रामपुर का चिन्ह

रामपुर

 11-02-2018 09:19 AM
मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

वर्तमान का भारत और इसके 1947 के बाद अपने इस स्वरूप में आये अन्यथा यह कई विभिन्न रजवाड़ों में विभाजित था। सभी रजवाड़ों की अपनी एक भूमि निर्धारित होती थी तथा उनका अपना एक चिन्ह होता था। प्रत्येक रजवाड़ों का अपना एक विशिष्ट ध्वज व चिन्ह होता था जिनका अपना एक महत्व व अर्थ होता था। रामपुर राज्य का भी अपना एक विशिष्ट चिन्ह था जिसे चित्र में दिखाया गया है। यदि राज चिन्हों के इतिहास के बारे में देखा जाये तो निम्नलिखित तथ्य सामने आते हैं- भारत में प्रतीक चिन्हों का इतिहास महाजनपद काल तक जाता था जहाँ पर मुख्य रूप से पञ्च प्रकार के प्रतीक चिन्ह पाए जाते थे जिनको हम आहत सिक्कों पर भी देखते हैं, कुम्रहार में मिले अशोक के स्तम्भ में हम इनके आधार चिन्हों का अंकन देख सकते है, विभिन्न राजाओं व चक्रवर्तियों का अपना एक चिन्ह होता था, महाभारत में अर्जुन के रथ के ऊपर के ध्वज पर हनुमान का चिन्ह अंकित था, मध्यकाल में विभिन्न रजवाड़ों के भी ध्वज पर कई चिन्ह दिखाई देते हैं जैसे रामपुर, बड़ौदा, हैदराबाद आदि| महाजनपद काल से ले कर, मुग़ल दरबार तक, राजपूतों का राज हो या छोटे बड़े साम्राज्यों का, ब्रिटिश शासनकाल हो या स्वतंत्रता संग्राम पूरे भारतवर्ष में हमें अलग अलग काल में इस्तेमाल किये चिन्हों एवं उनकी महत्ता के प्रमाण मिलते है। चिन्हों एवं ध्वजों के प्रमाण हमे मूर्तिकला, चित्रकला,किलों के दिवार, राजाओं के महल इत्यादि से प्राप्त होते हैं। उत्तर प्रदेश में अवध, आगरा, वाराणसी, समथर, रामपुर इत्यादि के अलग-अलग ध्वज थे - यह उनके शासन एवं उनकी राज्य को दर्शाता था, यह उनकी ‘पहचान’ एवं उनकी ‘विचारधारा’ का प्रतीक था। चिन्हों का प्रतीक और उनकी महत्ता हम आज भी देख सकते हैं। अंगेजी में इसे हेराल्ड्री बोलते है जिसका मतलब होता है कमान/सेना/शासन। 1. https://www.royalark.net/ 2.http://www.hubert-herald.nl/BhaUttarPradesh.htm#Ramp 3. http://www.flagheritagefoundation.org/pdfs/emblems-of-the-indian-states.pdf



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id