रामपुर में मधुमक्खी पालन

रामपुर

 10-02-2018 08:44 AM
तितलियाँ व कीड़े

मधुमक्खियों की भिनभिनाहट सभी के मन में सिरहन पैदा करने लगती है परन्तु इनके द्वारा उत्पादित शहद सेहत से लेकर स्वाद के लिये जाना जाता है। रामपुर के रज़ा पुस्तकालय के इमारत पर भी मधुमक्खी के बड़े छत्ते दिखाई पड़ते हैं। यहाँ पर ज्यादा संख्या में मधुमक्खी के पाये जाने का प्रमुख कारण है रामपुर में पाया जाने वाली पुष्पों व वनस्पतियों की अधिकता। शहद हमेशा से ही मानव जीवन में अपनी एक खास जगह बनाये हुए है। आज के जगत में ही नहीं अपितु प्राचीनकाल में भी मधुमक्खियों की समाज में खास जगह थी। विश्व के तमाम सभ्यताओं में मधुमक्खियों को देवी-देवता का दर्जा प्राप्त था- ब्युबिलस (लिथवेनियन मधुमक्खी देवता), एरिस्टेयस (प्राचीन मधुमक्खी ग्रीक देवता), भ्रमरी (हिंदू मधुमक्खी देवी), ऑस्टेया (लिथवेनियन मधुमक्खी देवता), आह्-मुजेन-काब (माया मधुमक्खी देवता), कोलेल काब (माया मधुमक्खी देवता), मेलिसा (प्राचीन मधुमक्खी ग्रीक/मिनोयन देवी), मेल्लोना (रोमन देवी) आदि हैं। मधुमक्खियाँ पृथ्वी पर मानवों के आने के 65 मिलियन साल पहले ही आ गयी थीं। मधुमक्खियों की अब तक की ज्ञात करीब 7 जातियाँ हैं तथा 44 उपजातियाँ हैं। ये कीट वर्ग के प्राणीयों में आती हैं। उड़ने वाली मक्खियों की अब तक 20,000 नस्लें हमें ज्ञात हैं। मधुमक्खियाँ (शहद देने वाली) पर्यावरण में एक सन्तुलन बनाने का कार्य करती हैं। मधुमक्खियों के शरीर में मुख्यरूप से दो भाग पाए जाते हैं; एक अग्र भाग और दूसरा हड्डा। मधुमक्खियों की इसी प्रकार की बनावट के वजह से वो बेहतर तरीके से अपने शरीर को मोड़ सकती हैं। शरीर दो भागों में बँटे होने के कारण ये अपने अंडों को छत्ते में निर्मित कोशिकाओं में रखने में समर्थ हो पाती हैं (चित्र देखें)। मधुमक्खियों का पर-परागण में एक अहम किरदार होता है। भारत में मुख्य रूप से 4 प्रजातियों की मधुमक्खियाँ पायी जाती हैं- 1. खैरा (एपिस सेराना इंडिका) 2. सारंग (एपिस डोर्साटा) 3. पोतिंगा (एपिस फ्लोरिया) 4. भुनगा (एपिस मेलीपोना) उपरोक्त दिये सभी मधुमक्खियों में रामपुर में सारंग मधुमक्खी सबसे ज्यादा संख्या में पायी जाती है। सारंग मधुमक्खी तराई क्षेत्र में मुख्यरूप से पायी जाती है। इसकी लम्बाई 17-20 मिली-मीटर की होती है तथा रुख से ये अत्यन्त आक्रामक व गुस्सैल किस्म की मानी जाती है। इन मधुमक्खियों को मुख्यरूप से शहद के स्रोत के रूप में देखा जाता है। सारंग अपना छत्ता खुले क्षेत्र में बनाना पसंद करती है जैसे कि पेड़ की टहनी पर, पहाड़ के किनारों पर आदि। सारंग के प्रत्येक छत्ते से करीब 20-22 लीटर शहद निकलता है जिसकी वजह से इस मधुमक्खी को एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है। मधुमक्खियों के छत्ते से मोम भी बनाया जाता है तथा यही कारण है कि प्राचीनकाल से ही हम मोम का प्रयोग विभिन्न संस्कृतियों में देखते आ रहे हैं। आज के युग में मधुमक्खी पालन एक सुखद व्यापार हो चुका है, जिसमें सरकार द्वारा भी मदद की जाती है। मधुमक्खी पालन का उद्दम रामपुर में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने का कुवत रखती है 1. बीज़ ऑफ़ दि वर्ल्ड: क्रिस्टोफ़र ओटूल एंड अन्थोनी रॉ



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id