Post Viewership from Post Date to 03-Jan-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1292 749 2041

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

क्या आपने रामपुर के अलावा देश के सबसे लोकप्रिय कृष्ण मंदिरों के दर्शन किए हैं?

रामपुर

 03-12-2022 10:41 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

सनातन धर्म में भगवान श्री कृष्ण दिव्य व्यक्तित्व, सर्वोच्च दार्शनिक, शानदार रणनीतिकार और सभी जीवित तथा निर्जीव विषयों या वस्तुओं के मार्गदर्शक माने जाते हैं। यदि आप श्री कृष्ण एवं उनसे जुड़े तथ्यों के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो आपके लिए नीचे भारत के शीर्ष कृष्ण मंदिरों की सूची दी गई हैं, जहां जाकर आप भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं एवं उनकी महिमा के दर्शन कर सकते हैं। १. प्रेम मंदिर, वृंदावन, उत्तर प्रदेश: प्रेम मंदिर दिव्य शहर वृंदावन में स्थित है। यह भव्य मंदिर सनातन धर्म में दिव्य जोड़े राधा-कृष्ण और माता सीता एवं प्रभु श्री राम को समर्पित है। मंदिर को सफेद इतालवी संगमरमर से बनाया गया है। मंदिर में प्रत्येक दीवार पर दर्पण चित्र भी हैं, जो भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाओं को दर्शाते हैं। २. बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन: बांके बिहारी मंदिर स्वामी हरिदास द्वारा स्थापित एक प्राचीन कृष्ण मंदिर है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण को बांके बिहारी के रूप में पूजा जाता है, जो राधा और कृष्ण का संयुक्त रूप है। इस बेहद सुंदर मंदिर को 1864 में राजस्थानी शैली में बनाया गया था। ३. द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका, गुजरात: द्वारकाधीश मंदिर भारत में भगवान श्री कृष्ण के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। भव्य मंदिर चालुक्य शैली की वास्तुकला में चूना पत्थर और ग्रेनाइट (Limestone & Granite) से मिलकर बना है। इसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, और यह लगभग 2,500 साल पुराना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मूल मंदिर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के पोते द्वारा किया गया था। ४. जगन्नाथ मंदिर, पुरी, उड़ीसा: जगन्नाथ मंदिर पूरे सनातनं धर्म में एक लोकप्रिय एवं बेहद पवित्र मंदिर है, जिसे दुनिया भर के कृष्ण भक्तों के बीच प्रमुख आकर्षण का केंद्र माना जाता है। यह मंदिर अपनी प्रसिद्ध रथ यात्रा और मंदिर के आसपास की कई किवदंतियों तथा रहस्यों के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के ऊपर कोई पक्षी नहीं उड़ता है और मंदिर के ऊपर लगा झंडा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। ५. इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple), बेंगलुरु (बैंगलोर): बेंगलुरु का इस्कॉन मंदिर, जिसे श्री राधा कृष्ण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, 1997 में बनाया गया था, जो की भारत के सबसे लोकप्रिय कृष्ण मंदिरों में से एक है। यह मंदिर वैकुंठ पहाड़ी की चोटी पर बना है। बेंगलुरु (बैंगलोर) में इस्कॉन के छह मंदिर हैं जो राधा कृष्ण, कृष्ण बलराम, निताई गौरंगा, श्रीनिवास गोविंदा, प्रह्लाद नरसिम्हा और श्री लाप्रभुपाद को समर्पित हैं। ६. गुरुवायूर मंदिर, गुरुवायुर, केरल: गुरुवायूर मंदिर को “दक्षिण का द्वारका” भी कहा जाता है। इस भव्य मंदिर का निर्माण 1638 ईस्वी में हुआ था, जिसमें भगवान कृष्ण की चार भुजाओं वाली प्रतिमा पवित्र तुलसी की माला और मोतियों की माला से सुशोभित है। मंदिर प्रांगण में एक बड़ा तालाब भी है जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहां भगवान शिव के परिवार ने भगवान विष्णु की पूजा की थी। मंदिर के मुख्य देवता भगवान गुरुवायुरप्पन हैं जो बाल गोपाल (कृष्ण भगवान का बालरूप) के रूप में विराजमान हैं। यद्यपि इस मंदिर में गैर-हिन्दुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है, तथापि कई धर्मों को मानने वाले लोग भगवान गुरुवायूरप्पन के परम भक्त माने जाते हैं।
गुरुवायू में विख्यात शास्त्रीय प्रदर्शन कला कृष्णनट्टम कली भी काफी प्रचलित है, जो प्रसिद्ध नाट्य-नृत्य कथकली के प्रारंभिक विकास में सहायक मानी जाती थी। मंदिर प्रशासन (गुरुवायूर देवास्वोम) एक कृष्णट्टम संस्थान का संचालन करता है। गुरु-वायु और उर शब्दों से मिलकर इस मंदिर का नाम “गुरुवायूर” पढ़ा है। मान्यताओं के अनुसार इस भव्य मंदिर की स्थापना गुरु ब्रहस्पति और वायुदेव द्वारा की गई थी।
किंवदंतियों के अनुसार, यहां पूजी जाने वाली कृष्ण जी के बाल रूप की प्रतिमा, 5000 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। लेकिन इसे स्थापित करने का कोई ऐतिहासिक रिकॉर्ड हमारे पास उपलब्ध नहीं हैं। 14वीं शताब्दी के तमिल साहित्य 'कोकससंदेसम' में कुरुवयूर नामक स्थान का उल्लेख मिलता है। प्राचीन द्रविड़ में, कुरुवई का अर्थ समुद्र होता है, इसलिए तट पर स्थित गाँव को कुरुवयूर कहा जा सकता है। लेकिन प्रख्यात इतिहासकार प्रो. के वी कृष्ण अय्यर (Prof. K V Krishna Iyer) के अनुसार, चंद्रगुप्त मौर्य (321-297 ईसा पूर्व) की अवधि के दौरान ब्राह्मणों ने कोडुंगल्लूर में आकर बसना शुरू कर दिया था। यह स्थान गुरुवायुर और कोडुंगल्लूर के बीच में था। 1755 में डचों द्वारा नष्ट किए जाने के बाद से गुरुवायूर त्रिकुनावय द्वारा अधीनस्थ मंदिर था। इस तरह गुरुवयूर 52 ईस्वी से पहले अस्तित्व में आ गया होगा। केरल के कई महत्वपूर्ण विष्णु मंदिरों का सबसे पहला उल्लेख ‘, तमिल संतों, जिन्हें अलवर भी कहा जाता है के गीतों में मिलता है, उनकीसमय-रेखा भी निश्चित नहीं है। ७. राजगोपालास्वामी मंदिर, मन्नारगुडी, तमिलनाडु: राजगोपालास्वामी मंदिर भारत में भगवान कृष्ण के सबसे पुराने और सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। यहां भगवान कृष्ण को राजगोपालास्वामी के रूप में पूजा जाता है। मूल मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में चोल काल के दौरान किया गया था और 16वीं शताब्दी के दौरान इसका जीर्णोद्धार किया गया था। इस मंदिर में, रुक्मिणी और सत्यभामा के साथ भगवान कृष्ण को मुख्य देवताके रूप में पूजा जाता है। मंदिर को श्रीविद्या राजगोपालास्वामी मंदिर भी कहा जाता है। ८. श्री कृष्ण मंदिर, मथुरा: मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था। मंदिर परिसर में सबसे महत्वपूर्ण स्थान मंदिर का गर्भगृह है, जिसके बारे में ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म यहीं पर हुआ था। ९. श्री कृष्णा मंदिर, कृष्णा विहार (रामपुर): रामपुर में श्री कृष्णा मंदिर, शाहबाद रोड पर कृष्णा विहार कालोनी में स्थित है। यह बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और आप इस मंदिर में ई-रिक्शा (E-Rickshaw), अपने वाहन आदि के द्वारा सरलता पूर्वक जा सकते हैं। मंदिर के सेवादार धान सिंह के अनुसार “पहले मंदिर के स्थान पर कई पेड़ पौधे थे। लेकिन जब रजा टेक्सटाइल फैक्ट्री (Raza Textile Factory) के श्रमिकों ने मिल मालिक से यहां पर मंदिर बनवाने के लिए कहा, तो उन्होंने मंदिर के लिए भूमि दे दी। बाद में स्थानीय लोगों ने सन् 1926 में इस मंदिर का निर्माण कराया।” मंदिर में शिव परिवार, श्री राधा कृष्ण, हनुमान जी आदि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित की गईं। बाद में यहां शिवालय और शनिदेव की प्रतिमा की भी स्थापना भी की गई।

संदर्भ
https://bit.ly/3UkIJAV
https://bit.ly/2Pd9EgD
https://bit.ly/3XNLEVF
https://bit.ly/3B3bOKe

चित्र संदर्भ
1. प्रेम मंदिर, वृंदावन, उत्तर प्रदेश: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. प्रेम मंदिर, वृंदावन, उत्तर प्रदेश: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका, गुजरात: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. जगन्नाथ मंदिर, पुरी, उड़ीसा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु (बैंगलोर): को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. गुरुवायूर मंदिर, गुरुवायुर, केरल: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. राजगोपालास्वामी मंदिर, मन्नारगुडी, तमिलनाडु: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. श्री कृष्ण मंदिर, मथुरा: को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
10. श्री कृष्णा मंदिर, कृष्णा विहार (रामपुर):को दर्शाता एक चित्रण (google)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id