भारत में कोरियाई संगीत शैली, के-पॉप की लोकप्रियता के क्या कारण हैं?

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भारत में कोरियाई संगीत शैली, के-पॉप की लोकप्रियता के क्या कारण हैं?

"समय परिवर्तनशील है" इस लोकप्रिय कहावत का सबसे प्रबल प्रमाण, हमें हजारों वर्षों में बदले भारतीय संगीत के स्वरूप को देखकर मिलता है! हमारे धार्मिक ग्रंथ हमें बताते हैं की, प्राचीन भारत में राग-रागनियों से सजे, संगीत से सम्राटों के भवन गूंजे रहते थे! वहीं आज इंटरनेट से प्राप्त आंकड़े हमें बताते हैं की, वर्तमान भारत में के-पॉप संस्कृति (k-pop culture), संगीत के सबसे लोकप्रिय रूप के तौर पर उभर रही है। चलिए जानते हैं की आखिर के-पॉप संस्कृति क्या है, और कैसे इंटरनेट तथा महामारी के विस्तार ने इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के संदर्भ में आग में घी का काम किया है?
कोरियाई लोकप्रिय संगीत, या के-पॉप, दक्षिण कोरिया से उत्पन्न संगीत की एक लोकप्रिय शैली है। के-पॉप गीतों में हिप-हॉप, इलेक्ट्रॉनिक नृत्य, जैज़ और रॉक (Hip-hop, electronic dance, jazz and rock) जैसे कई संगीत प्रभाव होते हैं, जिन्हें चार से 21 सदस्यों की विशेषता वाले समूहों द्वारा निभाया जाता है। के- पॉप "कोरियाई वेव (korean wave)" का एक हिस्सा है, जिसे हल्ली भी कहा जाता है! यह एक ऐसा शब्द है, जो कोरियाई पॉप संस्कृति, कोरियाई टीवी शो, संगीत और फिल्मों की, एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों में लोकप्रियता को संदर्भित करता है। दुनिया भर में रिकॉर्ड किए गए संगीत उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ द फोनोग्राफिक इंडस्ट्री (International Federation of the Phonographic Industry), के अनुसार दक्षिण कोरिया 2020 में तेजी से बढ़ता हुआ संगीत बाज़ार था। उदाहरण के लिए हम, 7-सदस्यीय के-पॉप समूह बीटीएस (BTS (Bangtan Boys) को ले सकते हैं, जिन्होंने अकेले ही दक्षिण कोरियाई अर्थव्यवस्था को अपनी कला के माध्यम से 4.9 बिलियन डॉलर से अधिक हासिल करने में मदद की है। हल्ली दक्षिण कोरिया से बाहर भी बेहद लोकप्रिय है, और वैश्विक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण चालक बन गया है।
दुनिया भर में के-पॉप की लोकप्रियता के संबंध में 2021 में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, एक विशाल बहुमत ने माना कि के-पॉप केवल प्रशंसकों तक ही सीमित नहीं है बल्कि, आज यह वास्तव में, पहले की तुलना में कहीं अधिक लोकप्रिय और व्यापक रूप से जाना जाता है।
1925 में कलाकार, पार्क चाई-सियोन और ली रयू-सैक (Park Chae-seon and Lee Ryu-sak) ने पहला के-पॉप एल्बम - यो पुंगजिन सेवोल (Yo Pungjin Sevol) जारी किया। लेकिन जिस के-पॉप को हम आज जानते हैं, वह 1992 में एसईओ ताईजी और बॉयज (Seo Taiji and the Boys) के उद्भव के साथ शुरू हुआ। बाद में, के-पॉप ने बीटीएस के माध्यम से दुनिया भर में पहचान हासिल की, जिसने 2020 में यूट्यूब पर एक संगीत वीडियो "डायनामाइट (dynamite)" के लिए 24 घंटे में सबसे अधिक बार देखे जाने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 2021 में "बटर (butter)" के संगीत वीडियो के साथ अपना ही रिकॉर्ड फिर से तोड़ दिया, जिसे YouTube पर केवल 24 घंटों में 108.2 मिलियन से अधिक बार देखा गया। भारत में के-पॉप के उदय का अनुमान, 90 के दशक के अंत में पूर्वोत्तर राज्यों में लगाया जा सकता है। जैसे- जैसे साल बीतते गए, हल्ली लहर मजबूत बनी तथा मणिपुर, असम, मिजोरम और नागालैंड जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी फैल गई। इसके अलावा, इसने के-पॉप से ​​प्रेरित स्थानीय नृत्य समूहों जैसे त्रिपुरा राज्य का एक समूह, द कजिन्स (the cousins) का भी उदय किया, जिसके YouTube पर लगभग 10,000 ग्राहक हैं, जो लोकप्रिय के-पॉप गीतों के नृत्य कवर करते हैं।
भारतीय जनता की के-पॉप के साथ पहली बातचीत गायक पीएसवाई (PSY) द्वारा 2012 की वैश्विक वायरल हिट "गंगनम स्टाइल (Gangnam Style)" के माध्यम से हुई थी! जिसके बाद K-पॉप बैंड जैसे BTS, Exo, Twice, Blackpink, Got7 और TXT ने K-पॉप को 2021 में बॉलीवुड और टॉलीवुड गायकों और संगीत को हराकर ट्विटर इंडिया के संगीत रुझानों में शीर्ष स्थान हासिल करा दिया।
भारत में के-पॉप की लोकप्रियता के कई कारण हैं! इसमें सबसे पहला कारण, निश्चित रूप से, कोरियाई गीतों की आकर्षक धुन और बोल हैं। कई कोरियाई गीत, प्रेम के विचार पर केंद्रित हैं तथा अधिक शुद्ध और रोमांटिक है, जो आज के पश्चिमी या बॉलीवुड गीतों में मौजूद नहीं है। के-पॉप की यही विशेषता इसे विशेष रूप से युवा प्रशंसकों के लिए आकर्षक बनाती है। साथ ही कई कोरियाई गीतों में अंग्रेजी के बोलचाल के साथ कोरियाई गीतों का मिश्रण होता है, जो गीतों को नएपन और परिचित का सही मिश्रण देता है। भारत में के-पॉप के लाखों प्रशंसक हैं! “फेसबुक एनालिटिक्स (Facebook Analytics) के अनुसार, भारत में के-कल्चर (K-culture) के 15 मिलियन से अधिक प्रशंसक हैं। देश अब दुनिया में के-पॉप संगीत का छठा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
महामारी के दौरान, जब लोगों के पास काफी समय था, तब भारतीयों को कोरियाई संस्कृति और कला में गहराई से गोता लगाने का मौका मिला। इससे पहले, भाषा की बाधा के-पॉप की लोकप्रियता के रास्ते में बड़ी रुकावट थी। लेकिन लॉकडाउन के दौरान, घर पर फंसे भारतीयों को के-पॉप के बारे में सीखने और सामग्री में निवेश करने का समय मिला। इस अवधि के दौरान के-पॉप लोकप्रियता में लाभ, संगीत स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (music streaming platform) जैसे सावन, गाना, विंक म्यूजिक, यूट्यूब आदि के डेटा से स्पष्ट होता है। इन प्लेटफार्मों को बीटीएस, एक्सो और ब्लैकपिंक (BTS, EXO and Blackpink) जैसे बैंड के गानों को लाखों स्ट्रीम मिले। जिनमें से कई आज भी बॉलीवुड और टॉलीवुड गानों के बीच या यहां तक ​​कि शीर्ष पर चलन में हैं। कोरियाई गीतों की लोकप्रियता का तीसरा फैक्टर है, के-पॉप गानों की शानदार कोरियोग्राफी (choreography)। के-पॉप गानों को शानदार और जटिल कोरियोग्राफर के साथ कोरियोग्राफ किया गया है जो उन्हें अन्य गानों से अलग बनाता है। कई के-पॉप सितारों को सालों तक मनोरंजन स्टूडियो के साथ प्रशिक्षण के बाद ही बैंड में रहने का मौका मिलता है। के-पॉप स्टार के प्रशिक्षण की लागत औसतन लगभग 3 मिलियन डॉलर है। डांस मूव्स सीखने और उन्हें दोहराने के लिए कोरियाई कलाकार कई हफ्तों तक रोजाना 8-9 घंटे ट्रेनिंग करते हैं। इसके अलावा, मनोरंजन कंपनियां गानों के लिए सही आकर्षक डांस मूव्स प्राप्त करने के लिए दुनिया भर के कोरियोग्राफरों को नियुक्त करती हैं।

संदर्भ
https://bit.ly/3Oq99yE
https://bit.ly/3OtxLXj
https://bit.ly/3tKgCkd

चित्र संदर्भ
1. BTS टीम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. k- pop विश्व प्रतियोगिता से लिया गया एक चित्रण (wikimedia)
3. के-पॉप बॉयबैंड सुपर जूनियर के लिए खोज रुचि को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. BTS प्रशंषकों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. 7-सदस्यीय के-पॉप समूह बीटीएस (BTS (Bangtan Boys) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

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