यह बात हम सभी जानते हैं की आने वाले समय में भारत की कामकाजी जनसंख्या 60 प्रतिशत से ज्यादा होगी, जिस कारण आज हम सब को स्वास्थ्य एवं आने वाली पीढ़ियों के संसाधन की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना बहोत ज़रूरी हो गया है| स्वास्थ्य ना ही आज के दौर में बल्कि प्राचीन काल से ही हमारे धर्मग्रन्थ एवं पुस्तको में सर्वोत्तम चरण पर रहा है| इस बात के हम सब गवाह है की, समय के साथ साथ हमारे जीवनशैली का स्तर तो बढ़ा परन्तु उसके साथ बिमारियाँ भी बढ़ी हैं| जनगणना विवरण के अनुसार पुरे रामपुर में प्रति लाख आबादी पर केवल 2 अंग्रेजी अस्पताल तथा 44 चारापाई मौजूद हैं और आयुर्वेदिक अस्पताल केवल एक ही है| 23.36 लाख की आबादी वाले शहर में इन आंकड़ों को देख कर ऐसा व्यतीत होता है की यहाँ के स्वास्थ्य के स्तर को बढ़ाने में बरसो लग जाएँगे| कई सारी राष्ट्रीय योजनाएँ रामपुर शहर में प्रचिलित हैं लेकिन ध्यान देने वाली बात तो यह है की क्या लोग उनका फायदा ले पा रहै हैं? यहाँ के लोगों को घरेलू उपजार के लिए औषधि पौधों की खेती की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है| इससे स्वास्थ्य के साथ साथ व्यवसाय और रोजगार भी बढेगा| बड़ी बड़ी कड़ियाँ छोटे छोटे प्रयासों से ही सुलझती है| इसलिए अगर स्वास्थ्य के स्तर को बढ़ाना है तो घरुले उपचार, आस पास के इलाकों को साफ़ रखना तथा एक दुसरे को स्वच्छता के लिए प्रोत्साहन देना यह एक मौलिक जरुरत है|