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यदि आपने हिन्दी सिनेमा की कालजयी फिल्म शोले देखी हो, तो आपको इस सुपरहिट फिल्म के सभी किरदारों
सहित "रामगढ" नामक स्थान भली भांति याद होगा! अगर आप इंटरनेट पर रामगढ को ढूँढेगे, तो संभवतः आपको
एक से अधिक "रामगढ" नामक स्थान मिलें। उदारहण के तौर पर झारखण्ड के एक जिले का नाम भी रामगढ़ है, वहीं
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के एक पहाड़ी क्षेत्र (Hill Station) को भी रामगढ़ नाम से जाना जाता है। आपको यह जानकर
आश्चर्य होगा की जगहों के नामों को लेकर यह असमंजस (confusion) न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर
भी है। उदाहरण के तौर पर हमारे उत्तर प्रदेश की एक तहसील का नाम भी कर्वी (Karwi) है, वहीं इसी से प्रेरित होकर
उत्तरप्रदेश से हजारों किलोमीटर दूर न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप के कैंटरबरी क्षेत्र में भी किर्वी (Kirwee) शहर को
बसाया गया है। भले ही इन दोनों क्षेत्रों के नामों में मात्राओं का अंतर है, लेकिन इनका एक-दूजे से गहरा ऐतिहासिक
सम्बंध है।
भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट जिले के एक कस्बे और तहसील को कर्वी नाम से जाना जाता है। इस तहसील
में गांवों की कुल संख्या 441 है। कर्वी (करवी) तहसील का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 875 महिलाएँ हैं। 2021
के आधार अनुमान के अनुसार, 2021 में करवी तहसील की जनसंख्या 880, 365 है। भारत की 2011 की जनगणना
के अनुसार, इस तहसील में कुल जनसंख्या 709, 972 है, जिसमें से 378, 603 पुरुष और 331, 369 महिलाएँ हैं। यहाँ
के कुल 94, 482 किसान कृषि पर निर्भर हैं। करवी में 62, 115 लोग कृषि भूमि में मजदूरी करते हैं।
औपनिवेशिक काल के दौरान उत्तर प्रदेश की इस तहसील को तब अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त हुई, जब एक
अंग्रेज़ बैरिस्टर (barrister) डी रेन्ज़ी जेम्स ब्रेट (De Renzi James Brett) भारत आए। डी रेन्ज़ी जेम्स ब्रेट का
जन्म वेक्सफ़ोर्ड, काउंटी आयरलैंड (Wexford, County Wexford, Ireland) में हुआ था। ब्रेट 1825 में 31वीं मद्रास
लाइट इन्फैंट्री (Madras Light Infantry) में एक प्रतीक बन गए और 1853 तक लगभग लगातार भारत में सक्रिय
सेवा में रहे। उन्होंने दूसरे एंग्लो-बर्मी युद्ध में 35वीं मद्रास नेटिव इन्फैंट्री (Madras Native Infantry) की कमान
संभाली। 1857-58 के भारतीय युद्ध के दौरान ब्रेट इंग्लैंड में एक संक्षिप्त अवधि के बाद भारत लौट आए और दिल्ली
और लखनऊ क्षेत्र में अपनी सेवा देने लगे। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें एक पदक, अकवार और £5, 000 की
पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया।
9 मई 1865 को जेम्स ब्रेट न्यूजीलैंड चले गए और वहाँ ब्रेट ने कर्टेने के दक्षिण में 1, 000 एकड़ की संपत्ति खरीदी और
इंग्लैंड में खरीदी गई उनकी इस संपत्ति का नाम हमारे उत्तरप्रदेश जिले के तत्कालीन किर्वी (अब, कर्वी, उत्तर प्रदेश) का
नामक एक किले से लिया गया था, जिसमें उन्होंने भारतीय युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया था।
इंग्लैंड में किर्वी नामक बस्ती जिस स्थान पर विकसित हुई, वह लंबे समय से ब्रेट कॉर्नर के नाम से जानी जाती थी।
किर्वी में मिट्टी के सूखे क्षेत्र पारगम्य थे और उन्हें समृद्ध करने के लिए पानी की आवश्यकता थी। लेकिन ब्रेट ने
भारत में सिंचाई योजनाओं को देखा था और उन्ही योजनाओं को उन्होंने अपने क्षेत्र किर्वी में लागू किया। इस उद्देश्य
के लिए उन्होंने वेमाकारिरी नदी (Vemakariri river) के पानी का उपयोग किया। हालांकि इस काम को पूरा करने में
उन्हें स्वार्थी और प्रभावशाली धावकों के विरोध का सामना करना पड़ा। लेकिन प्रांतीय परिषद ने व्यवहार्यता
अध्ययन किया और 1874 में संसद ने कैंटरबरी जल आपूर्ति अधिनियम पारित किया, जिसमें £ 22, 000 के खर्च को
अधिकृत किया गया। इसका काम अगस्त 1876 में शुरू हुआ और स्प्रिंगफील्ड (springfield) के उत्तर-पश्चिम में
कोवाई नदी पर बाँध निर्माण 27 दिसम्बर 1877 को चालू किया गया।
ब्रेट एक सफल और प्रभावशाली किसान थे और अपने समुदाय में सक्रिय थे। एक मध्यम आकार की संपत्ति के
मालिक के रूप में, उनके पास पूंजी, ऊर्जा और कौशल था। 16 जून 1889 को क्राइस्टचर्च में उनका निधन हो गया।
उत्तर प्रदेश के कर्वी से प्रेरणा लेकर न्यूज़ीलैंड में बसाया गया शहर किर्वी न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप के कैंटरबरी क्षेत्र में
क्राइस्टचर्च के पश्चिम में स्थित है। इसका नाम भारत में करवी के नाम पर सेवानिवृत्त ब्रिटिश सेना कर्नल डी रेन्ज़ी
ब्रेट द्वारा रखा गया था। किर्वी में द्विवार्षिक रूप से दक्षिण द्वीप कृषि क्षेत्र दिवस भी आयोजित किया जाता है।
ब्रिटिश सेना कर्नल डी रेन्ज़ी ब्रेट का नाम कैंटरबरी (inland Canterbury) में सिंचाई लाने के लिए उल्लेखनीय हैं।
उन्होंने अपने खेत का नाम किरवी रखा और उस नाम की बस्ती उसके आसपास विकसित हुई।
संदर्भ
https://bit.ly/3Fdisxw
https://bit.ly/3yKlqr3
https://bit.ly/3JiUIL0
https://bit.ly/3spq7W6
https://en.wikipedia.org/wiki/Kirwee
चित्र संदर्भ
1. किरवी में डी रेन्ज़ी ब्रेट स्मारक को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. चित्रकूट धाम कर्वी के बोर्ड को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
3. किरवी स्मारक के विवरण को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. हाईफ़ील्ड रोड किरवी को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
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