समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 942
मानव व उसके आविष्कार 740
भूगोल 219
जीव - जन्तु 273
Post Viewership from Post Date to 09- Apr-2022 | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2194 | 171 | 2365 |
भारत में श्रिम्प (shrimp) और प्रौन (prawn) जैसे झींगा पालन उद्योग अभी भी
क्रस्टेशियंस (crustaceans) के वाइल्ड कैचिंग (wild catching) पर निर्भर हैं।
भारत में हैचरी (hatchery) उद्योगों के विकास की आवश्यकता है। बीओबीपी
(Bay of Bengal Programme BOBP) ने छोटे पैमाने की हैचरी प्रौद्योगिकी को
यथासंभव सीधे इस क्षेत्र में स्थानांतरित करने के लिए गतिविधियां शुरू की हैं‚
क्योंकि इस विकास के लिए निजी क्षेत्र के इंजन होने की संभावना है। भारत में
इसने छोटे पैमाने के उद्यमियों को टाइगर श्रिम्प हैचरी तकनीक (tiger shrimp
hatchery technology) का प्रशिक्षण दिया और एक प्रदर्शन हैचरी के निर्माण के
लिए पश्चिम बंगाल सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान की। भारत के आठ
प्रशिक्षुओं में से एक ने श्रिम्प हैचरी (shrimp hatchery) स्थापित की। पश्चिम
बंगाल में श्रिम्प/प्रौन हैचरी का काम पूरा हो गया था‚ लेकिन उसे उत्पादन में नहीं
लाया गया था। भारत के निजी क्षेत्र में झींगा हैचरी प्रौद्योगिकी विकास धीमा रहा
है। ऐसा माना गया है कि हैचरी बीज की आपूर्ति उद्योग में निजी निवेश की मात्रा
के अनुपात में ही बढ़ेगी‚ इसलिए बीओबीपी (BOBP) के प्रशिक्षण कार्यक्रम ने छोटे
पैमाने के उद्यमी समुदायों को लक्षित किया। नवंबर 1991 में स्थानीय और
क्षेत्रीय समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों ने श्रिम्प और प्रौन हैचरी प्रौद्योगिकी
में प्रशिक्षण की पेशकश की‚ जिसमें 300 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें
से 22 का साक्षात्कार लिया गया और दस का चयन किया गया था। इन आवेदकों
में से आठ श्रिम्प हैचरी प्रशिक्षण के लिए और दो फ्रेशवाटर के प्रौन हैचरी प्रशिक्षण
के लिए थे। चयनित आवेदकों में से दो को झींगा पालन का थोड़ा अनुभव था तथा
एक महिला सहित अन्य आवेदक छोटे व्यवसायी थे। “नेशनल प्रॉन फ्राई प्रोडक्शन
एंड रिसर्च सेंटर” (एनएपीएफआरई) (National Prawn Fry Production and
Research Center NAPFRE)‚ पुलाऊ सयाक‚ मलेशिया (Pulau Sayak‚
Malaysia) को आठ झींगा हैचरी प्रतिभागियों के लिए प्रशिक्षण स्थल के रूप में
चुना गया था। एनएपीएफआरई (NAPFRE) नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित करता है‚ जिसमें अच्छी तरह से प्रशिक्षित और
अनुभवी कर्मचारी तथा अच्छी आवास सुविधाएं भी हैं।
कुछ वर्षों में तट से दूर के क्षेत्रों में समुद्री श्रिम्प की अंतर्देशीय खेती में काफी
वृद्धि हुई है। इस उद्योग के शुरुआत में यह विभिन्न एशियाई (Asian) देशों में
ब्लैक टाइगर श्रिम्प (black tiger shrimp) के साथ काफी आम हो गया था। बाद
में‚ पेसिफिक वाइट श्रिम्प (Pacific White Shrimp) की शुरुआत के साथ एशिया
में इसका काफी विस्तार हुआ। उत्तरी अमेरिका (North America) और यूरोप
(Europe) में हाल के वर्षों में टैंक आधारित झींगा उत्पादन प्रणालियों (tank-
based shrimp production systems) में रुचि बढ़ रही है और यह धीरे-धीरे
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी कर्षण प्राप्त कर रहा है। इस प्रणाली को चलाने वाले
कारकों में मुख्य रूप से बाजारों से निकटता और उपभोक्ताओं को ताजा उत्पाद
देने की क्षमता शामिल है। भूमि और पानी जैसे संसाधनों की उपलब्धता की
आवश्यकता ने भी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में टैंक आधारित झींगा खेती की ओर रुचि
जगाई है। कई देशों में जहां परिस्थितियाँ झींगा पालन के लिए उपयुक्त हैं‚ तालाब
आधारित उत्पादन के लिए भूमि तक पहुंचने का अभाव एक वास्तविक मुद्दा है।
टैंक प्रणालियों में झींगा उत्पादन पर विचार करते समय‚ तकनीकी और आर्थिक
दोनों कारकों पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। उपकरण विकल्प और संचालन
निपुणता तकनीकी और आर्थिक साध्यता दोनों को प्रभावित करती है। इसमें कई
क्रियाशील विन्यास भी मौजूद हैं लेकिन लाभप्रदता पूंजी लागत‚ परिचालन लागत‚
उत्तरजीविता और वृद्धि दर तथा बाजार की स्थितियों पर निर्भर करती है। दुनिया
भर में लोगों के लिए जलीय कृषि सुरक्षित‚ पौष्टिक तथा टिकाऊ समुद्री भोजन का
एक महत्वपूर्ण स्रोत है। मांग के साथ तालमेल रखने के लिए‚ वैश्विक स्तर पर
जलीय कृषि उत्पादन को 2030 तक दोगुना होने की आवश्यकता है। जलीय कृषि
उत्पादों की मांग में वृद्धि‚ खाद्य सुरक्षा विचार और रोज़गार निर्माण ने कुशल
श्रमिकों की बढ़ती आवश्यकता भी उत्पन्न की है।
बांग्लादेश के चटगांव जिले में फ्रेशवाटर की प्रौन मछली पालने की एक छोटी-सीअभिव्यक्ति की गई। ये एक नई हैचरी तकनीक थी‚ जिसमें खारे पानी और एक
साधारण रीसर्क्युलेटिंग बायोफिल्टर (recirculating biofilter) का उपयोग किया
गया था। इस हैचरी में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के प्रतिभागियों को प्रशिक्षित
किया गया था तथा चार निजी समूहों को प्रशिक्षण और उपकरण के रूप में प्रत्यक्ष
सहायता भी दी गई थी। इनमें से तीन प्रतिभागियों ने 1993 के अंत तक प्रॉन
हैचरी का निर्माण पूरा कर लिया था और उनमें से एक का उत्पादन शुरू हो गया
था। बीओबीपी (BOBP) एक बहु-एजेंसी क्षेत्रीय मत्स्य पालन कार्यक्रम है‚ जिसमें
बंगाल की खाड़ी के आसपास के सात देश - बांग्लादेश‚ भारत‚ इंडोनेशिया‚
मलेशिया‚ मालदीव‚ श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। यह कार्यक्रम एक उत्प्रेरक के
रूप में सलाहकार की भूमिका निभाता है‚ यह अपने सदस्य देशों में छोटे पैमाने के
मछुआरे समुदायों की स्थितियों में सुधार लाने के लिए नई प्रौद्योगिकियों तथा
पद्धतियों को विकसित तथा प्रदर्शित करता है तथा विचारों को बढ़ावा देता है।
बांग्लादेश में विभिन्न परिचालन स्थितियों के तहत मॉडल की आंतरिक दर का
मूल्यांकन करके एक छोटे पैमाने की हैचरी की वित्तीय व्यवहार्यता की जांच की गई
थी‚ जिसकी निर्माण लागत स्थानीय ठेकेदारों के अनुमानों तथा संचालन लागत
और उत्पादन पोटिया हैचरी (Potiya hatchery) के अनुभव पर आधारित थी। इस
मॉडल में पोटिया हैचरी के विपरीत चार की जगह छह 5 टी रियरिंग टैंक (5 t
rearing tanks) हैं। ऐसा माना जाता है कि पहले वर्ष के दौरान लक्ष्य उत्पादन का
केवल 50 प्रतिशत ही प्राप्त होगा तथा दूसरे वर्ष में बढ़कर 75 प्रतिशत और तीसरे
वर्ष में पूर्ण उत्पादन तक पहुंच जाएगा।
संदर्भ:
https://bit.ly/3iYZnFO
https://bit.ly/3J6S7SW
https://bit.ly/3wZpiFF
चित्र संदर्भ
1. भोजन के तौर पर केकड़े को दर्शाता एक चित्रण (Pixabay)
2. मीठे पानी के झींगा फार्म का निर्माण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. हब्लैक टाइगर श्रिम्प (black tiger shrimp) को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. एक नियमित मछली फार्म से आरएएस में स्विच करने को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.