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रामपुर के लोगों के बीच भाषाई विविधता का महत्व

रामपुर

 23-02-2022 10:54 AM
ध्वनि 2- भाषायें

21 फरवरी का दिन पूरे विश्व में मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया गया,ताकि दुनिया भर में भाषाई और सांस्कृतिक विविधता तथा बहुभाषावाद को बढ़ावा दिया जा सके।2011 की जनगणना के अनुसार रामपुर के लोग 20 भाषाएँ बोलते हैं। इनमें से सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी (1.2 लाख,37.32%), उर्दू (2 लाख,61.49%), पंजाबी (3 हजार,0.9%) है। शहर के लगभग 99% हिस्से का पहले दो भाषाई समूहों से संबंधित होने का अनुमान है। यह उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं हिंदी (94%), उर्दू (5.42%), पंजाबी (0.25%) और बंगाली (0.12%) से थोड़ा अलग है।भाषा के संबंध में देंखे तो, किसी क्षेत्र या देश में सबसे अधिक ध्यान सामाजिक संबंधों में नामकरण, लेबलिंग, फ्रेमिंग और अन्य चीजों के सामर्थ्य पर दिया गया है,विशेष रूप से शहरी नियोजन प्रक्रियाएं उनका मुख्य केंद्र होती हैं।ऐसे क्षेत्रों में भाषाओं पर कम ही ध्यान दिया गया है।शहरी अध्ययन में शहरों में कई भाषाओं की सह-उपस्थिति के प्रभाव,(व्यक्तिगत और सामूहिक) बहुभाषावाद, भाषा समूहों के बीच की गतिशीलता और शहरी बहुभाषावाद के प्रतिनिधित्व को काफी हद तक अनदेखा किया गया है।यहां तक ​​कि सांस्कृतिक और भाषाई महत्वपूर्ण कार्य सांस्कृतिक प्रदर्शन की एक विविध श्रृंखला को प्रदर्शित करते हैं, लेकिन फिर भी यह लोगों की भाषा को प्रदर्शित नहीं करते हैं। एक शहर में भाषाई विविधता अत्यधिक महत्व रखती है। कई देशों में केवल एक भाषा बोलना आम बात है, लेकिन हमेशा भाषाओं को एक गलत तरीके से देखा गया है। अब एक ऐसा समय आ गया है, जब केवल एक भाषा बोलना काफी नहीं है।आधुनिक कार्यस्थल कार्यालय में और अधिक भाषाएँ बोलना चाहते हैं, क्यों कि यह न केवल व्यवसाय के लिए अच्छा है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। बहुभाषावाद मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और दुनिया के लिए नए दरवाजे खोलता है।स्कूल के पहले वर्षों से सेवानिवृत्ति की आयु तक बहुभाषावाद आपके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है।दुनिया के बहुत कम क्षेत्र अब पूरी तरह से एकभाषी हैं, तथा अनुमान बताते हैं कि दुनिया की अधिकांश आबादी कम से कम द्विभाषी है।लोग कई भाषाओं को एक साथ जोड़कर एक दूसरे से संवाद करते हैं।हर भाषा की अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं, इसलिए हर परिस्थिति में बहुभाषी व्यक्ति के पास खुद को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करने के लिए शब्दावली होती है।कई भाषाएं बोलने में सक्षम होना दीर्घकालिक मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका है।द्विभाषी या बहुभाषी होने से वास्तव में मनोभ्रंश की शुरुआत में देरी होती है।
बहुभाषावाद कार्यशील स्मृति में भी सुधार करता है। द्विभाषावाद और बहुभाषावाद को अक्सर एक समस्या या व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में माना जाता है।एकभाषावाद को अधिक आकर्षक माना जाता है, तथा एक भाषा के समर्थक लोग भाषाई विविधता को राष्ट्र निर्माण के लिए एक अभिशाप और बाधा मानते हैं, जो कि गलत है।द्विभाषावाद और बहुभाषावाद संज्ञानात्मक विकास में सहायक है, जो कि रचनात्मकता, धातु-भाषा संबंधी जागरूकता और पठन उपलब्धि में सुधार करता है।यह अल्जाइमर (Alzheimer’s) रोग या उम्र बढ़ने के साथ होने वाले मानसिक विकारों में भी देरी कर सकता है।क्रोनिक एफेजिया (chronic aphasia) के प्रबंधन में भी यह विशेष भूमिका निभाता है तथा भाषाई जागरूकता और संचार क्षमता में वृद्धि करता है।द्विभाषावाद और बहुभाषावादकैरियर के अवसरों में भी वृद्धि करता है तथा सामाजिक-सांस्कृतिक लाभ प्रदान करता है।अक्सर यह माना जाता है, कि बहुभाषावाद किसी क्षेत्र में संघर्ष के साथ जुड़ाहुआ है, लेकिन भाषा की विविधता हमें एक साथ लाती है, बांटती नहीं।भाषा विविधता हमारे समुदाय को मजबूत बनाती है तथा लोगों की पहचान, सांस्कृतिक स्वायत्तता, और यहां तक ​​कि उनकी भलाई और मानसिक स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।विविधता अपने आप में सुंदरता का एक रूप है। हमारी दुनिया की हर भाषा की अपनी अनूठी शान है और हमें उस सुंदरता को अपनाना चाहिए। अक्सर हम यह सोचते हैं, कि अंग्रेजी बोलने वाले देशों के लिए अंग्रेजी ही एकमात्र भाषा है, लेकिन भाषा के मामले में देश बहुत विविध हैं।मैनचेस्टर (Manchester) में 200 से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं।टोरंटो (Toronto),कनाडा (Canada) में आप लगभग 150 अलग-अलग भाषाएं सुन सकते हैं जो इस पर निर्भर करती हैं कि आप कहां हैं।सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) जो संयुक्त राज्य अमेरिका (America) के सबसे बहुसांस्कृतिक शहरों में से एक माना जाता है, में आपको बहुत सी विदेशी भाषाएं सुनने को मिल सकती हैं।न्यूयॉर्क (New York) में लगभग 800 विभिन्न भाषाएँ बोली जाती हैं। भारत में बहुभाषाई विविधता के मामले में सबसे समृद्ध शहर बेंगलुरु है।एक अध्ययन के अनुसार यहां कम से कम 22 अनुसूचित और 84 गैर-अनुसूचित भाषाएँ बोली जाती हैं, बेंगलुरु में, 44.5 प्रतिशत लोग कन्नड़ बोलते हैं, जबकि लगभग 15 प्रतिशत लोग तमिल बोलते हैं,14 प्रतिशत लोग तेलुगु, 12 प्रतिशत लोग उर्दू, 6 प्रतिशत लोग हिंदी और 3 प्रतिशत लोग मलयालम बोलते हैं। जब अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग एक स्थान पर आते हैं, तो अर्थव्यवस्था, रोजगार आदि में बढ़ोत्तरी होती है। द्विभाषावाद और बहुभाषावाद के लाभों को पहचानने, अवशोषित करने और व्यक्तिगत विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है।


संदर्भ:
https://bit.ly/3BHq5vd
https://bit.ly/3H555Qj
https://bit.ly/3I4JecN
https://bit.ly/3LPM083
https://bit.ly/3sWkFIK
https://bit.ly/3H0tE0x
https://bit.ly/3sWszSo

चित्र संदर्भ   

1. पर्चियों में (May I Come In Miss?) को दर्शाते नन्हे छात्रों चित्रण (flickr)
2. विभिन्न भाषाओँ में लिखे "स्वागतम" को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. एशिया के भाषा परिवार को दर्शाता चित्रण (wikimedia)



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