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रामपुर शहर में प्रवेश करने पर, आपका ध्यान आकर्षित करने वाली कुछ शानदार इमारतों में सफदरगंज चौक में स्थित जामा मस्जिद का नाम शायद शीर्ष स्थान पर ही होगा। रामपुर की इस जामा मस्जिद के निर्माण के विषय में मस्जिद के प्रवेश द्वार पर एक पत्थर पर उर्दू भाषा में एक पंक्ति– ‘फैज द्वारा निर्मित यह मस्जिद एक नए कबाह (काबा) की तरह है’ द्वारा बताया गया है। इस मस्जिद का निर्माण रामपुर राज्य के पहले शासक नवाब फैजुल्लाह खान द्वारा सन 1766 में किया गया था, जिन्हें रामपुर शहर का संस्थापक भी माना जाता है। बाद में, एक सौ आठ वर्ष, यानी लगभग पूरी एक सदी से भी अधिक समय के बाद, नवाब कल्ब अली खान ने इस मस्जिद के बगल में एक और अधिक भव्य मस्जिद का निर्माण कराया था। इसका अंतिम समापन कार्य और उद्घाटन सन 1874 में किया गया। रामपुर की इस जामा मस्जिद में तीन बड़े गुंबद और सोने से बने शिखर के साथ चार ऊंची मीनारें है; जो स्पष्ट रूप से एक शाही संरचना का दावा करती हैं। तब उस काल में ही इस मस्जिद के निर्माण में पूरे 3 लाख रुपयों का खर्चा हुआ था।
नवाब कल्ब अली खान बहादुर (1832 – 1887), सन 1865 से 1887 तक रामपुर रियासत के नवाब थे। इनका जामा मस्जिद के निर्माण तथा क्षेत्र में शिक्षा, सिंचाई, वास्तुकला, साहित्य और कला के प्रसार में बड़ा योगदान हैं। कल्ब अली खान एक प्रतिभाशाली शासक थे। वे अरबी और फ़ारसी में उच्चता से साक्षर थे।
मस्जिद के मुख्य बुलंद प्रवेश द्वार पर एक अंतर्निर्मित घंटाघर (Clock Tower) है। इस घड़ी की खासियत यह है कि यह ब्रिटेन (Britain) से आयातित थी; शायद यह औपनिवेशिक काल की सूचक हैं। यह घड़ी दरवाजे के दोनों तरफ से दिखती है। कहा जाता है कि नमाज अदा करने हेतु समय का पता करने के लिए इस घड़ी को लगाया गया था। किंतु अंग्रेज़ी घड़ी के प्रचलन से पहले भी भारत की अनेक मस्जिदों में समयानुसार सभी नमाज़ अदा करते थे। समय देखने के लिए एक सौर घड़ी का प्रयोग किया जाता था। भारत में दिल्ली की जामा मस्जिद और फतेहपुरी मस्जिद सहित कई मस्जिदों में सौर घडि़यां लगायी गयी हैं। मस्जिद में एक तरफ एक बड़ा वजू खाना भी है। उर्दू भाषा में वजू करने से मतलब हमारे शरीर को पानी से अच्छी तरह से साफ करना होता है और जिस स्थान पर वजू किया जाता है, उसे वजूखाना कहते हैं। मस्जिद के वजूखाने में पानी से भरा एक छोटा तालाब है, जहां आकर लोग वजू करते हैं।
जामा मस्जिद के परिसर में एक इमामबाड़ा भी है, जहां शहीद इमाम हुसैन की याद में मुहर्रम के संस्कार आयोजित किए जाते हैं। इस मस्जिद का गुंबद, राजस्थान स्थित अजमेर शरीफ दरगाह के गुंबद जैसा लगता है। मस्जिद के प्रवेश द्वार पर सुंदर नक्काशी की गई है। यह मस्जिद अपने आप में एक अजूबा है और खूबसूरती की मिसाल है। इसकी डिजाइन को बारीकी से तराशा गया है। शायद इसी वजह से यह मस्जिद पूरे देश में प्रसिद्ध है।
हालांकि आज हम जिस मस्जिद को देखते है, वह हामिद अली खान की बदौलत है। सन 1913 में नवाब हामिद अली खान ने एक नए सिरे से इस मस्जिद का निर्माण करवाया और मस्जिद का सौंदर्यीकरण और नवीकरण किया। वर्तमान समय में इसका संचालन रामपुर के धर्मार्थ नागरिकों की चयनित समिति द्वारा किया जाता है, जिनके समर्पित पर्यवेक्षण में इसका विकास, संरक्षण और सौंदर्यीकरण नियमित रूप से जारी है।
मुस्लिम समुदाय को लंबे समय से जामा मस्जिद के अंदर और बाहर सड़कों पर नमाज अदा करते देखा जाता था। लेकिन पिछले साल सरकार के फरमान के बाद, समुदाय के नेताओं ने नमाज़ अदा करने वाले लोगों से मस्जिदों के अंदर ही नमाज अदा करने का आग्रह किया ।
इस मस्जिद के परिसर की एक और खासियत यह भी है कि यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोगों की दुकानें है। भारत अलग-अलग तरीकों से सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश करता है। ऐसा ही एक उदाहरण हमारे रामपुर शहर में है, जहां जामा मस्जिद में हिंदुओं और मुसलमानों की गहनों को बेचने की कई दुकानें साथ-साथ हैं। मस्जिद की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यापारियों को ये दुकानें किराए पर दी गईं थी। आज हिंदू और मुसलमान दोनों धर्म के लोग इन दुकानों के मालिक हैं और ग्राहक भी दोनों समुदायों के लोग हैं।
साथ ही, इस जामा मस्जिद से बस 200 ही मीटर की दूरी पर रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी स्थित है। यह लाइब्रेरी इंडो इस्लामिक शिक्षा और कला का एक खजाना है, जिसे तत्कालीन रामपुर राज्य द्वारा स्थापित किया गया था। पुस्तकालय की स्थापना 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह खान ने की थी, जिन्होंने 1794 तक राज्य पर शासन किया और अपने विरासत संग्रह के माध्यम से पुस्तकालय के केंद्र का गठन किया। नवाब कल्ब अली खान बहादुर ने इस पुस्तकालय के संग्रहालय को तीन गुना कर दिया।
संदर्भ
https://bit.ly/41g9Cdh
https://bit.ly/3UF4Rrn
https://bit.ly/3UJDQ6b
https://bit.ly/3L5TQfq
https://bit.ly/3KLqSQP
https://bit.ly/41B60ST
https://bit.ly/3N4FDRg
https://bit.ly/41IpOUu
https://bit.ly/3mQRAPZ
https://bit.ly/3mHxV59
https://bit.ly/41ltxI5
चित्र संदर्भ
1. रामपुर की जामा मस्जिद, को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
2. नवाब कल्ब अली खान बहादुर को दर्शाता एक चित्रण (GetArchive)
3. रामपुर की जामा मस्जिद के प्रांगण को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
4. नजदीक से रामपुर की जामा मस्जिद के गुंबद को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
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