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8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की पूर्व संध्या पर मुंबई में गांधीजी ने एक भाषण दिया जो कि उनके सर्वश्रेष्ठ भाषणों में से एक माना जाता है। उनके भाषण का एक अंश कुछ इस प्रकार है –“मैं आपको जीवन का एक छोटा सा मंत्र बता रहा हूं। आप इस मंत्र को अपने दिल में बसा लें और अपने जीवन के हर क्षण में इसका अनुकरण करें। यह मंत्र है,'करो या मरो'। हम या तो भारत को आज़ाद करायेंगे या भारत को आजाद कराने के प्रयास में मर जायेंगे। हम गुलाम बनकर नहीं जिएंगे। हर सच्चा कांग्रेसी या महिला इस दृढ़ संकल्प के साथ इस संघर्ष में भाग लेंगे, कि वे अब देश को बंधन और गुलामी में देखने के लिए जीवित नहीं रहेंगे। सभी इसे अपनी प्रतिज्ञा बना लें।“ तो आइए आज इन चलचित्रों के जरिए भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए 1942 में "भारत छोड़ो आंदोलन" की शुरुआत पर श्री मोहनदास करमचंद गांधी द्वारा दिए गए भाषण को सुनें तथा आंदोलन से जुड़ी कुछ दुर्लभ तस्वीरों पर एक नजर डालें।
संदर्भ:
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