वस्त्र उद्योग का कायाकल्प करने, सरकार की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन और टेक्सटाइल पार्क योजनाएं

रामपुर

 28-05-2022 09:12 AM
स्पर्शः रचना व कपड़े

किसी भी व्यवसाय के लिए, सरकार एक चिराग से निकले जिन्न के समान होती है! क्यों की, यदि सरकार द्वारा किसी भी क्षेत्र को, भरपूर समर्थन या सहायता मिल जाए, तो जमीन पर घसीटकर रेंगने वाला व्यवसाय भी, रेस के घोड़े के समान दौड़ने लगता है। इस तथ्य को सार्थक करने का सबसे अच्छा उदाहरण, हाल ही में सरकार द्वारा वस्त्र उद्योग को दिया गया, आर्थिक और व्यापारिक समर्थन है! जिसके अंतर्गत भारत सरकार ने MMF परिधान, और तकनीकी वस्त्रों के उत्पादों के, उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पांच वर्षों के लिए रू 10,683 करोड़ के स्वीकृत परिव्यय के साथ, वस्त्रों के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (Production Linked Incentive (PLI) योजना तथा पीएम मित्र योजना को मंजूरी दी है। पिछले वर्ष सितंबर माह में कैबिनेट द्वारा, कपड़ा क्षेत्र में विशिष्ट क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव या पीएलआई योजना एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य कंपनियों को घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों से वृद्धिशील बिक्री पर प्रोत्साहन देना है। इस योजना के तहत आकांक्षी जिलों (aspirational districts) या टियर-3 और टियर-4 शहरों के आसपास स्थित कारखानों, को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना, में 13 क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से कुछ को पहले ही केंद्रीय कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है, जिससे विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने, नौकरियों को जोड़ने और निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है। जिससे विशेष रूप से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों को लाभ मिलेगा।
पीएलआई योजना केंद्रीय बजट 2021-22 के दौरान पहले किए गए 13 क्षेत्रों के लिए योजना की समग्र घोषणा का हिस्सा है, जिसमें ₹ 1.97 लाख करोड़ का परिव्यय शामिल है। कपड़ा मंत्रालय द्वारा 1 जनवरी, 2022 से पीएलआई योजना के तहत वस्त्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन, पोर्टल pli.texmin.gov.in/mainapp/Default के माध्यम से स्वीकार किया गया था। आवेदन विंडो 01-01- 2022 से 31-01-2022 तक खुली रही।
पीएलआई योजना के अतिरिक्त भी सरकार द्वारा पीएम-मित्र योजना (PM-Mitra Scheme) भी लागू की गई, जिसके तहत 7 मेगा टेक्सटाइल पार्कों (7 Mega Textile Parks) की स्थापना की जानी है। सरकार ने 4,445 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय (total outlay) पर, पीएम-मित्र योजना के तहत, सात मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने की अधिसूचना जारी की है। इन पार्कों में एक ही स्थान पर कताई, बुनाई, प्रसंस्करण / रंगाई और छपाई से लेकर, परिधान निर्माण तक, एक एकीकृत कपड़ा मूल्य श्रृंखला (Integrated Textile Value Chain) बनाने के अवसर प्रदान किये जायेंगे। सात पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम-मित्र) पार्क, (PM Mega Integrated Textile Region and Apparel Park) विभिन्न इच्छुक राज्यों में स्थित ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड (Greenfield and Brownfield), के मौजूदा साइटों पर स्थापित किए जाएंगे। एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, "राज्य सरकारों के पास 1,000 एकड़ से अधिक की सन्निहित और भार-मुक्त भूमि पार्सल (Contiguous and load-free land parcels) की उपलब्धता के साथ-साथ, अन्य कपड़ा संबंधी सुविधाओं और पारिस्थितिकी तंत्र के प्रस्ताव भी भेजे गए है।" कपड़ा मंत्रालय का मानना है कि, यह विश्व स्तरीय औद्योगिक बुनियादी ढांचा, अत्याधुनिक तकनीक को भारत की ओर आकर्षित करेगा, तथा इस प्रकार इस क्षेत्र में एफडीआई और स्थानीय निवेश (FDI and local investment) को भी बढ़ावा मिलेगा।
कपड़ा मंत्रालय द्वारा, केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित और केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित, सात पीएम- मित्र पार्क स्थापित करने के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि, इन पार्कों को उन स्थलों पर स्थापित करने की परिकल्पना की गई है, जहां कपड़ा उद्योग के फलने-फूलने की अंतर्निहित क्षमता (built-in capability) और सफल होने के लिए आवश्यक संबंध मौजूद हैं।
मंत्रालय के अनुसार, ग्रीनफील्ड पीएम-मित्र पार्क के लिए, 500 करोड़ रुपये की तय राशि के साथ, भारत सरकार की विकास पूंजी सहायता परियोजना लागत का 30 प्रतिशत होगी। वहीँ ब्राउनफील्ड साइटों के शेष बुनियादी ढांचे और अन्य समर्थन सुविधाओं की परियोजना लागत के 30 प्रतिशत पर, विकास पूंजी समर्थन विकसित और 200 करोड़ रुपये की सीमा तक सीमित किया जाना है। इस संबंध में राज्य सरकार के समर्थन में विश्व स्तरीय औद्योगिक संपदा के विकास के लिए, 1,000 एकड़ भूमि का प्रावधान शामिल होगा। इस योजना को लागू करने के लिए तमिलनाडु, पंजाब, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, असम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे कई राज्यों ने रुचि व्यक्त की है।
इन पार्कों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnership (PPP) मोड में राज्य सरकार और भारत सरकार के स्वामित्व वाले एक विशेष प्रयोजन वाहन (special purpose vehicle) या मास्टर डेवलपर (master developer) द्वारा विकसित किया जाएगा। यह मास्टर डेवलपर, न केवल औद्योगिक पार्क विकसित करेगा, बल्कि रियायत अवधि (grace period) के दौरान, इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी लेगा। इस मास्टर डेवलपर का चयन राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित वस्तुनिष्ठ मानदंडों (objective criteria) के आधार पर होगा, और वह औद्योगिक स्थलों से लीज रेंटल (lease rental) का एक हिस्सा प्राप्त करने का हकदार होगा। साथ ही वह पार्क का विस्तार करके, श्रमिकों के लिए कौशल विकास पहल और अन्य कल्याणकारी उपायों को प्रदान करके, क्षेत्र में कपड़ा उद्योग के आगे विस्तार के लिए उपयोग करने में भी सक्षम होगा। सरकार की PM-MITRA योजना का उद्देश्य, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के दृष्टिकोण को साकार करना और भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करना है। इस योजना में कपड़ा उद्योग की संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला (entire value chain) के लिए एकीकृत बड़े पैमाने पर और आधुनिक औद्योगिक अवसंरचना सुविधा विकसित करना शामिल है। इससे रसद लागत (logistics cost) कम होने और भारतीय वस्त्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करने की अपेक्षा की जा रही है। साथ ही "यह योजना भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और वैश्विक कपड़ा बाजार में खुद को मजबूती से स्थापित करने में भी मदद करेगी।"

संदर्भ
https://bit.ly/3PIJceY
https://bit.ly/3wNWwal

चित्र संदर्भ
1. कपडा फैक्ट्री को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. वस्त्रों के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (Production Linked Incentive (PLI) योजना को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
3. कपड़ें के बण्डल को दर्शाता एक चित्रण (Audaces)
4. एक उट्घाटन समारोह में शामिल भारतीय प्रधानमंत्री जी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. सरकार की PM-MITRA योजना को दर्शाता एक चित्रण (india.gov.in)



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