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घनवाद (Cubism), अतियथार्थवाद (Surrealism)और न्यूनतमवाद (Minimalism) जैसे आधुनिकतावादी मूर्तिकला आंदोलनों ने अपनी विशिष्ट शैलियों और रचनात्मक सफलताओं के माध्यम से आधुनिक युग में कलात्मक अभिव्यक्ति का उल्लेखनीय रूप से विस्तार किया है। तो आइए इस लेख के जरिए उन आधुनिक मूर्तिकला चित्रकारों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने इस कलात्मक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
आधुनिकतावादी मूर्तिकला आंदोलनों में आर्ट नोव्यू (Art Nouveau), घनवाद अर्थात क्यूबिज़्म, ज्यामितीय अमूर्तता (Geometric abstraction), डी स्टिजल (De Stijl), सर्वोच्चतावाद (Suprematism), रचनावाद (Constructivism), दादावाद (Dadaism), अतियथार्थवाद (Surrealism), भविष्यवाद (Futurism), औपचारिकतावाद (Formalism), अमूर्त अभिव्यक्तिवाद (Abstract expressionism), पॉप-कला (Pop-Art), न्यूनतमवाद, उत्तरअतिसूक्ष्मवाद (Postminimalism), भूमि कला (Land art), वैचारिक कला (Conceptual art) और स्थापत्य कला (Installation art) शामिल हैं। आधुनिक मूर्तिकला की शुरुआत आमतौर पर ऑगस्टे रोडिन के काम से मानी जाती है, जिन्हें आधुनिक मूर्तिकला का पूर्वज माना जाता है। रोडिन ने मूर्तिकला के निर्माण में एक क्रांतिकारी नए दृष्टिकोण का आविष्कार किया। इस कलात्मक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कलाकारों में ऑगस्टे रोडिन और हेनरी मूर जैसे कलाकारों के साथ साथ अनीश कपूर, डी. पी. रॉय चौधरी, सुबोध गुप्ता, रामकिंकर बैज आदि भारतीय कलाकार भी शामिल हैं।
ऑगस्टे रोडिन (Auguste Rodin):
ऑगस्टे रोडिन को व्यापक रूप से दुनिया का पहला आधुनिकतावादी मूर्तिकार माना जाता है। ऑगस्टे रोडिन एक फ्रांसीसी कलाकार और मूर्तिकार थे, जिन्होंने अपने कार्य में भावनाओं और चरित्र को भी उजागर किया। उनकी सबसे प्रसिद्ध मूर्तिकला, "द थिंकर" (The Thinker), अब तक की सबसे प्रसिद्ध मूर्तियों में से एक मानी जाती है। उनके महत्वपूर्ण कार्यों में ‘द एज ऑफ ब्रॉन्ज़’ (The Age of Bronze),‘द बरघर्स ऑफ़ कैलैस’ (The Burghers of Calais- 1889), ‘मैन विद ए ब्रोकन नोज’ (Man with the Broken Nose) आदि शामिल हैं। 1913 में, चेन्नई संग्रहालय में स्थित कांस्य की नटराज की मूर्ति की तस्वीरों ने ऑगस्टे रोडिन के "द डांस ऑफ शिव" के लेख को भी को प्रेरित किया।
हेनरी स्पेंसर मूर (Henry Spencer Moore):
हेनरी स्पेंसर मूर, एक अंग्रेजी कलाकार थे। वे अपनी अर्ध-अमूर्त स्मारकीय कांस्य मूर्तियों के लिए जाने जाते हैं जो कला के सार्वजनिक कार्यों के रूप में दुनिया भर में स्थित हैं। मूर ने कई चित्र भी बनाए, जिनमें कागज पर अन्य ग्राफिक कार्यों के साथ-साथ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्लिट्ज (Blitz) से शरण लेते लंदनवासियों को दर्शाने वाली एक श्रृंखला भी शामिल है। मूर के काम का दुनिया का सबसे बड़ा संग्रह हर्टफोर्डशायर के पेरी ग्रीन (Perry Green in Hertfordshire) में मूर के घर में रखा गया है। यह संग्रह अब हेनरी मूर फाउंडेशन (Henry Moore Foundation) के स्वामित्व में है।
अनीश कपूर:
अनीश कपूर का जन्म 1954 में मुंबई में हुआ था जो अब लंदन (London) में रहते और काम करते हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रंगों से बनी नाजुक मूर्तियों से की। उनके कार्य ने बहुत शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान प्राप्त की और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें 1991 में प्राप्त प्रतिष्ठित टर्नर पुरस्कार (Turner Prize) भी शामिल है। उनके उल्लेखनीय कार्य को न्यूयॉर्क (New York) में गुगेनहेम (Guggenheim), पेरिस (Paris) में लौव्रे (Louvre) और ग्रैंड पैलेस (Grand Palais), लंदन (London) में रॉयल अकादमी (Royal Academy) और टेट मॉडर्न (Tate Modern), स्विट्जरलैंड (Switzerland) में कुन्स्टलले बेसल (Kunsthalle Basel), मैड्रिड (Madrid) में रीना सोफिया संग्रहालय (Reina Sofia Museum), ओटावा (Ottawa) में नेशनल गैलरी (National Gallery), बोर्डोक्स (Bordeaux) में सीएपीसी (CAPC), रोम में चैटे डी वर्साइल (Chateau de Versailles) और म्यूजियो डी'आर्टे कंटेम्पोरेनिया रोमा (Museo d’Arte Contemporanea Roma) में दर्शाया गया है। उन्होंने 2012 में लंदन में आयोजित ओलंपिक खेलों की प्रतीक "ऑर्बिट टॉवर" (Orbit Tower) नामक 116 मीटर ऊंची मूर्ति भी डिजाइन की थी। उनके महत्वपूर्ण कार्यों में क्लाउड गेट (Cloud Gate), शूटिंग इन द कॉर्नर आर्ट (Shooting in the Corner Art), पैराबोलिक वाटर्स (Parabolic Waters), स्वयम्भ (Svayambh), सी कर्व (C curve) आदि शामिल हैं। उन्हें अपने कार्यों के लिए 2011 में ‘कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स और प्रीमियम इम्पीरियल’ (Commander of the Order of Arts and Letters and the Premium Imperiale), 2012 में पद्म भूषण और 2013 में कला की सेवाओं के लिए नाइटहुड knighthood की उपाधि से भी सम्मानित किया गया ।
देवी प्रसाद रॉय चौधरी:
देवी प्रसाद रॉय चौधरी एक भारतीय मूर्तिकार, चित्रकार और शिक्षक थे। उन्हें अपनी स्मारकीय कांस्य मूर्तियों, विशेष रूप से ‘श्रम की विजय’ (Triumph of Labour) और ‘शहीद स्मारक’ (Martyrs' Memorial) के लिए जाना जाता है। वे भारतीय आधुनिक कला के प्रमुख कलाकारों में से एक हैं। उन्होंने सामाजिक यथार्थवाद को अपनी कला शैली का आधार बनाया। देश की राजधानी दिल्ली में देवी प्रसाद रॉय चौधरी द्वारा निर्मित ग्यारह मूर्तियां स्थापित हैं। उनकी कृतियाँ ‘सरकारी संग्रहालय, चेन्नई’, ‘राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी, नई दिल्ली’, ‘जगनमोहन पैलेस के श्रीचित्रालयम, सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद’ और ‘त्रावणकोर आर्ट गैलरी, केरल’ में भी मौजूद हैं। 1958 में, भारत सरकार ने उन्हें तीसरे सर्वोच्च भारतीय नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया। उन्हें 1962 में ‘ललित कला अकादमी फ़ेलोशिप’ भी मिली और छह साल बाद, रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता ने 1968 में उन्हें डी.लिट (D.Litt.) की उपाधि से भी सम्मानित किया।
सुबोध गुप्ता:
सुबोध गुप्ता के कार्यों को मोनाई डी पेरिस, फ्रांस (Monnaie de Paris, France - 2018), वारविक आर्ट्स सेंटर, कोवेंट्री, इंग्लैंड (Warwick Arts Centre, Coventry, UK), आर्ट बेसल, स्विट्जरलैंड (Art Basel, Switzerland -2017), एशियाई कला का स्मिथसोनियन संग्रहालय, यूएसए (The Smithsonian Museum of Asian Art, USA - 2017), विक्टोरिया की राष्ट्रीय गैलरी, ऑस्ट्रेलिया (National Gallery of Victoria, Australia - 2016), संग्रहालय फर मॉडर्न कुन्स्ट, जर्मनी (Museum fur Moderne Kunst - 2014), कुन्स्टम्यूजियम थन, स्विट्जरलैंड (Kunstmuseum Thun, Switzerland - 2013), किरण नादर संग्रहालय, भारत (Kiran Nadar Museum, India - 2012), सारा हिल्डेन कला संग्रहालय, टेम्पेरे, फिनलैंड (Sara Hildén Art Museum, Tampere, Finland - 2011) में दर्शाया गया है। गुप्ता को फ्रांस सरकार द्वारा 2013 में ‘शेवेलियर डान्स एल'ऑर्ड्रे डेस आर्ट्स एट डेस लेट्रेस’ (Chevalier dans L'Ordre des Arts et des Lettres) अर्थात (नाइट ऑफ द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स) (Knight of the Order of Arts and Letters) की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
रामकिंकर बैज:
रामकिंकर बैज एक भारतीय मूर्तिकार और चित्रकार थे, जो आधुनिक भारतीय मूर्तिकला के अग्रदूतों में से एक और प्रासंगिक आधुनिकतावाद के प्रमुख व्यक्ति थे। रामकिंकर बैज की यादगार मूर्तियां सार्वजनिक कला में मील का पत्थर शामिल हैं। भारतीय कला में सबसे पहले आधुनिकतावादियों में से एक रामकिंकर ने यूरोपीय आधुनिक दृश्य भाषा की शैली को आत्मसात किया, लेकिन इसके बावजूद वह अपने ही भारतीय मूल्यों से गहरे रूप से जुड़े रहे । रामकिंकर बैज के मुख्य कार्यों में लेडी विद डॉग (Lady with Dog), सुजाता, संथाल परिवार (Santhal Family), मिल कॉल (Mill Call), यक्ष-यक्षि (Yaksha-Yakshi) आदि शामिल हैं।
संदर्भ:
https://tinyurl.com/ymkjkaxk
https://tinyurl.com/2s45ah2x
https://tinyurl.com/yc4byf8p
https://tinyurl.com/4c3cd4nm
https://tinyurl.com/drk7vuke
https://tinyurl.com/5hea5xye
https://tinyurl.com/ydjz4xfe
https://tinyurl.com/utfzcc5t
चित्र संदर्भ
1. "श्रम की विजय मूर्तिकला" और उसके निर्माता देवी प्रसाद रॉय चौधरी जी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia, youtube)
2. ऑगस्टे रोडिन को दर्शाता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
3. हेनरी स्पेंसर मूर की मूर्तिकला को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
4. अनीश कपूर के शूटिंग "इन द कॉर्नर आर्ट" को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
5. शहीद स्मारक को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
6. सुबोध गुप्ता की "Very Hungry God"आर्ट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. रामकिंकर बैज की संथाल परिवार मूर्तिकला को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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