क्या मेरठ में हुई लोकप्रिय किण्वित, हल्की उत्तेजक, स्वास्थ्य लाभों से भरपूर चाय का पेय, कोम्बुचा?

स्वाद- खाद्य का इतिहास
31-01-2022 09:42 AM
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क्या मेरठ में हुई लोकप्रिय किण्वित, हल्की उत्तेजक, स्वास्थ्य लाभों से भरपूर चाय का पेय, कोम्बुचा?

कोम्बुचा(Kombucha),जिसे टी मशरूम (Tea mushroom), टी फंगस (Tea fungus), या मंचूरियन मशरूम (Manchurian mushroom) भी कहा जाता है, एक किण्वित, हल्की उत्तेजक, मीठी काली या हरी चाय का पेय है, जिसका सेवन आमतौर पर इसके कथित स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है। कभी-कभी इस पेय को जीवाणु और खमीर की संस्कृति से अलग करने के लिए कोम्बुचा चाय कहा जाता है तथा इसमें रस, मसाले, फल या अन्य स्वाद अक्सर जोड़े जाते हैं।ऐसा प्रतीत होता है कि एक उत्तेजक और हल्का मादक पेय, कोम्बुचा की उत्पत्ति चीन (China) में 220 ईसा पूर्व में त्सिन (Tsin) राजवंश के दौरान हुई थी, जिसके बाद यह कोम्बू (Kombu) नामक एक चिकित्सक (जो कोरिया (Korea) से माना जाता है)के साथ जापान (Japan) पहुंचा। इसलिए इसका नाम कोम्बुचा रखा गया।कोम्बुचा में “चा” का तात्पर्य चाय से है।तब से, कोम्बुचा की लोकप्रियता दूर-दूर तक फैलती गई। 20वीं सदी की शुरुआत तक यह रूस (Russia), फिर जर्मनी (Germany) और पूर्वी यूरोप (Europe) के अन्य हिस्सों में फैल गयी। कोम्बुचा अब विश्व स्तर पर घरेलू रूप से तैयार किया जाता है, और बोतलबंद भी किया जाता है और व्यावसायिक रूप से बेचा जाता है। इसे बनाने के लिए जीवाणु और खमीरकी सहजीवी संस्कृति (SCOBY) जिसे मशरूम भी कहा जाता है,का उपयोग करके शक्कर की चाय को किण्वित करके किया जाता है। SCOBY में माइक्रोबियल (Microbial) आबादी अलग-अलग होती है। खमीर घटक में आम तौर पर अन्य प्रजातियों के साथ सेक्रोमाइसी सर्वीसी (Saccharomyces cerevisiae)शामिल हैं,जबकि जीवाणु घटक में लगभग हमेशा ग्लूकोनासेटोबैक्टर ज़ाइलिनस (Gluconacetobacterxylinus) शामिल होता है जो खमीर से उत्पादित अल्कोहल को एसिटिक एसिड (Acetic acid) या अन्य प्रकार के एसिड में ऑक्सीकृत करता है। यह वास्तव में "ज़ूगलियल मैट (Zoogleal mat)में एसिटिक एसिड बैक्टीरिया और ऑस्मोफिलिक (Osmophilic) खमीर प्रजातियों का सहजीवी विकास है।जीवित जीवाणु को प्रोबायोटिक (Probiotic) कहा जाता है, जो पेय पदार्थ की लोकप्रियता का एक कारण है।कोम्बुचा पीने से कई अकल्पनीय स्वास्थ्य लाभों के होने का दावा किया गया है।कोम्बुचा की सटीक उत्पत्ति ज्ञात नहीं है, हालांकि इसकी उत्पत्ति का सबसे संभावित स्थान चीन का बोहाई सागर (Bohai Sea) जिला है।21वीं सदी की शुरुआत में विकसित देशों में बढ़ती लोकप्रियता के साथ, रेस्तरां और पब (Pub) में बीयर और अन्य मादक पेय के विकल्प के रूप में विपणन किए जाने के बाद कोम्बुचा की बिक्री में वृद्धि हुई है। ग्रैंड व्यू रिसर्च (Grand View Research) के अनुसार, 2019 तक कोम्बुचा का वैश्विक बाजार आकार 1.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2027 तक इसके 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद की गई थी।हालांकि इस पेय ने दूर-दूर तक लोकप्रियता हासिल कर ली है, लेकिन यह माना जाता है कि भारत में कोम्बुचा की लोकप्रियता गोवा से शुरू हुई। लेकिन अब यह मुंबई, पुणे और चेन्नई जैसे स्थानों में भी फैल गया है।अब, आप किसी भी भारतीय महानगर में एक किराने की दुकान से एक कोम्बुचा की बोतल खरीद सकते हैं या यहां तक ​​कि अनेकों स्थानों के कैफे के मेनू (Menu) पर भी इसे पा सकते हैं। कोम्बुचा के एक बैच को बनाने की प्रक्रिया में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है।यह उस स्वाद और अम्लता पर निर्भर करता है जिसे पेय बनाने वाला व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है। इसे बनाने के एक मानकीकृत नुस्खे को देंखे तो पहले मीठी चाय का एक घोल बनाया जाता है, जिसे फिर ठंडा किया जाता है।ठंडा होने के बाद इसमें पहले से बने कोम्बुचा पेय का कुछ हिस्सा डाला जाता है, तथा इसे लगभग सात से दस दिनों के लिए किण्वित किया जाता है। यह प्रक्रिया लगभग दही बनाने जैसी है।एक अन्य प्रकिया में इसमें डबल किण्वन को शामिल किया जाता है। एक SCOBYको मीठे चाय के मिश्रण में रखा जाता है और एक से तीन सप्ताह के लिए कमरे के तापमान पर किण्वन के लिए छोड़ दिया जाता है। फिर, इसे बोतलबंद किया जाता है और कार्बोनेशन को प्रोत्साहित करने के लिए इसे सेट होने दिया जाता है।उसके बाद, बोतलबंद कोम्बुचा को ठंडे वातावरण में रखा जाता है ताकि कार्बोनेशन और किण्वन प्रक्रियाएं धीमी हो जाएं।कार्बोनेटेड (Carbonated) पेय पदार्थों का एक पौष्टिक विकल्प, कोम्बुचा अब भारत के विभिन्न क्षेत्रों में तैयार किया जा रहा है और वो भी विभिन्न स्वादों के साथ, जिनमें वाटरमेलन (Watermelon lime) कोम्बुचा और आम के स्वाद वाले कोम्बुचा शामिल हैं।गर्मियों के लिए यह स्वादिष्ट और स्वास्थ्यकर पेय बन चुका है, जो विभिन्न प्रकार के संक्रमण को दूर कर सकता है, गठिया के इलाज और वजन घटाने में भी मदद कर सकता है।नतीजतन, भारत में कई लोगों ने इसे अपने आहार में शामिल कर लिया है। यह एक व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक भलाई को प्रभावित करता है। कोम्बुचा के सेवन से सूजन या कब्ज की समस्या में भी कमी आती है।होम ब्रूड ब्रांड्स (Home brewed brands) जैसे कोम्बुचा ऑफ द अर्थ (Kombucha of the Earth), ओम्बुचा (Ombucha), हाइड्रा कोम्बुचा (Hydra Kombucha), बूच प्लीज (Booch Please), कॉमबुचा हैप्पी बूच (CommBucha Happy Booch) आदि को खरीदने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है क्यों कि लोग स्वास्थ्य लाभ के साथ या उसके बिना भी एक नए पेय के साथ प्रयोग करना चाहते हैं। इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला प्रत्येक घटक प्राकृतिक और पौधे के प्रयोग पर आधारित है, इसलिए इसे शाकाहारी माना जाता है। सामान्य शब्दों में, कोम्बुचा एक किण्वित चाय है जिसका सबसे अच्छा आनंद तब लिया जाता है, जब यह ठंडा होता है।इसे बड़े पैमाने पर एक कार्यात्मक पेय के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिसका अर्थ है कि यह एक गैर-मादक पेय है जिसमें विटामिन, अमीनो एसिड (Amino acids) या स्वास्थ्य लाभ से जुड़े अन्य पोषक तत्व होते हैं।इसके अतिरिक्त, इस प्रक्रिया के रोगाणुरोधी गुण इसके उत्पादन को स्वच्छ और घरेलू पेय बनाने के लिए सुरक्षित बनाते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3o59SdR
https://bit.ly/3rTU8eN
https://bit.ly/3rZ9iPW
https://bit.ly/3g6k8Ol

चित्र संदर्भ   
1. कोम्बुचा को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. SCOBY का उपयोग कोम्बुचा बनाने के लिए किया जाता है, जिसको दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. परिपक्व कोम्बुचा को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. 400 गुना बढ़े कोम्बुचा में यीस्ट और बैक्टीरिया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. स्टोर अलमारियों पर वाणिज्यिक कोम्बुचा के कई ब्रांड को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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