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वर्तमान समय में स्टार्टअप युवाओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो गया है, जिसके जरिए वे
स्वालंबी बन सकते हैं, तथा स्वतंत्रतापूर्ण जीवन जी सकते हैं। फ्लिपकार्ट (Flipkart) और
पेटीएम (PayTM) जैसे स्टार्टअप के साथ भारतीय स्टार्टअप उद्योग ने एक लंबा सफर तय
किया है। इसका विकास इस स्तर पर पहुंच गया है, कि स्टार्टअप्स की संख्या लिस्ट में भारत
तीसरे स्थान पर है। स्टार्टअप के क्रेज को इस बात से समझा जा सकता है, कि आज एक
एमबीए (MBA) स्नातक खुशी-खुशी चाय की दुकान चला रहा है, तथा कुछ सेवानिवृत्त
महिलाएं अपने भोजन वितरण व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला रही हैं।स्टार्टअप को पहले
जोखिम समझा जाता था, किंतु अब इंटरनेट ने इसे एक जुनून के रूप में तब्दील कर दिया
है। इसके अलावा कुछ बड़ा करने की लोगों की इच्छा ने उन्हें एक ऐसा निर्णय लेने के लिए
प्रेरित किया है, जो उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल देगा।
भारतीय मध्यम वर्ग हमेशा से ही जोखिम से बचने और रूढ़िवादी निवेशक होने के लिए
जाना जाता है। इसलिए पुरानी पीढ़ी अभी भी स्टॉक (Stocks), बॉन्ड (Bonds) और
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) जैसे अस्थिर बाजारों में निवेश करने से परहेज करती
है,क्योंकि वे अज्ञात परिणामों को देखते हुए कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते।वे ज्यादातर
समय-परीक्षणित सावधि जमा और सोने जैसी मूर्त संपत्ति पर ही निवेश करना पसंद करते
हैं,किंतु अब समय बदल रहा है।भारतीय उद्यमिता के विकास की बात करें, तो अधिकांश
अर्थव्यवस्थाओं और संस्कृतियों की तरह, उद्यमिता सदियों से देश का एक अभिन्न अंग रही
है। भारत का वर्तमान उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र,सूचना प्रौद्योगिकी, उपभोक्तावाद और
नवाचार का परिणाम है।
वर्षों से भारतीय आईटी (IT) व्यवसायों की सफलता ने देश के मध्यम वर्ग को सशक्त
बनाया है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का उदारीकरण हुआ, आय में वृद्धि हुई और अधिक पूंजी
उपलब्ध हुई। इसके परिणामस्वरूप खपत में भी वृद्धि हुई।स्मार्टफोन के आगमन से इंटरनेट
आसानी से सुलभ हो गया, जिससे ई-कॉमर्स, विशेष खुदरा और हाइपर-डिलीवरी नेटवर्क
(Hyper-delivery networks) के मॉडल लोकप्रिय हो गए।आज से लगभग आठ या दस
साल पहले, हमारे अधिकांश उद्यमी व्यापारिक परिवारों से उभरे थे, लेकिन आज ऐसा नहीं है
और हमारे कई युवा उद्यमी व्यावसायिक पृष्ठभूमि से नहीं हैं।अधिकांश व्यवसायों के विकास
में शिक्षा ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने एक जीवंत कारोबारी माहौल बनाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए, डिजिटल और विभिन्न अन्य तकनीकों का लाभ उठाने में
लोगों को सक्षम बनाया है। वित्त पोषण के नए रास्ते उभरने से परिदृश्य भी बदल गया है।
पहले हमारे पास केवल बैंक थे जो कार्यशील पूंजी प्रदान करते थे, लेकिन अब हमारे पास गैर-
बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, एंजेल फंडर्स (Angel Investors), निजी इक्विटी (Private
equity) और उद्यम पूंजीपति हैं, जो कार्यशील पूंजी प्रदान करते हैं।
समाज में उद्यमिता एक महत्वपूर्ण विषय है।उद्यमिता ने रचनात्मकता,राष्ट्र के विकास,
रोजगार सृजन, नई वस्तुओं और सेवाओं का विकास किया है।पूंजीवादी व्यवस्था में, एक
उद्यमी एक समन्वयक एजेंट के रूप में कार्य करता है। इस तरह के सहयोग के
परिणामस्वरूप संसाधनों को नई लाभ संभावनाओं में उपयोग किया जाता है। एक उद्यमी
मूर्त और अमूर्त दोनों तरह की पूंजी को स्थानांतरित करके धन उत्पन्न कर सकता है।उद्यमी
जब कोई निर्णय लेता है या जोखिम ग्रहण करता है, तो उसके पास बाजार में मौजूद
अनिश्चितता को दूर करने की शक्ति होती है। उद्यमी उत्पाद नवाचार को बढ़ावा देते
हैं।स्थापित व्यवसाय बढ़ती प्रतिद्वंद्विता और रचनात्मक मांगों का सामना करते हैं, जो
अक्सर उन्हें अनुसंधान और विकास में निवेश करने के लिए प्रेरित करता है।
अर्थव्यवस्था में उद्यमिता के महत्व का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि इसके बिना कोई
आर्थिक विकास संभव नहीं है। इसमें उद्यमियों की अहम भूमिका होती है, क्यों कि वे
जोखिम लेते हैं और अपने व्यवसाय के निर्माण के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
व्यापार
मालिकों के साथ उद्यमियों को अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहना गलत नहीं होगा।हालांकि
स्टार्टअप शुरू करने से पहले भारतीय उद्यमियों के सामने कई चुनौतियां भी आती हैं। जैसे
सबसे पहले उनमें खुद का व्यवसाय शुरू करने का साहस उत्पन्न नहीं हो पाता।उनके
स्टार्टअप का विचार कितना पर्याप्त है,उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती।पूंजी,सीमित बजट पर
प्रभावी मार्केटिंग,वित्तीय सुरक्षा आदि ऐसे कारक हैं,जो उद्यमियों के सामने चुनौती बनते हैं।
वर्तमान समय में एक शो के रूप में शार्क टैंक (Shark Tank) भारत की मध्यम वर्ग की
आबादी पर एक शक्तिशाली प्रभाव डाल रहा है। यह शो भारतीय मध्यम वर्ग के माता-पिता
को मौजूदा फलते-फूलते स्टार्टअप और उक्त क्षेत्र में संभावित अवसरों के बारे में शिक्षित
करने का एक माध्यम बन रहा है।भारत में यह शो इसलिए लोकप्रिय हो रहा है, क्यों कि
इसकी अवधारणा अनूठी है, तथा लोग अपने स्टार्टअप्स के लिए निवेश 'शार्क्स' यानी
(निवेशक) के पैनल से प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।शार्क टैंक लोगों को आत्मविश्वास से
भरने और स्वतंत्र बनने का माध्यम हो सकता है। इस शो की मुख्य सिखलाई यह है, कि
“एक अवसर की प्रतीक्षा करने के बजाय हर चीज में अवसर खोजना है”। शार्क टैंक एक
शिक्षाप्रद शो है जो न केवल व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक लोगों के लिए, बल्कि उन लोगों
के लिए भी जरूरी है, जो व्यवसाय, स्टार्टअप, वित्त, निवेश के बारे में सीखना चाहते हैं।शार्क
टैंक में हर उम्र के उद्यमी अपने व्यवसाय के विचार के साथ चयनित निवेशकों के सामने
अपने व्यावसायिक विचार को साझा करते हैं,और यदि उनका विचार निवेशकों को पसंद आता
है, तो वे उस पर निवेश करते हैं। शार्क टैंक ने उन लोगों को एक मंच दिया है जिन्होंने
अपना खुद का व्यवसाय करने का सपना देखा,लेकिन जोखिम के डर से कदम नहीं बढ़ापाए।
इस शो ने न केवल कई लोगों को प्रेरित किया बल्कि लोगों के लिए वित्तीय साक्षरता के
द्वार भी खोले और उन्हें पूंजी निवेश, एंजेल निवेशक, श्रृंखला A (B, C, D, E)फंडिंग इत्यादि
जैसे कई वित्तीय शर्तों से अवगत कराया।
संदर्भ:
https://bit.ly/3TctI4P
https://bit.ly/3ceGuik
https://bit.ly/3woHese
https://bit.ly/3pB0pLy
चित्र संदर्भ
1. एक आशावादी भारतीय युवा को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. एक नौजवान व्यवसायी को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)
3. आईटी (IT) व्यवसायों में कार्यरत भारतीय युवाओं को दर्शाता एक चित्रण (PxHere)
4. युवा कर्मचारियों को दर्शाता एक चित्रण (PixaHive)
5. शार्क टैंक इंडिया के लोगो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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