हाथी- वातावरण अभियंता

रामपुर

 03-03-2018 11:35 AM
कोशिका के आधार पर

एलेफस मक्सिमस इंडीकस (Elephas maximus indicus) यह लैटिन में भारतीय हाथी का वैज्ञानिक नाम है। उसके अफ़्रीकी भाईओं का वैज्ञानिक नाम है लोक्सोडोंटा अफ्रीकाना (लैटिन: Loxodonta africana) और लोक्सोडोंटा सायक्लोटीस (लैटिन: Loxodonta cyclotis)। वैज्ञानिक वर्गीकरण के हिसाब से दोनों का जगत, विभाग, वर्ग, गण और कुल एक ही है मात्र इनका वंश अलग-अलग है। इस भिन्नता का कारण यह है कि उत्क्रांति के समय जिन सभी जीवों का पृथ्वी के अन्य कोनों में प्रसार हुआ तब उस क्षेत्र के वातावरण के मुताबिक जीव जगत ने अनुकूलन के जरिये अपने आप को उस वातावरण में रहने लायक ढाल लिया। इस कारण उन जीव जगत की जीवित कोशिकाओं के गुणसूत्रों में पाए जाने वाले तंतुनुमा अणु मतलब डीएनए (DNA) में थोड़ा बदलाव आता गया, डीएनए की संरचना में अनुवांशिक कूट निबद्ध रहता है।

भारतीय हाथी अफ्रीकन हाथी से आकार में छोटे रहते हैं, उनका अंग आनुपातिक रूप से निर्मित होता है तथा कानों का आकार छोटा और अलग रहता है। उनके आगे के पैरों में 5 खुर रहते हैं तथा पिछले पैरों में 4। भारतीय हाथी के दांत बहुत ही छोटे होते हैं तथा मादाओं में बहुत बार नहीं भी होते। हाथी जब चलते हैं तो आवाज़ नहीं होती क्यूंकि इनके पैरों पर ख़ास आवरण होता है।

भारत में प्राचीन काल से हाथी का महत्व साधारण रहा है। हाथिओं को पालतू बनाने का सबसे पुराना साक्ष्य सिंधु सभ्यता से मिला है। हमारी कला-संस्कृति-जीवन और श्रद्धा इन सभी में हाथी का स्थान अमूल्य है। हाथी बुद्धिमता के साथ-साथ धैर्य, वीरता, खूबसूरती, निडरता और सम्पन्नता का प्रतिक है। सुन्दर स्त्री के चलने के तरीके का वर्णन करते हुए उसे गजगामिनी की उपाधि दी गयी है, हस्तिनापुर जैसे शहर का नाम हाथियों पर रखा गया है, दक्षिण के मंदिरों में हाथियों को ख़ास भगवान के लिए रखा जाता है, पूर्ण देश के मंदिरों में हाथी का सजावटी एवं अन्य कारणों के लिए अलंकारिक उपयोग किया जाता है, इंद्र का वाहन ऐरावत एक हाथी था, लक्ष्मी के चित्र में बहुतायता से दो हाथी दिखाए जाते हैं जो उनका अभिषेक करते हैं, हमारे सबसे प्यारे भगवान श्री गणेशजी की जन्मकथा के अनुसार उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए शिवजी ने हाथी का सर उनके देह पर लगाया था। इन सभी बातों को ध्यान में लें तो एक बात हमारे ज़हन में प्राथमिकता से आती है कि हमारे जीवन में हाथी का स्थान कितना महत्वपूर्ण है। इसी के साथ भारत में इनका इस्तेमाल युद्ध में, बोझा ढोने के लिए तथा आवागमन के लिए भी किया जाता था। राजा-महाराजा अपने लिए हाथी पालते थे तथा उनके लिए ख़ास हाथीखाना बनवाते थे क्यूंकि हाथी को रखना बड़ी प्रतिष्ठा की बात मानी जाती थी।

रामपुर नवाब ख़ास हाथी खरीदते थे तथा शिकार, परिवहन आदि के लिए इनका इस्तेमाल करते थे। आज यहाँ पर हाथी बिलकुल नहीं बचे हैं।

आज भारत में सिर्फ 30,000 के आस-पास ही हाथी बचे हैं। बढ़ती आबादी और जंगलों का विनाश, उनके रहने की जगह पर होते अतिक्रमण और हस्तिदंत के लिए होती शिकार की वजह से इनकी संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है जो इंसानों के लिए बहुत घातक साबित होगी।

हाथी एक मूलतत्व जाती है जो हमारे धरती के पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन बनाए रखने वाला अविभाज्य हिस्सा हैं। इन्हें वातावरण अभियंता कहा जाता है क्यूंकि यह वातावरण को तराश कर रहने के लिए उचित बनाते हैं। एलीफैंट कॉरिडोर मतलब हाथियों का क्षेत्र एक प्रकार का गलियारा होता है जो दो प्राकृतिक उत्पत्तिस्थानों को जोड़े रखता है और अगर यह नष्ट हो गया तो इंसान का इस पृथ्वी पर रहना बहुत ही मुश्किल हो जायेगा। अगर हाथी ना हो तो पूरी पृथ्वी का संतुलन बिगड़ जायेगा अतः यह इंसानों के लिए सबसे हानिकारक साबित होगा।

प्रस्तुत चित्र अल्बिनो हाथी कहे जाने वाले हाथी का है। भारत में ऐसे हाथी को भगवान का हाथी माना जाता है और मंदिरों में इनकी पूजा होती है।

1. द इलस्ट्रेटेड एन्सायक्लोपेडिया ऑफ़ मैमल्स- डॉ. व्लादिमीर हनाक, डॉ. व्रातिसलाव मज़ाक
2. नेशनल जियोग्राफिक ट्रावलर इंडिया फरवरी 2013
3. एलेफन्ट्स (एंड एक्सटिंक्ट रिलेटिव्स) एस अर्थ मूवर्स एंड एकोसिस्टम एन्जिनीर्स: गेरी हेंस
http://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0169555X1100314X
4. सेरेंगेती II: डाईनामिक्स, मैनेजमेंट एंड कोन्सेरवेशन ऑफ़ अन एकोसिस्टम-वेजिटेशान डाईनामिक्स इन द सेरेंगेती-मारा इकोसिस्टम: द रोल ऑफ़ एलेफन्ट्स, फायर एंड अदर फैक्टर्स- हौली टी डबलिन, एड. ए.आर.इ सिंक्लैर, पीटर अर्ससे



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id