Post Viewership from Post Date to 26-Dec-2022 (5th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1558 925 2483

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

2004 में हिंद महासागर की भयावह सुनामी से क्या सबक सीखा जा सकता है ?

रामपुर

 20-12-2022 11:41 AM
जलवायु व ऋतु

भूकंप, वास्तव में एक इतनी विनाशकारी घटना होती है, जिसकी भयावहता का नज़ारा उसके आने के साथ नहीं, बल्कि उसके जाने के बाद दिखाई देता है। इंडोनेशिया (Indonesia) में 2004 के भूकंप के बाद आई भयानक, सुनामियों ने "तूफान से पहले की ख़ामोशी" की कहावत को सच साबित कर दिया। 26 दिसम्बर, 2004 को इंडोनेशिया के उत्तरी भाग में स्थित आचे (Aceh) के निकट रिक्टर पैमाने (Richter scale) पर 9.1 से 9.3 बीच की तीव्रता वाले भूकंप के बाद समुद्र के अंदर उठी सुनामी जिसे क्रिसमस या बॉक्सिंग डे सुनामी (Christmas or Boxing Day Tsunami) के रूप में जाना जाता है, ने इंडोनेशिया और भारत सहित कई देशों में भारी तबाही मचाई।
इंडोनेशिया के पश्चिमी तट पर स्थानीय समयानुसार 07:58:53 (यूटीसी+7) पर एक भूकंप के बाद भयानक सुनामी ने दस्तक दे दी थी। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक समुद्र के भीतर मेगाथ्रस्ट भूकंप (Megathrust Earthquake) था। इस भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के सुमात्रा के पश्चिमी तट पर था, और यह अब तक रिकॉर्ड किये गए भूकंपों में सबसे लंबी अवधि तक चला समुद्री भूकंप था। यह (8.3 मिनट) और (10 मिनट) यानी 600 सेकंड तक चला। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसने पूरी पृथ्वी को ही कंपित कर दिया। लेकिन इससे आगे के हालात और भी बुरे होने वाले थे।भूकंपीय गतिविधियों के कारण पानी के भीतर बड़े पैमाने पर सुनामी लहरों की एक 30 मीटर (100 फीट) ऊंची श्रृंखला निर्मित हो गई। इस भयावह लहर ने हिंद महासागर के आस-पास के कई समुदायों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। भूकंप के बाद आई सुनामी (Tsunami) के कारण 14 देशों में, अनुमानित 227,898 लोगों की जान चली गई, जिसके साथ ही यह घटना मानव इतिहास में दर्ज सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक बन गई।
इस सुनामी के प्रत्यक्ष परिणामों ने आचे “Aceh” (इंडोनेशिया), श्रीलंका, तमिलनाडु (भारत) और खाओ लाक “Khao Lak” (थाईलैंड) सहित आसपास के कई देशों के तटीय प्रांतों में रहने वाले लोगों के जीवन और वाणिज्य को अस्त व्यस्त कर दिया। सुनामी से पहले आया भूकंप भी, मानव इतिहास में अब तक दर्ज किया गया, तीसरा सबसे बड़ा भूकंप था, जो 21वीं सदी में सबसे बड़ा और सबसे लंबी अवधि तक चलने वाला भूकंप था। भूकंप आने के बाद समुद्र तल के ऊपर पानी के विस्थापन ने भयानक सुनामी को जन्म दिया, जिससे हिंद महासागर के तट के आसपास के देशों में विनाशकारी तबाही फ़ैल गई। उत्तरी सुमात्रा में भूकंप के लगभग 30 मिनट बाद, थाईलैंड में भूकंप के लगभग डेढ़ से दो घंटे बाद और श्रीलंका में भूकंप के लगभग दो से तीन घंटे बाद सुनामी आई। 2004 की सुनामी से सर्वाधिक प्रभावित देशों में श्रीलंका, भारत, थाईलैंड, सोमालिया, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, तंजानिया, बांग्लादेश और केन्या शामिल हैं। इंडोनेशिया (आचे और सुमात्रा) में, कम से कम 108,100 लोग मारे गए और 127,700 लोग आज भी लापता हैं, जिन्हें अब मृत मान लिया गया है। वहीं भूकंप और सुनामी के कारण 426,800 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। यदि हम आर्थिक पहलू से देखें तो 2004 की आपदा में कुल मिलाकर लगभग $10 बिलियन का आर्थिक नुकसान हुआ। सुनामी लहरों के कारण बड़ी संख्या में निजी और सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ।
दिलचस्प बात यह है कि 2004 में हिंद महासागर का भूकंप, उप-अंटार्कटिका, ऑकलैंड द्वीप समूह (Auckland Islands), न्यूजीलैंड के पश्चिम में एक निर्जन क्षेत्र और ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में मैक्वेरी द्वीप (Macquarie Island) में आए 8.1 तीव्रता वाले भूकंप के ठीक तीन दिन बाद आया था। वैज्ञानिकों के अनुसार यह एक असामान्य घटना है, क्योंकि आठ या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप प्रति वर्ष औसतन केवल एक ही बार आते हैं। हालांकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (United States Geological Survey) को इन घटनाओं के बीच कारणात्मक संबंध का कोई सबूत नहीं मिला। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, हिंद महासागर में अंतरराष्ट्रीय राहत प्रयासों को काफी प्रभावी के रूप में देखा गया। दुनिया भर के राष्ट्रों ने क्षतिग्रस्त क्षेत्रों के लिए $ 14 बिलियन से अधिक की सहायता प्रदान की। चार देशों, ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक तदर्थ सहयोगी समूह का गठन किया, और यह चतुर्भुज सुरक्षा संवाद का मूल था। यूएसएआईडी(USAID) के अनुसार, अमेरिका ने सूनामी पीड़ितों को उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए दीर्घकालिक अमेरिकी सहायता में अतिरिक्त धनराशि देने का वादा किया है।
हालांकि हिंद महासागर में निश्चित रूप से पहले भी कई बार सुनामी आई है, लेकिन आधुनिक इतिहास के दृष्टिकोण से, 2004 के हिंद महासागर भूकंप और सुनामी की कोई भी ऐतिहासिक बराबरी नहीं है। 2004 हिंद महासागर सुनामी ने दुनिया के समुद्र तटों और वहां रहने वाले समाज में निहित कमजोरियों को भी उजागर किया। समुद्री संसाधनों के दोहन या पर्यटन संबंधी गतिविधियों के कारण दुनिया के कई हिस्सों में तटीय आबादी बढ़ रही है। तट पर रहने वाले लोगों के जीवन, संपत्ति और आजीविका को बचाने के लिए पर्याप्त सुनामी शमन उपाय जैसे कि सुनामी चेतावनी प्रणाली, शिक्षा और भूमि उपयोग योजना को लागू किया जा सकता है। हालांकि वैश्विक बीमा उद्योग पर 2004 की आपदा का प्रभाव न्यूनतम था, लेकिन इसने दुनिया को सुनामी के खतरों के प्रति सचेत कर दिया। 2004 की आपदा के प्रति विश्वव्यापी प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप 2006 में हिंद महासागर सुनामी चेतावनी और शमन प्रणाली की स्थापना भी की गई।

संदर्भ
https://bit.ly/3BIwWpk
https://bit.ly/3VcbYX6
https://on.doi.gov/3UYMtrT

चित्र संदर्भ
1. सुनामी की ऊंची लहर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. इंडोनेशिया के उत्तरी भाग में स्थित (Aceh) के निकट आए भूकंप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. 2004 के हिंद महासागर भूकंप के दौरान प्रभावित राष्ट्रों का विवरण देने वाला रंग कोडित नक़्शे को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. सुनामी 2004 के बाद आचेह, इंडोनेशिया, 2005 को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. सुनामी से भागते लोगों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id