती है, जो काफी आकर्षक है। शुरुआती स्तर के सरीसृपों की तुलना में वाटर ड्रेगन को अधिक रखरखाव की आवश्यकता हो सकती है। वे 3 फीट तक लंबे होते हैं और क्रिकेट्स और कीड़े खाते हैं।
भारत में भी पालतू पशु के रूप में सरीसृपों को पालने की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, क्यों कि सरीसृपों को एक दोस्त के रूप में देखा जा रहा है तथा लोग इनके लिए अधिक भुगतान करने लगे हैं। भारत में सरीसृपों को पालतू पशु के रूप में रखने के संदर्भ में एक बड़ा प्रश्न यह है,कि इन्हें पालना वैध है या अवैध? भारत में अधिकांश वन्यजीव प्रजातियां, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूचियों में से एक के अंतर्गत आती हैं, और उन्हें मुख्य वन्यजीव वार्डन की अनुमति के बिना कैद में रखने पर जुर्माना या कारावास या दोनों हो सकते हैं।सरीसृपों को पालतू पशु के रूप में रखने हेतु परमिट प्राप्त करना किसी भी तरह से आसान नहीं है और इसके लिए वन विभाग में संबंधित अधिकारियों के साथ एक ठोस लिखित आवेदन और व्यक्तिगत बैठकों की आवश्यकता हो सकती है। वन्यजीव अधिनियम की सावधानीपूर्वक जांच से आपको एक स्पष्ट विचार मिलेगा कि कौन सी प्रजातियां संरक्षित हैं और कौन सी नहीं। भले ही एक प्रजाति विशेष रूप से अधिनियम के तहत कवर नहीं की गई हो, और भले ही वह भारत की मूल निवासी न हो, लेकिन तब भी वन अधिकारी अनजाने में उन्हें जब्त कर सकते हैं,यदि वे जानवर की सही पहचान का पता लगाने में सक्षम नहीं हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3qKU4yO
https://bit.ly/3kLJxQp
https://bit.ly/2YUrwHE
https://bit.ly/3kO4UjT
https://bit.ly/3oFqSqh
https://bit.ly/3wTc9vO

चित्र संदर्भ   
1. पालतू छिपकली, को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. अनोले शांत स्वभाव की होती है, जिसकी गर्दन पर एक रंगीन थैली जैसे संरचना बनी होती है, जिसको दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. बियर्डड ड्रैगन एक कोमल पालतू जानवर है, जिसको दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. लेपर्ड गेको भी एक मिलनसार और कम रखरखाव वाला सरीसृप जिसको दर्शाता एक चित्रण (HowStuffWorks) 5. पालतू सांप को दर्शाता एक चित्रण (istock)
6. पालतू कछुए को दर्शाता एक चित्रण (masterlife) 7.वाटर ड्रैगन एक आकर्षक छिपकली है, जिसको दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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