संपूर्ण विश्व में किसी भी प्रजाति का पृथक्करण में विकसित होना संभव नहीं होता है, वे अपने संपूर्ण जीवन चक्र में अन्य प्रजातियों के साथ परस्पर रूप से जुड़े होते हैं। जैसे एक शिकारी और शिकार के बीच, एक विकासवादी संसाधनों के लिए किए होने वाली दौड़ काफी संघर्षों से भरी होती है। वैसे ही कई प्रजातियाँ अन्य प्रजाति पर एक दूसरे को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से विकसित होते हैं।ऐसे ही इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बबूल की चींटी का बबूल के पेड़ के साथ काफी घनिष्ठ संबंध है। बल्कि आश्चर्य की बात यह है कि उनका संबंध कितना घनिष्ट है। चूंकि वे इतने स्थिर होते हैं, पौधों को हमेशा शिकारियों द्वारा खा जाने का खतरा बना रहता है, जो कि वास्तव में कई जीवों को अनुपयोगी लगता है। शाकाहारियों से बचने के लिए, बबूल के पेड़ों द्वारा नुकीले कांटे और कड़वा स्वाद विकसित किया गया है।केवल इतना ही नहीं उनके द्वारा अपने दुश्मनों से सक्रिय रूप से लड़ने के लिए चींटियों की पूरी प्रजाति की सेना को भी तैनात किया गया है।बबूल चींटियों को बबूल के पेड़ एक आरामदायक घर लगता है क्योंकि चींटियाँ इसके विशाल काँटों को खोखला करके उसमें रहती हैं।बबूल की कई प्रजातियां इन खोखले कांटों के चारों ओर अपनी निवासी सेना के लिए और भी बड़ा घर बनाने के लिए अधिक फूल जाते हैं। चींटियों के रहने के अनुकूल वातावरण को बनाए रखने के लिए पेड़ वयस्क चींटियों के खाने के लिए एक मीठा अमृत और चींटी कीटडिंभ के उपभोग के लिए प्रोटीन युक्त फली का उत्पादन करते हैं।रहने के लिए इस तरह के आरामदायक स्थान को सुरक्षित रखने के लिए चींटियाँ हर संभव प्रयास करती हैं। एक पेड़ पर लगभग 30,000 तक चींटियाँ रह सकती हैं। वे पेड़ का सेवन करने वाले जानवरों का शिकार या उन्हें डंक मारकर वहां से भगा देती हैं, साथ ही प्रतिद्वंद्वी पौधों को काटती हैं जो सूरज की रोशनी चुराते हैं, और कवक रोगजनकों को हटाने में मदद करती हैं। साथ ही बबूल अपने इन अंगरक्षक को दूसरी जगह जाने का कोई भी मौका नहीं देता है। अपने अमृत में यह एक ऐसा किण्वक मिलाता है जो चींटियों को किसी भी अन्य प्रकार की चीनी को खाने से रोकता है। यदि कोई भी चींटी अपने बबूल के पेड़ को छोड़ने की कोशिश करती है, तो वह भूख से मर जाती है।चींटी और बबूल के पेड़ के बीच के इस अंगरक्षक वाले अद्भुत संबंध को विस्तृत रूप से इन चलचित्र में देखकर अपने रविवार का आनंद लें।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3sYJrZC
https://bit.ly/3NICWlO