रज़ा लाइब्रेरी

रामपुर नवाबों का वह शहर है जहाँ न ही सिर्फ उन्होंने राज किया बल्कि रामपुर की धरोहर, वहाँ की सभ्यता एवं इतिहास का संरक्षण कर वहाँ की मिट्टी का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए| रज़ा पुस्तकालय भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण मध्य एशिया का एक अहम पुस्तकालय है।

यहाँ का संग्रह अन्य किसी और पुस्तकालय में नहीं मिलता| यह अपने भीतर इंडो-इस्लामिक विद्या एवं विद्वत्ता का खजाना छिपाये है। यह पुस्तकालय इंडो-सार्सेनिक वास्तुकला पर आधारित है जो कि नवाब फैज़ुल्लाह खान द्वारा सन् 1774 में स्थापित की गयी थी| रामपुर के नवाबों की खासियत यह थी कि वे कला एवं साहित्य के संरक्षक थे – साहित्यकार, कवी, ग़ज़ल लेखक, चित्रकार, संगीतकार, नृतक, लेखक, उलेमा, इत्यादि को नवाबों के अंतर्गत संरक्षण मिला जिसके परिणामस्वरूप हम यहाँ के पुस्तकालय में कई रचनाओं को देख सकते हैं| रामपुर पुस्तकालय में लगभग 1700 पांडुलिपियाँ, 6000 किताबें, 3000 इस्लामिक हस्तलिपि एवं 205 ताड़पत्र हैं| सारी 1700 पांडुलिपियाँ - संस्कृत, उर्दू, फ़ारसी, हिंदी, अरबी, तुर्की भाषाओं में है|
यहाँ पर रज़ा संग्रहालय जुलाई 19, 1997 हामिद मंजिल में स्थापित हुई। नवाब मुहम्मद सईद खान ने रजा पुस्तकालय में कई नए कमरे एवं अलग -अलग विभाग बनवाये| यहाँ का इस्लामिक हस्तलिपि का संग्रह – इकलौता ऐसा संग्रह है जहाँ विश्व भर के हस्तलिपियों के प्रमाण देखने को मिलते हैं| फ़ारसी के हस्तलेखकों का कार्य हम यहाँ देख सकते हैं जैसे – मीर अली, मुहम्मद हुसैन कश्मीरी, ज़र्रिन रक़म, सुल्तान अली मशदी, दारा शिकोह, गुलज़ार रक़म, मुहम्मद रफ़ी, मुहम्मद हाशिम इत्यादि|

रामपुर के कई हस्तलेखकों का भी संग्रह यहाँ की विरासत में चार चाँद लगा देता है जैसे मुहम्मद सलामुल्लाह रामपुरी, हाफिज़ अहमद अली खान शौक़, मीर इवज़ अली आदिल मलीहाबादी इत्यादि| चित्रकारी की बात करें तो यहाँ मंगोल, ईरानी, मुग़ल, दक्खिनी, राजपूत, पहाड़ी, अवधी, ब्रिटिश इत्यादि चित्र मौजूद हैं| यहाँ पर 35 चित्राधार, तस्वीर एवं लघुचित्र के प्रमाण हैं जिनमें चार हज़ार से भी ज़्यादा ऐतिहासिक चित्रों का संग्रह है।

रामपुर के रज़ा पुस्तकालय के चित्र, पांडुलिपियाँ इत्यादि भारत के बाहर कई प्रदर्शनियों में प्रस्तुत किये गये हैं जैसे - इंडो-इस्लामिक हस्तलिपि की 2015 प्रदर्शनी जो कि मॉरिशस में ‘फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया – 2015’ के नाम से हुई जहां रामपुर रज़ा पुस्तकालय की 50 इस्लामिक हस्तलिपियों को प्रदर्शित किया गया था| मलेशिया के कुआलालम्पुर एवं कोट बहरू में रज़ा पुस्तकालय की इस्लामिक हस्तलिपियों के चित्र प्रदर्शित किये गए थे (अप्रैल 12 2015)| रमज़ान के महीने में यहाँ दरबार हॉल में कुरान एवं इस्लामिक हस्तलिपि पर प्रदर्शनी लगायी जाती है। रज़ा पुस्तकालय का संग्रह रामपुर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो बाकी किसी पुस्तकालय एवं संग्रहालय में नहीं दिखता।

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