पानी की बचत- जीवन की सुरक्षा

रामपुर

 23-02-2018 01:07 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

पानी को जीवन कहा जाता है क्यूंकि इसके बिना जिंदगी जीना नामुमकिन है। इंसान खाने की व्यवस्था कहीं ना कहीं से कर लेता है मात्र अगर उसे पीने योग्य पानी ना मिले तो वह ज्यादा दिन तक नहीं जी सकता। जो बात इंसान की है वही पशु-पक्षी और पेड़-पौधों की। पानी जीवन देता है लेकिन यह जीवनामृत जल्द ही नष्ट होने की कगार पर है। वैसे देखा जाए तो पृथ्वी का तीन-चौथाई हिस्सा पानी से भरा है मात्र इसमें पीने योग्य पानी बहुत कम है। पीने का पानी हमे नदियों, तालाबों एवं पृथ्वी के गोद से कुआँ, बोरिंग आदि रूप में मिलता है। इसका इस्तेमाल इंसान अन्य उपयोगों के साथ-साथ प्रमुखता से पीने के लिए, अनाज उगाने के लिए एवं अन्न पकाने के लिए करता है। नदियों आदि का पानी हम नहाने के लिए, कपड़े-बर्तन धोने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। बढती आबादी और पानी के स्त्रोतों का बेतरतीब इस्तेमाल, प्रदुषण आदि की वजह से पीने योग्य पानी में दिन-ब-दिन कमतरता आ रही है और इस कमतरता को पूरा करना एक नामुमकिनसा कार्य है क्यूंकि पिने योग्य पानी एक गैर नवीकरणीय स्रोत है।

रामपुर गंगा के मध्य कछार का हिस्सा है। यहाँ की जल-प्रणाली रामगंगा और उसकी उप-नदियाँ जैसे कोसी, घुगा, बाउरी, पिलाखाऊ, नहल, धीमरी आदि नियंत्रित करती हैं। रामगंगा यहाँ पर दक्षिण-पश्चिम दिशा से प्रविष्ट होती है और दक्षिण-पूर्व की तरफ बहती है। रामपुर में कुल 186905 हेक्टेयर जमीन सिंचित है जिसमे से 99% जमीन भूजल से सिंचित है और सिर्फ 1431 हेक्टेयर जमीन नहरों के पानी से। भूजल में 35% पानी कुओं से मिलता है और 65% नलकूपों से। यह पूरा विश्लेषण सरकारी रिपोर्ट 2008-2009 में दिया गया है, शायद आज परिस्थिती और ज्यादा गंभीर हो रही है। और इसका कारण है जो हमने ऊपर विषद किया है: प्रधुशन, पानी का बेतरतीब इस्तेमाल और आबादी की तरह न बढ़नेवाले पानी के स्त्रोत। रामपुर में कुल 4 प्रमुख जलभृत हैं तथा जो भूजल उथले क्षेत्र में हैं वे असीमित तरीके में उपलब्ध हैं और जो गहरे क्षेत्र में हैं वे अर्द्ध-सीमित अथवा पूरी तरह से सिमित हैं।

पिछले सालों में किये गए कुछ अध्ययनों के अनुसार कोसी आज बहुत ज्यादा प्रदूषित हो चुकी है और इसमें पिने योग्य पानी नहीं बचा है।

आज के काल की यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण आवश्यकता बन चुकी है की हम पानी को किसी भी तरह जाया ना करें और वर्षा संचयन, जल उपचार आदि इस्तेमाल कर पानी की बचत करें क्यूंकि अगर पानी ना रहा तो जीवन भी ना रहेगा। प्रस्तुत चित्र कर्ज़न के संग्रह से है। यह रामपुर में स्थित मेड़ का चित्र है जो जलपृष्ठ बढ़ाने के साथ पानी का स्तर मापने के लिए निर्माण किया गया तथा पानी का बहाव सिंचन के लिए मोड़ने का कार्य भी करता है।

1. डिस्ट्रिक्ट ग्राउंड वाटर ब्रोशर ऑफ़ रामपुर डिस्ट्रिक्ट, यु.पी. – पी. के. त्रिपाठी
2. http://www.imedpub.com/articles/monitoring-water-quality-of-kosi-river-in-rampur-districtuttar-pradesh-india.pdf
3. https://www.hindawi.com/journals/jchem/2013/618612/
4. http://icssr.org/District%20Rampur%20-%20RS%20Tiwari.pdf
5. सी-डेप 2007
6. http://upenvis.nic.in/Database/An_Overview_820.aspx
7. http://upenvis.nic.in/Database/Rampur_987.aspx
8. रामपुर स्टेट गज़ेटियर 1914



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id