जलीय पर्यटन के लाभ और हानि सहित दोनों पहलुओं को समझना जरूरी है

रामपुर

 18-01-2023 11:27 AM
नदियाँ

भारतीय संस्कृति और नदियों के बीच प्राचीन काल से ही गहरा आध्यात्मिक और भावनात्मक संबंध रहा है। वहीं 21वीं सदी में देश की नदियां, सिंचाई, मछलीपालन और पर्यटन के माध्यम से वाणिज्यिक तौर पर भी हमारे लिए बेहद अहम् साबित हो गई हैं, जिनके ऊपर आज देश के लाखों परिवारों की रोजी रोटी निर्भर करती है।
आज जल आधारित पर्यटन विशेष रूप से लोकप्रिय हो रहा है। नदी पर्यटन, नदियों के पास के वातावरण की गुणवत्ता में सुधार और नौकरी के अवसरों में वृद्धि जैसे कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। पर्यटन गतिविधियों के विकास से समुदायों के कई वस्तुनिष्ठ और व्यक्तिपरक संकेतकों, व्यापक आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विशेषताओं में बड़ा परिवर्तन हो सकता है। नौकायान या अधिक स्पष्ट शब्दों में कहें तो रिवर क्रूज़िंग (River Cruising) अपने छोटे आकार एवं अपनी विलासिता भरी और शानदार यात्रा अनुभव जैसी अद्वितीय सेवाओं के कारण बेहद लाभदायक व्यापार के तौर पर लोकप्रिय है। ये रिवर क्रूज (River Cruise) अवकाश यात्रा का एक रूप होते हैं जो मेहमानों को अंतर्देशीय जलमार्गों पर ले जाते हैं । विशिष्ट नदी परिभ्रमण अक्सर एक सप्ताह से अधिक समय तक चलते हैं। ये रिवर क्रूज जहाज के आकार के आधार पर 100 से 250 मेहमानों को कहीं भी ले जा सकते हैं।
इसी संदर्भ में पिछले महीने कोलकाता से रवाना हुआ दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘गंगा विलास’ (Ganga Vilas) इस हफ्ते उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रामनगर बंदरगाह पर पहुंच गया। इस विलासिता पूर्ण क्रूज (Luxury Cruise) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 13 जनवरी, 2023 को हरी झंडी दिखाई गई थी। यह क्रूज वाराणसी से बांग्लादेश (ढाका) के लिए रवाना होगा, जिसके बाद यह भारत में फिर से प्रवेश करेगा और फिर असम के डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) में अपनी यात्रा समाप्त करेगा। यह क्रूज दुनिया के सबसे लंबे नदी जलमार्ग पर वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा, जिस दौरान यह 51 दिनों की साहसिक यात्रा करेगा और 15 दिनों तक बांग्लादेश से होकर गुजरेगा। अपनी पूरी यात्रा के दौरान ‘गंगा विलास’ क्रूज (Ganga Vilas Cruise), कुल 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। यह किसी क्रूज द्वारा अब तक तय की गई दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी।
गंगा विलास पोत 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है, जिसमें तीन पटाव (Decks) और 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 कमरे (suites) हैं, जिनमें पर्यटकों को एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने वाली सभी सुविधाएं हैं। यह दावा किया जा रहा है कि गंगा विलास क्रूज, प्रदूषण मुक्त तंत्र और शोर नियंत्रण तकनीकों से युक्त है। अपनी यात्रा के दौरान यह विश्व धरोहर स्थलों समेत 50 से ज्यादा पर्यटन स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से गुजरेगा, जिसमें रॉयल बंगाल टाइगर्स (Royal Bengal Tigers) के लिए प्रसिद्ध सुंदरवन डेल्टा और एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध ‘काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान’ भी शामिल हैं। इसके अलावा यह क्रूज भारत के 5 राज्यों और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों के साथ गंगा,भागीरथी,हुगली, ब्रह्मपुत्र और वेस्ट कोस्ट नहर (West Coast Canal) में यात्रा करेगा। हालांकि, यह आर्थिक लाभ अर्जित करने के संदर्भ में एक अच्छी पहल है, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार तटीय क्षेत्रों में पर्यटन से जुड़े कई नकारात्मक प्रभाव भी सामने आते हैं। उदारहण के तौर पर पर्यटकों की उच्च मांग को पूरा करने के लिए तटीय विकास तथा आवासों के लिए, जंगल की सफाई, और पारिस्थितिक तंत्र का विनाश हो सकता है। इसके अतिरिक्त, पर्यटकों द्वारा उत्पन्न प्रदूषण और अपशिष्ट भी पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं।
तटीय पर्यटक आकर्षणों के निर्माण के लिए मैंग्रोव वनों (Mangrove Forests) की प्रवाल भित्तियों को भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया जा सकता है।प्रवाल भित्ति अत्यधिक नाजुक और विविध पारिस्थितिक तंत्र होते हैं। प्रवाल स्वयं में एक जीवित जानवर है, और चट्टानें हजारों विभिन्न प्रकार के जानवरों के लिए घर उपलब्ध कराती हैं। इस प्रकार के विनाश से अंततः एक क्षेत्र में महत्वपूर्ण जैव विविधता की हानि होती है। इसके अलावा नदी परिभ्रमण हमारे समक्ष कई अन्य चुनौतियां जैसे कि कटाव, बाढ़, सूखा, आवाजाही प्रतिबंध, तथा पहुँच और सुविधाओं की कमी आदि समस्याएं भी उत्पन्न कर देता है। साथ ही गैर-जिम्मेदार पर्यटन, अति-पर्यटन, और यात्रियों द्वारा सावधानी की कमी के कारण जलीय पारिस्थितिकी पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जलीय पर्यावरण पर पर्यटन के प्रभाव पर विचार करना और भावी पीढ़ियों के लिए हमारे ग्रह की सुंदरता और संसाधनों को संरक्षित करने के लिए सतत विकास के लिए प्रयास करना बेहद महत्वपूर्ण है। आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि पर्यटन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए।

संदर्भ
https://bit.ly/3Xx7Z93
https://bit.ly/3Xu2ZSA
https://bit.ly/3H1GPl6

चित्र संदर्भ

1. जलीय पर्यटन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. ब्रह्मपुत्र रिवर क्रूज को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ‘गंगा विलास को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
4. गंगा विलास के पथ को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
5. वाराणसी में गंगा नदी तट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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