‘वेलेंटाइन्स डे’ (Valentine’s Day) या वेलेंटाइन्स दिवस एक ऐसा मौका है, जब प्रेमी विभिन्न उपहारों और अन्य तरीकों से अपने प्यार का इजहार करते हैं। लेकिन प्रश्न यह है कि हम प्यार करते ही क्यों हैं? यदि सकारात्मक रूप से देखा जाए, तो यह हमारे लिए आशीर्वाद है, और यदि इसके विपरीत नकारात्मक रूप से देखा जाए, तो यह हमारे लिए अभिशाप है। जैसा कि आपने सुना ही होगा कि प्रेम में बुद्धिमान लोग भी मूर्खों की तरह व्यवहार करने लगते हैं तथा कई बार यह हमारे लिए दर्द और शोक का कारण भी बनता है। प्रेम में दिल और परिवार टूटते हैं, और कभी-कभी यह व्यक्ति को पागल भी बना देता है। लेकिन फिर भी हममें प्रेम की भावना होती है, तथा हम एक-दूसरे के साथ सुंदर रिश्तों में बंधते हैं। यह बताता है कि मानव में प्यार की क्षमता समय के साथ विकसित हुई, तथा एक-दूसरे की देखभाल करने की हमारी प्रकृति ‘प्राकृतिक चयन’ (Natural Selection) के नियम, जिसके बारे में हमने अपने पिछले पोस्ट में पढ़ा था, के अनुकूल ही थी।
जीवाश्म हमें बताते हैं कि मनुष्य में प्रेम की भावना करोड़ों साल पहले विकसित हुई, जिसकी मदद से हमारे स्तनधारी पूर्वजों को डायनासोर (Dinosaurs) युग में जीवित रहने में मदद मिली। मनुष्य का जीवन जटिल भावनाओं से भरा हुआ है। रोमानी प्रेम (Romantic love), जो पुरुषों और महिलाओं के बीच एक दीर्घकालिक बंधन या रिश्ते के रूप में दिखाई देता है, स्तनधारियों के बीच असामान्य होता है। प्रेम का एक रूप, जो मनुष्य और अन्य सभी स्तनधारियों में समान है, वह है माँ और उसकी संतान के बीच का प्रेम। यह वह प्रेम है जो लगभग सभी स्तनधारियों में समान होता है। इस प्रेम को ही वास्तव में बंधन का मूल या पैतृक रूप कहा जा सकता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो इसी प्रेम से अन्य सभी प्रेम विकसित हुए हैं। माता और उसकी संतान के बीच जो सम्बंध देखने को मिलता है, उसके साक्ष्य लगभग 200 मिलियन वर्ष पूर्व, ‘ट्राइएसिक’ (Triassic) और ‘प्रारंभिक जुरासिक’ (Jurassic) काल में दिखाई देते हैं। एरिज़ोना (Arizona) का एक जुरासिक प्रोटो-स्तनपायी ‘केयेंटैथीरियम’ (Kayentatherium), का जीवाश्म एक ऐसी मां को दर्शाता है , जो अपने 38 छोटे बच्चों की रक्षा करते हुए मर गई थी। इससे यह कहा जा सकता है कि माँ और संतान दोनों के बीच का प्रेम अत्यंत प्राचीन काल में ही विकसित हो गया था । इसके विपरीत छिपकली जैसे जानवरों में, पैतृक भावना वास्तव में वैसी नहीं होती, जैसे कि अन्य जानवरों में। उदाहरण के लिए मादा ‘कोमोडो ड्रैगन’ (Komodo dragon) अंडे देने के बाद उन्हें ऐसे ही छोड़ देती है। जब उसकी संतानें अंडों से बाहर निकलती है तो वह उन्हें खाने की कोशिश करती है। अंतिम ‘ट्राइएसिक’ युग की वेल्श (Welsh) चट्टानों में अधिक उन्नत पैतृक देखभाल के प्रमाण देखने को मिलते हैं। यहाँ, प्रोटो-स्तनपायी ‘मॉर्गैनुकोडोन’ (Morganucodon) में स्तनपायी-शैली का दंत प्रतिस्थापन देखने को मिलता है। ‘मॉर्गैनुकोडोन’ जब एक नवजात के रूप में था, तब उसके दांत नहीं थे। लेकिन बाद में उसमें दूध दांत विकसित हुए, जो उसके वयस्क होने पर वयस्क दांतों द्वारा प्रतिस्थापित कर दिए गए। इस प्रतिस्थापन का पैटर्न दुग्ध शर्करा के उत्पादन के साथ जुड़ा हुआ है। दूध पीने वाले शिशुओं को दांतों की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए ‘मॉर्गैनुकोडोन’ माताओं ने अपनी संतानों को दूध उपलब्ध कराया तथा उन्हें अधिक देखभाल प्रदान की। इस प्रकार भोजन के लिए पूरी तरह से मां पर निर्भर बच्चों ने एक मजबूत भावनात्मक लगाव भी विकसित किया होगा। यह स्तनपायी इतिहास में प्रेम के विकास का एक ऐसा बिंदु रहा होगा जब ये स्तनधारी रक्षा करने और सुरक्षा की तलाश करने, शारीरिक गर्मजोशी का आदान-प्रदान करने, एक-दूसरे के साथ खेलने, सिखाने और सीखने के लिए तेजी से बंधन में बंधने लगे होंगे । इस प्रकार स्तनधारियों ने संबंध बनाने की क्षमता विकसित की। स्तनधारियों में इस क्षमता का विकास होने के बाद, इस अनुकूलन का उपयोग अन्य जानवरों के संदर्भों में किया गया होगा।
स्तनधारियों के बीच रोमानी प्रेम एक हालिया विकासवादी विकास है, जो बच्चों की देखभाल में महिलाओं की मदद करने वाले पुरुषों से जुड़ा है। अधिकांश स्तनधारियों में, नर अपनी संतानों में केवल जीन्स (Genes) के संचरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। दूसरे शब्दों में, वे अपनी संतानों की देखभाल के लिए कुछ और नहीं करते। चिंपैंजियों (Chimpanzees) में, पैतृक देखभाल सबसे कम देखने को मिलती है। वहीं कुछ प्रजातियों, जिनमें ऊदबिलाव (Beaver), भेड़िये, चमगादड़, वोल्स (Voles) और पहले आधुनिक मानव ‘होमो सेपियन्स’ (Homo sapiens) शामिल हैं, में मादा और नर दीर्घकालिक बंधन बनाते हैं, ताकि वे अपने बच्चों को सहयोगपूर्वक पाल सकें। इस तरह का बंधन सम्भवतः 6 मिलियन से 7 मिलियन वर्ष पहले विकसित हुआ होगा। पशुओं में पैतृक देखभाल की भावना तो देखने को मिलती है, किंतु क्या वे रोमानी प्रेम का अनुभव कर सकते हैं? यूं तो इस बात का जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है, किंतु ऐसे कुछ सबूत हैं जो यह बताते हैं कि जानवर उस तरह की भावनाओं का अनुभव करने में सक्षम हैं, जिस तरह की भावनाएं मनुष्यों में होती हैं। कई स्तनधारियों का मस्तिष्क आश्चर्यजनक रूप से मानव मस्तिष्क के समान होता है। यदि जानवरों की मस्तिष्क की संरचना मानव के समान है, तो यह संभावना हो सकती है कि वह भी रोमानी प्रेम का अनुभव करने में सक्षम हों। हालांकि, हम यह भली भांति जानते हैं कि पशुओं का उनके देखभालकर्ता के साथ गहरा लगाव होता है। लगाव,प्रेम का ही एक रूप है, तथा जानवर वास्तव में अपनी देखभाल करने वालों से प्रेम करता है।
कुत्तों को अपने स्वामी से इतना गहरा प्रेम होता है कि वे कई वर्षों तक उनकी मृत्यु का शोक मनाते हैं। पशु, एक-दूसरे के प्रति भी लगाव महसूस करने में सक्षम होते हैं। कभी-कभी उन्हें ऐसी प्रजातियों के सदस्यों के साथ भी लगाव महसूस होता है, जो उनकी प्रजाति से सम्बंधित नहीं है। इसके साथ ही आसक्ति प्रेम स्तनधारियों तक ही सीमित नहीं है। जीवविज्ञानी बर्ड हेनरिक (Bernd Heinrich) अपनी पुस्तक ‘माइंड ऑफ द रेवेन’ (Mind of the Raven) में इस बात को बताते हुए लिखते हैं कि चूंकि रैवेन अपने साथी के साथ जीवन भर रहते हैं जो यह सिद्ध करता है कि उनमें लगाव की एक ऐसी भावना होती है जो उनको एक साथ रहने पर मजबूर करती है।
पैतृक देखभाल ने बड़े पैमाने पर सामाजिकता और सहयोग के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। देखभाल हमें सहयोग करने में मदद करती है, और सहयोग हमें प्रतिस्पर्धा करने में मदद करता है। मनुष्य स्वार्थी और विनाशकारी हो सकता है, लेकिन वह इस ग्रह पर केवल इसलिए अपना प्रभुत्व बनाए हुए है, क्योंकि उसमें एक दूसरे (जीवन साथी, बच्चों, परिवारों, दोस्तों) की देखभाल करने की एक अद्वितीय क्षमता है। साथ ही धरती पर अन्य जीव भी इसलिए अस्तित्व में बने हुए हैं, क्योंकि उनमें पैतृक देखभाल की भावना मौजूद है, जो उन्हें सुरक्षित रखती है।
वैलेंटाइन्स दिवस मुबारक हो!
संदर्भ:
https://bit.ly/3XkPWlG
https://bit.ly/3jK4vSa
https://bit.ly/3x8GeZa
चित्र संदर्भ
1. चिंपाजी प्रेमी युगल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. डायनासोर को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
3. अंडा देने वाले प्लैटिपस (Platypus) को दर्शाता एक चित्रण (rawpixel)
4. जानवर परिवार को दर्शाता करता एक चित्रण (TODAY)
5. चिम्पाजी परिवार को दर्शाता करता एक चित्रण (wikimedia)
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