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कई बार हम अपने नए स्मार्टफोन यानी मोबाइल की खासियतों (features) को ठीक से समझे भी नहीं
रहते की वही मोबाइल कंपनी और अधिक आधुनिक (Advance) खासियतों के साथ नया फ़ोन बाजार में
लांच कर देती है! और हम फिर मन ही मन नया फ़ोन लेने के ललचा जाते हैं। यह चक्र हमेशा चलता रहता
है। हालांकि यह मानव संस्कृति में पालन किया जाने वाला एक व्यापारिक मॉडल (business model) है।
लेकिन जिस प्रकार कोरोना वायरस का पहले डेल्टा और अब ओमाइक्रोन वैरिएंट सामने आया है, उससे यही
समझा जा सकता है की इंसानों का व्यापार मॉडल वायरस की समझ में न केवल आ गया है बल्कि उसके
नज़रिये से शानदार प्रदर्शन भी कर रहा है। लेकिन चूंकि प्राकृतिक रूप से हम इंसानों से चतुर कोई भी अन्य
जीव नहीं हो सकता इसलिए हम डेल्टा और ओमाइक्रोन वैरिएंट के बीच के अंतर को समझकर इसके
व्यापार मॉडल से खुद को दूर रखकर स्वयं की सुरक्षा स्वयं कर सकते हैं!
विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस के नए ओमाइक्रोन वेरिएंट (omicron Variants) ने कोरोना मामलों
की संख्या के मामले में देश में डेल्टा संस्करण की जगह लेना शुरू कर दिया है। और नए कोरोना संक्रमित
लोगों में से लगभग 80 प्रतिशत लोगों के भीतर यह नया संस्करण आंशिक तौर पर मौजूद है। केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 1,270
ओमाइक्रोन मामलों का पता चला है।
चूंकि, 2 दिसंबर को देश में ओमाइक्रोन वैरिएंट के पहले दो मामलों की घोषणा की गई थी, अतः स्वास्थ्य
मंत्रालय संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों पर राज्यों का लगातार मार्गदर्शन कर
रहा है। मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परीक्षण बढ़ाने, अस्पताल की तैयारियों को
मजबूत करने, टीकाकरण अभियान की गति और कवरेज बढ़ाने और जहां भी आवश्यक हो संक्रमण के
प्रसार का मुकाबला करने के लिए प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने की सलाह दी जा रही है। भारत की नब्बे
प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोनावायरस वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है और 64.40 प्रतिशत
लोगों को अब पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।
ओमाइक्रोन वेरिएंट के मामलों में वृद्धि ने कोरोनवायरस की तीसरी लहर की संभावना और टीकों की
प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाए हैं। ओमाइक्रोन, जिसे पिछले डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक
पारगम्य माना जाता है, और इसके भीतर एक बड़ी आबादी को संक्रमित करने की संभावना है। विशेषज्ञों के
अनुसार, डेल्टा वेरिएंट की तुलना में इस वेरिएंट के लक्षण हल्के होते हैं।लेकिन संचरण की उच्च दर के
कारण, यह जल्द ही दुनिया भर में अभूतपूर्व नुकसान पंहुचा सकता है।
ओमाइक्रोन और डेल्टा के लक्षणों में अंतर!
डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही कोविड-19 के मूल स्ट्रेन के उत्परिवर्ती रूप (mutant forms) हैं, जिसकी
उत्पत्ति 2019 में चीन में हुई थी। डेल्टा को पहली बार भारत में 2020 में पहचाना गया था और बाद में यह
देश में कोरोनवायरस की दूसरी लहर का कारण बनी, जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई। जबकि
ओमाइक्रोन संस्करण के मामले सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका से सामने आए थे। दोनों प्रकारों के लक्षण एक
दूसरे से भिन्न हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि थकान, जोड़ों का दर्द, सर्दी और सिरदर्द ओमाइक्रोन के चार सामान्य लक्षण हैं ,जो
डेल्टा वेरिएंट से अलग हैं।
इनके अलावा, गंध और स्वाद की हानि, जो डेल्टा के सामान्य लक्षण थे, जो मुश्किल से ही ओमाइक्रोन के
मामले में देखे गए थे।
दुनिया भर के वैज्ञानिक कोविड -19 के ओमिक्रॉन संस्करण को समझने के लिए माथापच्ची कर रहे हैं,
जिसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे चिंता का विषय घोषित कर दिया है।
ओमिक्रॉन संस्करण को दूसरों की तुलना में अधिक खतरनाक माना जा रहा है।
येल मेडिसिन के अनुसार (Yale Medicine), डेल्टा वैरिएंट वर्तमान में प्रमुख SARS CoV-2 वैरिएंट है, जो
कोविड -19 मामलों के 99 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार है।
शोधकर्ताओं ने डेल्टा में पाए गए 18 की तुलना में ओमाइक्रोन प्रकार के स्पाइक प्रोटीन (Omicron-type
spike protein) में 43 एए उत्परिवर्तन पाया। मिलान स्टेट यूनिवर्सिटी (Milan State University) में
क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर बम्बिनो गेसू (Bambino Gesu,) और एक शोधकर्ता क्लॉडिया
अल्टेरी (Claudia Alteri,) के अनुसार, उत्परिवर्तन की उच्च संख्या का मतलब नहीं है कि ये विविधताएं
अधिक खतरनाक हैं, बल्कि यह है कि वायरस ने उत्पन्न करके मानव प्रजातियों के लिए और अधिक
अनुकूलित किया है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ओमाइक्रोन टीकों को कम प्रभावी बना सकता है, क्योंकि यह दो पिछले
वेरिएंट, बीटा और गामा के साथ कई महत्वपूर्ण उत्परिवर्तन साझा करता है।
थकान, जोड़ों का दर्द, सर्दी और तेज बुखार COVID-19 के डेल्टा और ओमाइक्रोन वेरिएंट में अंतर करने के
चार प्रमुख लक्षण हैं। जिससे बचने के लिए सभी को कोविड प्रोटोकॉल (COVID protocols) का पालन
करने की आवश्यकता है जैसे कि फेस मास्क पहनना, इकट्ठा होने से बचना, हाथों को साफ करना और
सामाजिक दूरी का पालन करना। सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत की नब्बे प्रतिशत वयस्क आबादी को
कोरोनावायरस वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है और 64.40 प्रतिशत लोगों को अब पूरी तरह से
टीका लगाया जा चुका है। विशेषज्ञ मानते हैं की टीकाकरण अस्पताल में भर्ती होने की संभावना और मृत्यु
दर को कम करता है।
संदर्भ
https://bit.ly/3sSVBEi
https://bit.ly/3pNxhBN
https://bit.ly/346B2tu
https://bit.ly/32URHjl
चित्र संदर्भ
1. 12 आयोवा काउंटियों में पहचाने गए COVID-19 के ओमिक्रॉन संस्करण को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. कोरोना के विभिन्न संस्करणों को दर्शाता एक चित्रण (Iowa Capital Dispatch)
3. ओमाइक्रोन बनाम डेल्टा तुलना को दर्शाता एक चित्रण (freepik)
4. 10 अगस्त 2021 तक डेल्टा संस्करण के पुष्ट मामलों वाले देशों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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