सन 2011 की जनगणना के अनुसार रामपुर शहर की कुल आबादी 3,25,313 है। यहाँ पर मुस्लिम धर्मीय लोगों की संख्या आबादी की लगभग 70% है तथा हिन्दुओं की 28.46% और बाकी धर्म के लोगों की 1.5% है। यह एक मुस्लिम बहुल प्रदेश है तथा इसकी स्थापना नवाब फैज़ुल्लाह खान, एक रोहिल्ला पठान ने की थी। तब से ले कर आज तक रामपुर में कभी भी कोई हिंसा की घटना सामने नहीं आई है, खास कर धर्म से जुड़ी हुई। पूरे देश में आज तक जितने भी सांप्रदायिक दंगे हुए हैं इनमें से कभी ही कोई रामपुर की माटी को छू कर गया है।
रामपुर नवाबों की यह एक ख़ास बात रही कि उन्होंने हमेशा ही अपने राज्य में शांति प्रस्थापित रखी और कला-शिक्षा को महत्व दिया। रामपुर में वास्तुकला के उतोमोत्तम नमूने, ज़रदोज़ी, रामपुरी चाकू आदि जैसी कलाएं, नवाबी और अन्य खाना-खज़ाना जैसे तार कोरमा, अद्रकी हलवा, हब्शी हलवा आदि, शायरों और पंडितों की कदर एवं रामपुर रज़ा लाइब्रेरी जैसा पुस्तकालय, संगीत का प्रसिद्ध रामपुर-सहसवान घराना इन सभी ने यहाँ के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान पाये।
जब भारत को आज़ादी मिली तब स्वतंत्र भारत से संलग्न होने वाली रियासतों में रामपुर सबसे पहला था। जब महात्मा गाँधी की हत्या की गयी तब रामपुर भी पुरे देश के साथ शोक में डूब गया। राजघाट के अलावा रामपुर ही ऐसी जगह है जहाँ पर गांधीजी की अस्थियाँ है। फरवरी 1948 में रामपुर में गांधीजी की अस्थियों का कुछ हिस्सा कोसी में समर्पित कर दिया गया।
प्रस्तुत चित्र रामपुर की गाँधी समाधी का है।
1. डिस्ट्रिक्ट सेन्सस हैंडबुक रामपुर 2011
2. गज़ेटियर ऑफ़ द रामपुर स्टेट 1911
3. रज़ा लाइब्ररी, रामपुर, राज भवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश और भगवन शंकर (आई.ए.एस.), डाइरेक्टर, नॉर्थ सेंट्रल ज़ोन कल्चरल सेंटर, इलाहाबाद
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