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पुरापाषाण काल के छोटे पत्थर से बने ब्लेड्स (Blades) से लेकर आज के स्टील से बने चाकू, छुरी, से तलवार तक चाकू बनाने की तकनीकी ने इतिहास के कई पड़ावों को पार किया है। पत्थर से बने छोटे विदारक तथा खुरचनी, कांस्य अथवा ताम्र से बने चाकू/बरछी, लोहे से बने ख़ंजर/कटार और स्टील से बने चाक़ू तथा तलवार सभी भारत के इतिहास के हर काल को अधोरेखित करते हैं।
रामपुरी चाकू भारतीय इतिहास के मध्यकाल का साक्षी है जो कुछ साल पहले तक इस्तेमाल किया जाता था बहरहाल आज इसका प्रयोग बहुत ही कम तौर पर या फिर पूर्ण रूप से बंद हो रहा है।
रामपुरी चाक़ू गुरुत्वाकर्षण तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया हुआ स्विच ब्लेड प्रकार का औजार है। इसमें आप जैसे ही पीछे एक बटन दबा देते हैं तो रामपुरी चाकू का धार वाला हिस्सा हत्थे से निकल आता है। जैसा कि नाम से पता चल ही जाता है कि यह चाकू रामपुर, उत्तर प्रदेश में पहले बना था। रामपुर नवाबों के दरबारी लोहकारों ने रामपुरी चाकू बनाना शुरू किया था। इन 9 – 12 इंच वाले एक धारी चाकू आने वाले सालों में सामान्य इस्तेमाल के साथ-साथ संग्रहकर्त्ताओं के संग्रह में भी जगह पाने लगे। इसका कारण था इनसे जुड़ा ऐतिहासिक मूल्य और उनपर, ख़ास कर उनके हत्थे पर, की गयी कारीगरी। 1970-1990 की दौर की बॉलीवुड फिल्मों ने भी रामपुरी चाक़ू को खलनायक के पसंदीदा शस्त्र के रूप में प्रस्तुत किया।
1990 में उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्म्स एक्ट 1959 के तहत रामपुरी चाकू के इस्तेमाल पर पाबन्दी लगा दी और साथ ही में उनकी लम्बाई को 4.5 इंच से ज्यादा होने पर भी रोक लगा दी। अब रामपुरी चाकू बनाने और पास रखने के लिए सरकार का लाइसेंस लगता है। इस वजह से इनकी लोकप्रियता में काफी गिरावट आयी है। आज पूरे रामपुर में ये चाकू बनाने वाले मात्र दो या तीन कारीगर ही बचे हैं।
आज रामपुरी चाकू भारतीय मध्यकालीन इतिहास की शस्त्र कला का साक्ष्य देते हुए विभिन्न संग्रहों की शोभा बढ़ा रहे हैं।
संदर्भ:
1. https://bigswitchbladeknife.com/switchblade-history
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Switchblade
3. http://www.knifeindia.com/blog/the-famous-indian-rampuri-chaku/
4. http://www.bbc.com/hindi/india-38949684