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हाल ही में, 5 जून को पर्यावरण दिवस के अवसर पर हमारे शहर रामपुर में हर तरफ हरियाली छा गई थी। इस अवसर पर पूरे जिले में 10 हजार से भी अधिक पौधों का रोपण किया गया। इनमें मुख्यतः सैजन और अर्जुन के पौधे शामिल हैं। पर्यावरण दिवस पर जिले के सभी सामाजिक, राजनैतिक और शैक्षणिक संस्थानों ने पूरे मनोयोग के साथ, अपने वातावरण को स्वच्छ करने और रखने के लिए संकल्प भी लिया है तथा एक दूसरे को पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया है। इस बार जिले में 25 लाख के करीब वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों ने ही 3000 से अधिक पौधों का रोपण किया है। जबकि, निजी संस्थाओं और संगठनों ने मिलकर 7000 के करीब वृक्षारोपण किया है। सैजन और अर्जुन के अलावा अमरूद, अकेशिया और जामुन के पौध भी लगाए गए हैं। अकेले रामपुर शहर में विभिन्न संगठनों ने 500 से अधिक पौधें लगाए है। खास बात यह है कि वृक्षारोपण में सबसे अधिक भूमिका वन विभाग की रही है। विभाग द्वारा अन्य विभागों के साथ मिलकर यह कार्यक्रम कराया गया है। इस दौरान, अधिकारियों ने अधिक से अधिक पौधे लगाने का संकल्प भी लिया। साथ ही, सामाजिक संगठनों ने भी पौधे लगाकर हरियाली बिखेरने का संदेश दिया है। इस विशेष दिवस पर दिन भर वृक्षारोपण करके रामपुर को हरा-भरा बनाया गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO) हरित स्थानों को “स्वस्थ और रहने योग्य टिकाऊ वातावरण प्रदान करने के लिए एक आवश्यक संसाधन” के रूप में परिभाषित करता है। संगठन का अनुमान है कि आदर्श रूप से, हमें हरित स्थान के 500 रैखिक मीटर के भीतर ही रहना चाहिए। हरे-भरे स्थान, जैसे कि बाग़, उद्यान और पेड़ एक स्वस्थ और धारणीय शहर के आवश्यक घटक हैं। शहरी या उपनगरीय हरित स्थानों में आमतौर पर पेड़, पौधे या झाड़ियाँ सम्मिलित होती हैं; और उनका मनोरंजन के लिए उपयोग किया जाता हैं। हालांकि कभी-कभी, उनके पर्यावरणीय महत्व के कारण वे संरक्षित क्षेत्र होते हैं।
कुछ अध्ययनों के अनुसार, हरे–भरे शहरी वातावरण का लोगों की शारीरिक गतिविधि पर प्रभाव पड़ सकता है। बाग़, उद्यान और अन्य शहरी हरित स्थान, लोगों को अपने घरों से बाहर लाकर, शारीरिक गतिविधि में शामिल होने के लिए एक सुरक्षित और सुलभ स्थान प्रदान करते हैं। एक अनुमान के अनुसार, जिन व्यक्तियों के पास प्रकृति में लंबी पैदल यात्रा करने के लिए बाग़ और उद्यान जैसे हरे स्थानों तक आसान पहुंच है, उनके चलने और अन्य प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की अधिक संभावना होती है। बाहर अधिक समय बिताने से संज्ञानात्मक क्षमताओं, एकाग्रता और तनाव के स्तर में भी सुधार होता है। इसके अलावा, बाहर समय बिताने के बाद लोग उच्च स्तर का आनंद और खुशहाली व्यक्त करते हैं। उनमें अवसाद और चिंता के विकार की संभावना कम होती है। हरे-भरे स्थान समुदाय के भीतर सामाजिक संपर्क बढ़ाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच के रुप में भी कार्य करते हैं।
किसी शहर के भीतर उद्यान और अन्य हरित क्षेत्र उस विशिष्ट स्थान के साथ लगाव की भावना को भी बढ़ाते हैं, जिससे शहरी क्षेत्रों में चरित्र और पहचान जुड़ती है। मनोरंजन और विश्राम के अवसर प्रदान करने के अलावा, हरित स्थान व्यस्त सड़कों और आवासीय क्षेत्रों के बीच एक प्रतिरोधक के रूप में भी भूमिका अदा करते हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण कम होता है। इससे शहरी क्षेत्रों के वातावरण में सुधार होता है, जिससे वे अधिक सुखद और शांतिपूर्ण बन जाते हैं। हरित स्थान वातावरण से प्रदूषकों को हटाने और कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (Nitrogen dioxide) और अन्य हानिकारक पदार्थों को अवशोषित करके, वायु की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करते हैं। इससे श्वसन रोगों की घटनाओं में कमी आती है और शहरी निवासियों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार होता है। ऐसे स्थान विभिन्न पौधों और जानवरों की प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करके जैव विविधता को भी बढ़ाते हैं।
सिंगापुर इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे शहर की योजना में हरित स्थान एक अधिक रहने योग्य, टिकाऊ और आर्थिक रूप से मजबूत शहर में योगदान दे सकता है जो जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। सिंगापुर (Singapore) में मौजूद हरे-भरे या हरित स्थानों ने वहां के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। ऐसे हरित स्थान मनोरंजन, विश्राम और सामाजिक संपर्क के अवसर प्रदान करते हैं और पर्यावरणीय स्थिरता तथा जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। शहरी हरित स्थान एक रहने योग्य, टिकाऊ और आर्थिक रूप से मजबूत शहर में योगदान दे सकते हैं, जो जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।
जापान (Japan) देश के वनस्पति शास्त्री और पादप पारिस्थितिकी विशेषज्ञ अकीरा मियावाकी (Akira Miyawaki) ने शहरों में लघु वन बनाने की एक विधि विकसित की है। यह विधि पारंपरिक वनों की तुलना में 30% तेजी से बढ़ती है और 100% अधिक जैव विविधता को बढ़ावा देती है। मियावाकी तकनीक में एक घने और बहुस्तरीय जंगल का निर्माण करने के लिए कम जगह में एक साथ कई देशी वृक्ष प्रजातियों का रोपण किया जाता है जो एक सुस्थित जंगल की जैव विविधता जैसा दिखाई देता है। यह विधि खराब भूमि को पुनर्स्थापित करने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जानवरों को आवास प्रदान करने में बहुत उपयोगी साबित होती है। पुनर्वनीकरण की एक टिकाऊ पद्धति के रूप में, मियावाकी पद्धति को दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
इसी संदर्भ में एक अन्य सिद्धांत हरित इमारतों (Green buildings) का है। कई केंद्रीय और महत्वपूर्ण विचारों के साथ इन इमारतों की योजना, डिजाइन (Design), निर्माण और संचालन के तहत, इमारतों में ऊर्जा, पानी और विभिन्न सामग्री के उपयोग तथा भीतरी पर्यावरण की गुणवत्ता और इमारत के निर्माण स्थल पर इसके प्रभाव के बारे में सोचा जाता है। इस सिद्धांत का उद्देश्य, ऐसी इमारतों का निर्माण करना है, जिनका ऊपर उल्लेखित प्रत्येक चरण में पर्यावरण पर शून्य नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हरित भवन परियोजनाएं ऊर्जा दक्षता में सुधार, पानी की खपत को कम करने और अपशिष्ट को कम करके इमारतों के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद कर सकती हैं। इससे जलवायु परिवर्तन को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने में भी मदद मिलती है।
दरअसल, हमारे आवासीय क्षेत्रों में हरित स्थानों की कमी के कारण, विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 43,000 मृत्यु होती हैं। अतः हरे-भरे स्थानों को “शहर के फेफड़े” के रूप में दिया गया नाम, सच महसूस होता है।
हरित स्थान सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें कई लाभ प्रदान करते हैं। ये स्थान बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, एक स्वस्थ और अधिक धारणीय वातावरण, सामाजिक संपर्क और सामुदायिक निर्माण एवं आर्थिक विकास में योगदान देते हैं। हरित स्थानों के निर्माण और रखरखाव को प्राथमिकता देकर, हम सभी के लिए अधिक रहने योग्य और न्यायसंगत समुदाय और वातावरण बना सकते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2kahdr2b
https://tinyurl.com/5n72zxay
https://tinyurl.com/2p86pfvh
चित्र संदर्भ
1. कोठी खास बाग़ रामपुर को दर्शाता चित्रण (prarang)
2. रामपुर में एक घने जंगल को दर्शाता चित्रण (prarang)
3. रामपुर में सरसों के खेतों को दर्शाता चित्रण (prarang)
4. पौंधे लगाते भारतियों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. एक हरित ईमारत को दर्शाता चित्रण (Pxfuel)
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