जल संकट के परिप्रेक्ष्य, ग्रामीण भारत में पेयजल के सबसे प्रमुख स्रोत बन चुके हैं, हैंडपंप

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25-03-2022 11:04 AM
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जल संकट के परिप्रेक्ष्य, ग्रामीण भारत में पेयजल के सबसे प्रमुख स्रोत बन चुके हैं, हैंडपंप

हमारे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा (65.07 %, सं 2020) भारत के ग्रामीण हिस्सों में निवास करता है। ऐसे में गुजरते समय के साथ कुओं और पानी के अन्य प्राकृतिक स्रोतों के सूखने और सीमित होने से इतनी बड़ी आबादी के लिए एक घोर जल संकट उत्पन्न हो सकता था। ऐसी विषम परिस्थिति में ग्रामीण आबादी के लिए "हैंडपंप (hand pump)" संजीवनी बूटी के समान लाभकारी सिद्ध हुए हैं।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय National Statistical Office (NSO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के लिए हैंडपंप पीने के पानी का सबसे प्रमुख स्रोत बन चुका है। सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 42.9% परिवार पीने के पानी के प्रमुख स्रोत के रूप में हैंडपंप का उपयोग करते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में 40.9% परिवार मुख्य स्रोत के रूप में पाइप के पानी का उपयोग करते हैं। रिपोर्ट में पाया गया की 48.6% ग्रामीण और 57.5% शहरी घरों में पीने के पानी के प्रमुख स्रोत तक विशेष पहुंच है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 87.6% और शहरी क्षेत्रों में लगभग 90.9% घरों में मुख्य स्रोत से वर्ष भर पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सकता था। ग्रामीण क्षेत्रों में 94.5% और शहरी क्षेत्रों में 97.4% घरों में "पीने ​​के पानी के बेहतर स्रोत" जैसे बोतलबंद पानी, घरों में पाइप से पानी, यार्ड/प्लॉट में पाइप से पानी, सार्वजनिक नल / स्टैंडपाइप, ट्यूबवेल, हैंडपंप, संरक्षित कुआं, सार्वजनिक टैंकर ट्रक, निजी टैंकर ट्रक और वर्षा जल संग्रह का उपयोग किया जाता है। “जल आपूर्ति के बेहतर स्रोतों तक पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि और परिवारों, विशेष रूप से महिलाओं द्वारा शौचालयों के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि देखना उत्साहजनक माना जा रहा है।
हालांकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पशिष्ट जल निपटान पर बड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं, जो कीड़ों के लिए प्रजनन आधार प्रदान करती हैं। कई शहरी क्षेत्रों में अभी भी सीवर कनेक्शन (sewer connection) उपलब्ध नहीं है। सर्वेक्षण से पता चला है कि एक चौथाई ग्रामीण परिवारों में अभी भी स्वच्छ जल तक पहुंच नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 71.3% ग्रामीण क्षेत्रों में और 96.2% शहरी क्षेत्रों के घरों की शौचालय तक पहुंच है। लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, "जिन घरों में शौचालय की सुविधा थी, उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में घर के लगभग 3.5% सदस्य और शहरी क्षेत्रों में लगभग 1.7% घर के सदस्यों ने कभी शौचालय का उपयोग नहीं किया।
हमारे उत्तर प्रदेश में अनुमानित 24.25 लाख हैंडपंप हैं, जिनमें से 61,000, 2012-13 के दौरान स्थापित किए गए थे। इस हिसाब से औसतन 66 लोग एक हैंडपंप पर निर्भर हैं, और प्रत्येक बस्ती में नौ हैंडपंप और प्रति वर्ग किमी क्षेत्र में 10 हैंडपंप स्थापित हैं। हालांकि 24.25 लाख हैंडपंपों में से लगभग 7 लाख काम नहीं कर रहे हैं और उनकी मरम्मत की संभावना भी नहीं है। वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने राज्य भर में 20,000 से अधिक इंडिया मार्क- II हैंडपंप स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना लागू की थी। लेकिन फिर, आम चुनावों की घोषणा की गई, आदर्श आचार संहिता लागू हुई और चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले इनमें से केवल 20 प्रतिशत हैंडपंप स्थापित किए जा सके। उत्तर प्रदेश में, 90 प्रतिशत ग्रामीण आबादी पीने के पानी के लिए इंडिया मार्क- II हैंडपंप पर निर्भर करते हैं। इंडिया मार्क- II पंपों की ऐसी मांग है कि न केवल ग्रामीणों से, बल्कि सरकारी कार्यालयों और पब्लिक स्कूलों से भी इनके ही अनुरोध आते हैं। एक हैंडपंप की कीमत करीब 50,000 रुपये है। इंडिया मार्क-II यूपी में बेहद लोकप्रिय हैं, जबकि अधिकांश पुराने हैंडपंप संस्करण, जैसे लाल बहादुर (पिपली लाइव में उल्लेखित हैंडपंप), अप्रचलित हैं और कोई लेने वाला नहीं है। अनियमित या बिजली नहीं होने से भी इन हैंडपंपों की मांग बढ़ी है। पिछली बार एक हैंडपंप सुर्ख़ियों में तब आया था, जब अभिनेता सनी देओल ने 2001 में अपनी सुपरहिट फिल्म 'गदर- एक प्रेम कथा' में गुस्से में उसे उखाड़ दिया था। लेकिन पिछले दिनों उत्तरप्रदेश सहारनपुर जिले में एक हैंडपंप साम्प्रदायिक कलह का विषय बन गया। जहाँ मनिहारन बाजार में स्थापित हैंडपंप को एक दुकानदार पंडित मुरारी झा के अनुरोध पर अधिकारियों द्वारा उखाड़ दिया गया, जिनकी दुकान के सामने पंप लगा हुआ था। उनके अनुसार हैंडपंप उनकी दुकान के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर रहा था। इसलिए, पंप को हटाना आवश्यक था।" लेकिन हैंडपंप के उखड़ने के तुरंत बाद, अन्य दुकानदारों ने उसे दोबारा स्थापित करने की मांग की। जिनमें से एक नदीम खान, ने जल स्रोत को फिर से स्थापित करने के लिए आवेदन दिया है। जिसके बाद यह पूरा मुद्दा साम्प्रदायिक कलह का कारण बन गया है!

संदर्भ
https://bit.ly/35acgtu
https://bit.ly/3Nk7R8A
https://bit.ly/3uozyEt

चित्र सन्दर्भ
1. हैंडपंप से पानी पीते स्कूली बच्चों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. सक्शन हैंड पंप के एनिमेशन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हैंडपंप से पानी भरती भारतीय महिलाओं को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. ग्रामीण युगांडा में एक इंडिया मार्क II पंप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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