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आमतौर पर जापान को इसकी समृद्ध संस्कृति, अनुशासन, दीर्घायु और तकनीकी प्रगति के लिए जाना जाता है। लेकिन इन सभी विशेषताओं के अलावा जापानी लोग "सुशी (Sushi)" नामक एक लज़ीज़ व्यंजन के प्रति अपने लगाव के लिए भी जाने जाते हैं। कई लोग तो यह मानते हैं कि "जापानी लोग हर दिन सुशी खाते हैं!" आज हम जापानी पाक संस्कृति की ऐसी ही रोचक मान्यताओं और उनकी प्रमाणिकताओं के बारे में जानेंगे।
भारत और जापान जैसी संस्कृतियों में “रात के खाने को अक्सर दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है।” जापानी लोगों के लिए, शाम के भोजन में आम तौर पर चावल, मिसो सूप (Miso Soup) और तीन साइड डिश (Side Dishes) परोसे जाते हैं, जिनमें मछली, सब्जियां या मांस शामिल हो सकते हैं। जापानी व्यंजनों में डोनबुरी (Donburi), ग्योज़ा (Gyoza), नाबे और टेम्पुरा (Nabe And Tempura) जैसे विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट भोजन शामिल हैं। साथ ही समय के साथ जापान में नूडल्स और स्क्यूअर्स (Noodles And Skewers) जैसे स्ट्रीट फूड (Street Food) भी तेज़ी से लोकप्रिय हो रहे हैं। पारंपरिक जापानी आहार में संपूर्ण औरन्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (Processed Foods) के सेवन को प्रोत्साहित किया जाता है। यहां पर समुद्री भोजन, जैसे मछली और समुद्री शैवाल, चावल, सोया, ताज़े फल और सब्जियों पर प्राथमिक ध्यान केंद्रित किया जाता है। पारंपरिक जापानी आहार फाइबर (Fiber), कैल्शियम (Calcium), पोटेशियम (Potassium), मैग्नीशियम (Magnesium), आयरन (Iron), विटामिन ए (Vitamin A), विटामिन सी (Vitamin C) और विटामिन ई (Vitamin E) जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। साथ ही समुद्री शैवाल, सोयाबीन, फलों और सब्जियों से प्राप्त होने वाली उच्च फाइबर सामग्री के कारण, जापानी आहार आपके पाचन में भी सुधार कर सकता है।
जापानी आहार में शामिल फाइबर युक्त सब्जियाँ, सोया खाद्य पदार्थ और सूप भूख को कम कर सकते हैं, जिससे वजन नियंत्रण को बढ़ावा मिलता है। एक अध्ययन में पाया गया कि पारंपरिक जापानी आहार का पालन करने वाले पुरुषों ने टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) के जोखिम कारकों में महत्वपूर्ण कमी का अनुभव किया। जापानी आहार में हरी चाय का अधिक सेवन
अल्जाइमर रोग (Alzheimer's Disease), पार्किंसंस रोग (Parkinson's Disease) और कुछ प्रकार के कैंसरों से भी बचा सकता है।
आज जापान का सबसे मशहूर व्यंजन "सुशी" दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया है। इसे जापानियों का पसंदीदा व्यंजन माना जाता है, और इसे अक्सर विशेष आयोजनों और समारोहों के दौरान परोसा जाता है। यह व्यंजन चावल से बनाया जाता है, जिसे आमतौर पर समुद्री भोजन (मछली या अन्य समुद्री जीवों) और विभिन्न सब्जियों के साथ मिलाया जाता है। हालांकि, इसे तैयार करने का तरीका क्षेत्रीयता के आधार पर काफी भिन्न हो सकता है।
जापान में इसकी लोकप्रियता के कारण आज एक आम धारणा बन चुकी है कि “जापानी लोग दैनिक रूप से हर दिन सुशी का सेवन करते हैं।” लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम धारणा के विपरीत, सभी जापानी लोग दैनिक आधार पर यानी रोज सुशी नहीं खाते हैं। हालाँकि वहां पर सुशी के शौकीन लोग इसे बार-बार खा सकते हैं, लेकिन जापानी व्यंजनों की व्यापक विविधता के कारण अधिकांश लोग इसे हर दिन नहीं खाते हैं। सुशी को दुनिया भर में अलग तरह से देखा जाता है। कुछ स्थानों पर, यह विशेष आयोजनों के लिए एक फैंसी भोजन माना जाता है, जबकि कई देशों में, यह दोपहर के भोजन के लिए एक आम, स्वस्थ विकल्प बन गया है। जापान में यह विभिन्न कीमतों पर उपलब्ध है और इसे विभिन्न प्रकार के भोजनालयों (इज़ाकाया “Izakaya” नामक स्थानीय स्थानों से लेकर उच्च-स्तरीय सुशी रेस्तरां तक) में खाया जा सकता है।
भले ही आज आपको सुशी जैसे जापानी व्यंजनों में मांस और मछलियों की प्रचुरता नजर आती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि लगभग 1,000 से अधिक वर्षों तक जापान में मांस का सेवन करना कानूनी रूप से दंडनीय होता था। वास्तव में जापान में मांस खाना अपेक्षाकृत नई प्रथा है। एक सहस्राब्दी से अधिक समय तक जापान में मांस की खपत के विरुद्ध एक कठोर कानून था। लेकिन 24 जनवरी, 1872 को जपान के सम्राट मीजी “Meiji” ने सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी कि “वह खुद मांस खाते हैं।”, जिसके बाद वहां की खाद्य संस्कृति में बहुत बड़ा बदलाव देखा गया। मीजी का मानना था कि पशु प्रोटीन, जापान को आधुनिक बनाने और यहाँ के लोगों, विशेषकर सेना के स्वास्थ्य और ताकत में सुधार करने में मदद कर सकता है। मीजी काल (1868-1912) के दौरान जापान में मांस खाने के खिलाफ सहित कई पुरानी वर्जनाएं हटा दी गई थीं। 1960 के दशक तक, जापानी मेनू में घोड़े के मांस से बना व्यंजन, बसाशी (Basashi) खूब दिखाई देने लगा। बसाशी या घोड़े के मांस की साशिमी (Sashimi), जापानियों का एक प्रिय व्यंजन है। इसे पारंपरिक रूप से कटे हुए प्याज, अदरक, लहसुन और कुमामोटो (Kumamoto's) की मीठी स्थानीय सोया सॉस (Soy Sauce) जैसे याकुमी गार्निश (Yakumi Garnishes) के साथ परोसा जाता है। बसाशी का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। दरसल 1955 से पहले, जो घोड़े किसी काम के नहीं रहते थे, उन्हें खा लिया जाता था। हालाँकि, 1965 के आसपास, लोगों ने विशेष रूप से इसी व्यंजन के लिए घोड़ों को पालना और मोटा करना शुरू कर दिया, और तभी घोड़ा से साशिमी खाना एक प्रथा बन गई।
संदर्भ
http://tinyurl.com/2s9n9c8s
http://tinyurl.com/4523jrmn
http://tinyurl.com/4vxefyst
http://tinyurl.com/yy45sahw
http://tinyurl.com/yeys9vaj
http://tinyurl.com/2zbwmzjt
चित्र संदर्भ
1. जापानी सुशी को दर्शाता एक चित्रण (Needpix)
2. मिसो सूप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. विविध जापानी व्यंजनों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. जापान के पारंपरिक व्यंजन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. जापान में इज़ाकाया नामक स्थानीय भोजनालयों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. बसाशी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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