वैक्सीन इक्विटी क्या है और यह इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

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वैक्सीन इक्विटी क्या है और यह इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

पृथ्वी पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए जल, वायु और अग्नि सबसे आवश्यक घटक माने जाते हैं। और यदि आप गौर करें तो पाएंगे की यह सभी तत्व धरती के सभी जीवों, और पोंधों में सामान रूप से बटे हुए हैं। यही कारण हैं की हजारों बाधाओं के बावजूद यहां पर लाखों वर्षों से जीवन फलफूल रहा है। इसी तथ्य की तुलना हम वर्तमान में मानवजाति के लिए वैश्विक बाधा बन चुकी महामारी से करें, तो आज कोरोना महामारी से मानव जाति की रक्षा के लिए कोरोना वैक्सीन सबसे आवश्यक जीवनदायनी घटक बन चुकी है। अतः यहां भी हम प्रकृति से सीख लेकर वैक्सीन इक्विटी (Vaccine equity) को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे विश्व के सभी जनमानस को यह वैक्सीन बिना किसी बेहदभाव के बराबरी और यथासंभव सस्ती अथवा मुफ्त प्राप्त हो सके।
मानव इतिहास में किसी भी अन्य महामारी की तुलना में रिकॉर्ड समय के भीतर ही सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 टीके विकसित किए गए थे। लेकिन फिर भी कोरोना वायरस, वैक्सीन के वैश्विक वितरण की तुलना में अधिक तेजी से फ़ैल रहा है। लेकिन कोविड-19 टीके को मुख्य रूप से उच्च और उच्च-मध्यम आय वाले देशों में प्रशासित (administered) किया गया। यदि इन खुराकों को समान रूप से वितरित किया गया होता, तो वे विश्व स्तर पर सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और वृद्ध लोगों को कवर करने के लिए पर्याप्त होते। टीकों को समान रूप से साझा करने में वैश्विक विफलता दुनिया के कुछ सबसे गरीब और सबसे कमजोर देशों के लोगों पर अपना असर डाल रही है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में समान रूप से वैक्सीन वितरण बहुत आवश्यक है।
COVID-19 के पहले रिपोर्ट किए गए मामले के एक साल के भीतर, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer- BioNTech vaccine), घातक वायरस के खिलाफ आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित होने वाला पहला पूरी तरह से परीक्षण किया गया टीका बन गया। वैक्सीन का बिजली की गति से विकास और अनुमोदन वैश्विक स्वास्थ्य में एक असाधारण सफलता थी। लेकिन सुरक्षित और प्रभावी टीकों को मंजूरी देना महामारी को खत्म करने की दिशा में केवल पहला कदम था। उसके बाद विश्व स्तर पर सभी को प्रतिरक्षित करने के लिए पर्याप्त टीकों का उत्पादन करने और उन खुराकों को व्यवस्थित और कुशल तरीके से वितरित और प्रशासित करने की प्राथमिकता और जरूरत थी।
यही पर "वैक्सीन इक्विटी (vaccine equity)" की अवधारणा सामने आती है। अर्थात हम कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि कोविड-19 टीके सभी आबादी को उचित रूप से वितरित किए जाते हैं, और यह कि सभी क्षेत्रों, साधनों और पृष्ठभूमि के लोग उन तक पहुंचने में सक्षम हैं?
जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ नर्सिंग एंड पब्लिक हेल्थ के सहायक प्रोफेसर (John Hopkins School of Nursing and Public Health) डॉ. यवोन कमोडोर-मेन्साह (Dr. Yvonne Commodore-Mensah) ने के अनुसार "हम सभी इस बात से सहमत हो सकते हैं कि हर किसी को स्वास्थ्य का अधिकार होना चाहिए, चाहे उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति कैसी भी है।" लेकिन आर्थिक संसाधनों में असमानता के कारण, वैक्सीन प्राप्त करने की राह सभी के लिए समान नहीं है।
कनाडा और यूके जैसे अमीर देशों ने अपनी आबादी के सापेक्ष टीके की खुराक को आवश्यकता से अधिक खरीद लिया - जिसे "वैक्सीन होर्डिंग (vaccine hoarding) या "वैक्सीन राष्ट्रवाद" के रूप में जाना जाता है - अर्थात आबादी को कई बार टीका लगाने के लिए पर्याप्त खुराक हासिल करना। लेकीन दूसरी और, निम्न और मध्यम आय वाले देशों को अपने सबसे अधिक जोखिम वाले मरीजों, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं (frontline workers) तथा वृद्ध लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त खुराक प्राप्त करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की शीर्ष वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार ओमाइक्रोन लहर को रोका जा सकता था,अगर हमने दुनिया भर में समान रूप से मौजूद उपकरणों का इस्तेमाल किया होता तो इसे रोकना दुनिया के हाथ में था। हमारे पास दुनिया भर के लोगों को टीका लगाने के लिए पर्याप्त टीके थे। शायद हम ऐसा होने की संभावना को कम कर सकते थे। ओमाइक्रोन पहली बार अफ्रीका में पाया गया था, एक ऐसा महाद्वीप जहां कई लोगों को अभी तक टीके की एक खुराक नहीं मिली है। एक महीने के भीतर, यह एशिया, अमेरिका, मध्य पूर्व और यूरोप में फ़ैल गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस साल की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि वैक्सीन राष्ट्रवाद की मानसिकता दुनिया को "विनाशकारी नैतिक विफलता" के कगार पर खड़ा कर सकती है। वैश्विक स्तर पर COVID-19 वैक्सीन का असमान वितरण केवल नैतिकता या नैतिकता का मुद्दा नहीं है। जब एक संक्रामक बीमारी की बात आती है तो वह सीमा और वर्ग का भेद नहीं समझती है। जिस कारण कोविड-19 और डेल्टा या ओमीक्रोन तब तक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा बने रहेंगे, जब तक यह दुनिया में कहीं भी मौजूद है। वैक्सीन राष्ट्रवाद केवल वायरस के प्रसार में मदद करता है।
जानकारों के अनुसार एक टीके के प्रभावी रूप से काम करने के लिए, आपको समाज के अधिकांश लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता है - और यह सुरक्षा तब होती है जब आप सभी को टीका लगवाते हैं।
हम कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि टीके समान रूप से साझा किए जा रहे हैं?
किसी देश की क्रय शक्ति के आधार पर आवंटन प्रणाली को रोकने में मदद करने के लिए, कोविड-19 वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस फैसिलिटी (Global Access Facility), जिसे COVAX के नाम से जाना जाता है, को निम्न और मध्यम आय वाले देशों को उनकी आबादी का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था।
डब्ल्यूएचओ, गावी, वैक्सीन एलायंस और कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन WHO, Gavi, the Vaccine Alliance and the Coalition for Epidemic Preparedness Innovation (CEPI) के सह-नेतृत्व में वैश्विक सहयोग का लक्ष्य 2021 के अंत तक मध्यम आय वाले देशों के लिए कम से कम 2 बिलियन खुराक सुरक्षित करना और 92 निम्न आय वाले देशों के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करना था। वैश्विक स्तर पर समान वितरण के अलावा, अलग-अलग देश भी अपनी आबादी के बीच टीके की असमान पहुंच के मुद्दे का सामना करते हैं। जिस तरह उच्च आय वाले देश अपने नागरिकों के लिए टीके जमा कर सकते हैं, वैसे ही दिशानिर्देशों के आभाव में किसी देश के भीतर धनी व्यक्ति भी अपनी क्रय शक्ति का उपयोग प्राथमिकता प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। इससे बचने और न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, देश चरणबद्ध रोलआउट का आयोजन कर रहे हैं, जो COVID-19 अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु के उच्चतम बोझ वाले लोगों को टीकाकरण से पहले प्राथमिकता देते हैं – जिनमें स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, वृद्ध वयस्क और आवश्यक कर्मचारी शामिल हैं।
सभी देशों की समस्त सरकारों को आज यह जरूरी तौर पर सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, की उस देश के हर वर्ग और प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से वेक्सीन उपलब्ध हो। याद रहे: जब तक सभी सुरक्षित नहीं हैं, तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं है!

संदर्भ
https://bit.ly/3HuiiT9
https://bit.ly/3FONxaZ
https://bit.ly/3ESPCBA
https://www.who.int/campaigns/vaccine-equity

चित्र संदर्भ   
1. वेक्सीन हेतु नामांकन करती महिला को दर्शाता एक चित्रण (WBUR)
2. टीकाकरण हेतु कतार में लगे लोगों को दर्शाता एक चित्रण ( Refugees International)
3. वेक्सीन वितरण को दर्शाता एक चित्रण (Fortune)
4. विश्व मानचित्र पर वेक्सीन वितरण को दर्शाता एक चित्रण (UW Medicine)

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