भारत के गंभीर अकालों में से एक है, चालीसा अकाल

उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक
21-12-2021 09:16 AM
Post Viewership from Post Date to 20- Jan-2022 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1039 188 1227
भारत के गंभीर अकालों में से एक है, चालीसा अकाल

प्राचीन काल से ही मनुष्य को विभिन्न आपदाओं का सामना करना पड़ाहै, तथा अकाल भी उन्हीं में से एक है।अकाल भोजन की व्यापक कमी है, जो मानव निर्मित और प्राकृतिक कारकों दोनों की वजह से हो सकता है। अकाल मुख्य रूप से युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं, फसल की विफलता, जनसंख्या असंतुलन, व्यापक गरीबी, आर्थिक तबाही या सरकारी नीतियों सहित कई कारकों की वजह से उत्पन्न होता है।यह घटना आमतौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और बढ़ी हुई मृत्यु दर के साथ या उसके बाद होती है।दुनिया के हर उस महाद्वीप जिस पर लोग निवास करते हैं,ने पूरे इतिहास में कभी न कभी अकाल का अनुभव अवश्य किया है।19वीं और 20वीं शताब्दी में,आम तौर पर दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया (Asia) के साथ-साथ पूर्वी और मध्य यूरोप (Europe) ने अकाल के कारण सबसे अधिक मौतों को दर्ज किया। भारत भी एक ऐसा देश है, जिसके विभिन्न क्षेत्रों ने कई कारकों की वजह से अकाल का सामना किया है। उन्हीं अकालों में से एक चालीसा अकाल भी है।चालीसा अकाल (संवत वर्ष 1840 अर्थात वर्तमान पश्चिमी कैलेंडर का 1783-84) ने पूरे उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत को प्रभावित किया। यह एक ऐसा अकाल था जिसने अब तक की सबसे बड़ी मौतों (110 लाख) को दर्ज किया। यह ब्रिटिश भारत के दिनों की त्रासदी है, जिसे भुलाया नहीं जाना चाहिए।चालीसा अकाल के कारण भारतीय उपमहाद्वीप में असामान्य अल नीनो घटनाएं (El Nino - अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से गर्म होने का वर्णन करता है) हुई, जो 1780 में शुरू हुई और पूरे क्षेत्र में सूखे का कारण बनी। चालीसा (हिंदुस्तानी शब्द “चालीसवां” से उत्पन्न) अकाल ने उत्तर भारत के कई हिस्सों विशेष रूप से दिल्ली क्षेत्र, वर्तमान उत्तर प्रदेश, पूर्वी पंजाब, राजपुताना और कश्मीर को प्रभावित किया। तब सभी पर विभिन्न भारतीय शासकों का शासन था।चालीसा से पहले दक्षिण भारत में भी अकाल पड़ा था, जिसमें मद्रास शहर और आसपास के क्षेत्र (ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के तहत) और मैसूर का विस्तारित साम्राज्य (हैदर अली और टीपू सुल्तान के शासन में) शामिल था।दोनों अकालों ने मिलकर भारत के कई क्षेत्रों को नष्ट किया।उदाहरण के लिए दोनों अकालों की वजह से वर्तमान तमिलनाडु के सिरकाली क्षेत्र के 17 प्रतिशत गाँव,वर्तमान उत्तर प्रदेश के मध्य दोआब के 60 प्रतिशत गाँव और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों के 30 प्रतिशत से अधिक गाँव नष्ट हो गए थे।मद्रास शहर और आसपास के क्षेत्र (ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के तहत) और मैसूर के विस्तारित साम्राज्य (हैदर अली और टीपू सुल्तान के शासन के तहत) शामिल थे। दोनों अकालों ने मिलकर भारत के कई क्षेत्रों को नष्ट कर दिया था। उदाहरण के लिए, वर्तमान तमिलनाडु के सिरकाली क्षेत्र के 17 प्रतिशत गाँव, वर्तमान उत्तर प्रदेश के मध्य दोआब के 60 प्रतिशत गाँव, और दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों के 30 प्रतिशत से अधिक गाँव। ऐसा माना जाता है कि इन दो अकालों में लगभग 11 मिलियन लोग मारे गए थे। जब तक मुगलों ने लूटपाट के लिए भारत पर आक्रमण नहीं किया था,तब तक भारत आर्थिक रूप से दुनिया का सबसे धनी देश था।भारत हीरे का खनन और प्रसंस्करण जानता था,और सभी महान हीरे भारत के थे। लेकिन मुगलों, ब्रिटिशों आदि के आगमन से देश की समृद्धि और संपदा में भारी गिरावट आयी। इसके अलावा प्राचीन समय से ही भारत प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं को भी झेलता रहा है। भारत में बाढ़, सूखा, चक्रवात, भूकंप और भूस्खलन आदि खतरनाक आपदाएं आती रही हैं। वार्षिक वर्षा का पचहत्तर प्रतिशत हिस्सा जून से सितंबर मानसून के दौरान प्राप्त होता है, जिससे लगभग सभी नदियाँ खतरनाक रूप से बहती हैं, जो बाढ़ का कारण बनती हैं। इसके विपरीत,सूखा पानी या नमी की उपलब्धता में अस्थायी कमी है तथा जब कभी बारिश पर्याप्त रूप से नहीं होती है, तब सूखे की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भारत के किसी हिस्से में मानसून की विफलता या अधिकता कृषि समुदायों के लिए खतरा पैदा करती है, जो अकाल को जन्म दे सकती है।अकाल मानव निर्मित और प्राकृतिक दोनों प्रकार की आपदा में शामिल होता है।एक भूमि के रूप में भारतप्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होतारहा है,लेकिन ब्रिटिश राज के समय जो अकाल उत्पन्न हुए उनमें से कई मानव निर्मित थे।1765 से लेकर 1947 तक ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप पर अनेकों अकाल हुए, जिन्हें हम निम्नलिखित सूची के माध्यम से समझ सकते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3p9W1DT
https://bit.ly/3sjy4Mu
https://bit.ly/3pbymTH

चित्र संदर्भ
1. 1973 में बांग्लादेश अकाल के दौरान लिया गया एक चित्रण (flickr)
2. भारत का मानचित्र (1765) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. अकाल के दौरान खींची गई तस्वीर को दर्शाता एक चित्रण (EAST INDIA COMPANY 1600-1857)

पिछला / Previous अगला / Next

Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.