गन्ना वैसे तो पूरे विश्व में पायी जाने वाली फसल है पर भारत से इसका एक खास जोड़ है, भारत को गन्ने का जन्म स्थान माना जाता है। सम्पूर्ण विश्व में भारत का गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान है। यदि ऐतिहासिक दृष्टिकोंण से देखा जाये तो आयुर्वेद के ग्रन्थों में मधुर रस के पदार्थों से भोजन का श्रीगणेश करने का परामर्श दिया गया है। "ब्रह्मांड पुराण" में भोजन का समापन भी मीठे पदार्थों से ही करने का सुझाव है। एक ग्रन्थ में तो भोजन में मूंग की दाल, शहद, घी और शक्कर का शामिल रहना अनिवार्य कहा गया है। `नामुद्रसूपना क्षौद्र न चाप्य घृत शर्करम्। ग्रीष्म ऋतु में शाली चावलों के भात में शक्कर मिलाकर सेवन करने का सुझाव है। शक्ति-क्षय पर मिश्री मिले दूध और दूध की मिठाइयों के सेवन करने की बात कही गई है। सुश्रुत ने भोजन के छ: प्रकार गिनाए हैं: चूष्म, पेय, लेह्य, भोज्य, भक्ष्य और चर्व्यपाचन की दृष्टि से चूष्य पदार्थ सबसे अधिक सुपाच्य बताए गए हैं। फिर क्रम से उनकी सुपाच्यता कम होती जाती है और चर्व्य सबसे कम सुपाच्य होते हैं। ईख या गन्ने को जो मिठास का प्रमुख स्रोत है, पहले वर्ग में रखा गया है, गन्ने का रस, शरबत, फलों के रस पेय पदार्थों में हैं। चटनी-सौंठ-कढ़ी लेह्य दाल-भात भोज्य, लड्डू-पेड़ा, बरफी भक्ष्य और चना-परवल, मूंगफली चर्व्य हैं। यदि गन्ने के उत्पादन की बात की जाये तो पूरे भारत में करीब 2811.70 लाख टन गन्ना प्रतिवर्ष उत्पादित किया जाता है वहीं उत्तर प्रदेश में गन्ने का उत्पादन करीब 1254.70 लाख टन है जो की सम्पूर्ण भारत में उत्पादित गन्ने का 44.62 प्रतिशत है। रामपुर दोआब व तराई क्षेत्र में बसे होने के कारण गन्ने के उत्पादन के लिये उपयुक्त स्थान मुहैया करवाता है, यहाँ पर कुल 18562 हेक्टेयर के क्षेत्र में गन्ने की खेती की जाती है। यदि उत्पादन के दृष्टि से देखा जाये तो यह प्रति हेक्टेयर 623.40 क्विंटल गन्ने का उत्पादन करता है। रामपुर गन्ना उत्पादन में पूरे उत्तर प्रदेश में 13वें स्थान पर काबिज़ है। 1. http://upenvis.nic.in/Database/Sugarcane_Yield_1103.aspx 2. http://agriculture.up.nic.in/WriteReadData/CDAP-RKVY/Rampur.pdf
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