भारत के गंगा यमुना दोआब की उर्वर जमीन में बसा रामपुर, उत्तर प्रदेश पहले वृहद जंगल था। अत्यंत घने जंगल का हिस्सा होने के कारण यह क्षेत्र रोहिल्ला पठान और रामपुर नवाबों के आने तक सिर्फ छोटे राज्यों के अधीन था मगर यहाँ किसी ऐतिहासिक इमारत या स्थापत्य के ज्यादा साक्ष्य नहीं मिलते। विश्वयुद्ध II के वक़्त पुरे गंगा दोआब की भूमि के बहुत से जंगल कुछ ज्यादा ही मात्रा में काटे गए लेकिन ज़मींदारी समाप्ति के साथ 1952 में रामपुर, टेहरी और बनारस के बचे जंगल जो करीब 9065 स्क्वायर किमी तक फैले थे उत्तर प्रदेश फ़ॉरेस्ट एंड वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट (जंगल और वन्यजीवन विभाग, उत्तर प्रदेश) के दायित्व के अन्दर आया। नेशनल फ़ॉरेस्ट पॉलिसी, 1988 और स्टेट फ़ॉरेस्ट पॉलिसी 1998 के हिसाब से पूर्ण भौगोलिक क्षेत्र में से कम से कम 33% वन-जंगल के लिए रखना है।आज रामपुर में बहुत कम जंगल बचा है जो ज्यादातर खुले जंगल के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के संरक्षण में है। 1979 में वर्ल्ड बैंक की मदद लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सोशल फॉरेस्ट्री प्रोजेक्ट शुरू किया जिसके तहत रामपुर का जंगल क्षेत्र विभाग मोरादाबाद सर्कल के अधीन है। 2013-14 के डायरेक्टरेट ऑफ़ एनवायरनमेंट, उत्तर प्रदेश एनविस के रिपोर्टनुसार रामपुर में अब 2367 स्क्वायर किमी भौगोलिक आवरण ही बचा है। नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड विभाग, मिनिस्ट्री ऑफ़ हेल्थ एंड फॅमिली वेलफेयर, भारत सरकार ने रामपुर वन क्षेत्र की औषधीय वनस्पतियों का वर्गीकरण करके उन्हें संरक्षित करने हेतु योजना शुरू की है। 1. सी. डैप रामपुर 2. नेशनल वेटलैंड उत्तरप्रदेश 3. http://egreenwatch.nic.in/Masters/Public/DivisionsViewList.aspx?idq=33 4. http://upenvis.nic.in/Database/Forest_838.aspx 5. http://upforest.gov.in/
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