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ब्रीफकेस (briefcase) एक संकरा कठोर बॉक्स के आकार का बैग या केस होता है‚
जिसका उपयोग मुख्य रूप से कागजात ले जाने के लिए किया जाता है। आमतौर
पर वकील‚ व्यवसायी तथा अन्य पेशेवर भी कागजात ले जाने के लिए ब्रीफकेस का
उपयोग करते हैं। 1980 के दशक से‚ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (electronic devices)
जैसे लैपटॉप (laptop)‚ कंप्यूटर (computers) और टैबलेट (tablet) आदि को ले
जाने के लिए भी ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया जाता रहा है। ब्रीफकेस अलग अलग
प्रकार के होते हैं‚ कुछ में केवल एक मुख्य आंतरिक स्थान होता है‚ जबकि कुछ
में उपखंड‚ अनुभाग‚ छोटे जेब या डिवाइडर भी होते हैं। ब्रीफकेस चमड़े‚ विनाइल
(vinyl)‚ कपड़े तथा पतली धातु जैसे एल्यूमीनियम (aluminium) या प्लास्टिक
(plastic) से बनाए जा सकते हैं। ब्रीफकेस में अंतर्वस्तु की सुरक्षा के लिए आमतौर
पर एक लॉक होता है। आजकल लैपटॉप कंप्यूटरों की सुरक्षा के लिए ब्रीफकेस में
गद्देदार आंतरिक पाउच तथा आधुनिक कोड़ वाले या डिजिटल लॉक भी पाए जाते
हैं।
ब्रीफ़केस चौदहवीं शताब्दी में‚ पैसे और क़ीमती सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल
किए जाने वाले लिम्प थैले (limp satchel) का वंशज हैं। जिसे “बजट” (budget)
कहा जाता था‚ ये लैटिन (Latin) शब्द “बुल्गा” (bulga) या आयरिश (Irish) शब्द
“बोल्ग” (bolg) से लिया गया है‚ जिसका अर्थ है चमड़े का थैला तथा वित्तीय शब्द
“बजट” का स्रोत भी है। पेरिस (Paris) के गोडिलॉट (Godillot)‚ 1826 में एक
कारपेट बैग पर कब्जेदार लोहे के फ्रेम का उपयोग करने वाले पहले व्यक्ति थे।
इसके बाद ग्लैडस्टोन (Gladstone) तथा रोज़बेरी (Rosebery) के बैगों का
अनुगमन किया गया। अंततः ये आधुनिक धातु के फ्रेमयुक्त ब्रीफ़केस बन गए।
कहा जाता है कि आधुनिक आयताकार ब्रीफकेस के रूप में जाना जाने वाला पहला
ब्रीफकेस‚ 1850 के दशक के अंत में आविष्कार किया गया था।
बजट ब्रीफकेस ले जाने की परंपरा ब्रिटिश (British) विरासत थी। “बजट केस”
परंपरा 18 वीं शताब्दी में शुरू हुई‚ जब राजकोष के चांसलर या ब्रिटेन के बजट
प्रमुख को अपना वार्षिक विवरण प्रस्तुत करते समय ‘बजट खोलने’ (‘open the
budget’) के लिए कहा गया। 1860 में‚ तत्कालीन ब्रिटिश बजट प्रमुख विलियम
ई ग्लैडस्टोन (William E Gladstone) ने‚ अपने कागजातों को एक लाल सूटकेस
में रानी के सोने के नामचिह्न के साथ रखा था। बजट ब्रीफ़केस इसलिए अस्तित्व
में आया क्योंकि ग्लैडस्टोन (Gladstone) के भाषण असाधारण रूप से काफ़ी लंबे
होते थे और उन्हें अपने भाषण पत्रों को ले जाने के लिए एक ब्रीफ़केस की
आवश्यकता थी।
भारत में‚ विभिन्न वित्त मंत्रियों द्वारा लाल‚ काले‚ या भूरे रंग के अलग-अलग
ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया गया है। 1947 के दौरान‚ भारत के पहले केंद्रीय वित्त
मंत्री‚ आरके षणमुखम चेट्टी (RK Shanmukham Chetty) ने‚ स्वतंत्र भारत का
पहला बजट पेश करने के लिए‚ एक चमड़े का पोर्टफोलियो (portfolio) रखा था।
1950 के दशक में टीटी कृष्णमाचारी (TT Krishnamachari) द्वारा फाइल बैग
जैसा दिखने वाला बैग ले जाया गया था। तथा जवाहरलाल नेहरू काले रंग का
ब्रीफकेस लेकर चलते थे। वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के पास भी एक
काला बैग था‚ जिन्होंने 1991 के आर्थिक उदारीकरण के प्रतिष्ठित प्रस्ताव दिए
थे। प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी द्वारा भी
ब्रिटेन के ग्लैडस्टोन (Gladstone) की तरह लाल ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया
गया। 1970 के बाद से‚ वित्त मंत्रियों ने एक सख्त ब्रीफकेस रखना शुरू कर दिया
था। ब्रीफकेस वित्तीय दस्तावेजों और लिखित बजट भाषण की गोपनीयता का
प्रतीक है। इसका खुलासा बजट पेश होने के बाद होता है।
व्यक्तिगत सामान की सबसे आम किस्मों में से अटैची (attache) और ब्रीफकेस
(briefcase) हैं। आज का वैश्विक व्यापार बैग बाजार‚ बिक्री में 30 बिलियन डॉलर
से अधिक हो गया है। 17वीं शताब्दी से पहले‚ बैग और निजी वाहक महत्वपूर्ण थे‚
क्योंकि अधिकांश कपड़ों में जेब नहीं होती थी। व्यक्तिगत वाहक के शुरुआती
उदाहरणों में से एक रोमन लोकुलस (Roman Loculus) है‚ ये एक लैटिन शब्द
है‚ जिसका अर्थ है “छोटी जगह”। ये निजी थैले संभवतः बकरी की खाल या बछड़े
के चमड़े से बने होते थे। अटैची और ब्रीफकेस में यह अंतर है कि एक अटैची में
एक कब्जेदार फ्रेम और दो डिब्बे होते हैं‚ जबकि एक ब्रीफकेस में एक अपर
चौबगला भी शामिल होता है‚ जो इसे अधिक भंडारण के लिए विस्तारित करने की
अनुमति देता है। छोटी अटैची में मुख्य रूप से कागजी दस्तावेज रखे जाते हैं‚
जबकि एक ब्रीफकेस में लैपटॉप‚ टैबलेट और अन्य व्यक्तिगत इलेक्ट्रॉनिक्स सहित
अतिरिक्त सामान भी रखा जा सकता है।
इन वर्षों में बजट ब्रीफकेस बदल गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने‚ संसद
2019 में अपना पहला केंद्रीय बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण‚ प्रतीकात्मक
बजट दस्तावेजों को चमड़े के ब्रीफकेस के बजाय चारों तरफ से लिपटे लाल कपड़े
में ले जाती दिखाई दीं। पिछले साल भी वित्त मंत्री ने‚ पूर्व वित्त मंत्रियों द्वारा ले
जाने वाले चमड़े के ब्रीफकेस के बजाय चारों तरफ से लिपटे लाल कपड़े में बजट
दस्तावेज लिए थे। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण द्वारा बजट दस्तावेजों को ब्रीफकेस के बजाय चारों तरफ से
लिपटे लाल कपड़े में रखने पर कहा; “यह भारतीय परंपरा में है। यह पश्चिमी
विचारों की गुलामी से हमारे प्रस्थान का प्रतीक है। यह कोई बजट नहीं है‚ बल्कि
एक पारंपरिक ‘बही खाता’ (‘bahi khaata’) है और लाल रंग ‘अच्छे शगुन’ के
लिए है।”
संदर्भ:
https://bit.ly/3cK0K85
https://bit.ly/3kZDSGs
https://bit.ly/32pMorP
https://bit.ly/3HJuMr4
https://bit.ly/30KHipc
चित्र संदर्भ
1. ब्रीफ़केस व अटैचकेस को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. ब्रीफ़केस को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. लॉक हो जाने वाले को ब्रीफ़केस को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. निर्मला सीतारमण‚ प्रतीकात्मक बजट दस्तावेजों को चमड़े के ब्रीफकेस के बजाय चारों तरफ से लिपटे लाल कपड़े में ले जाती दिखाई दीं। जिसको दर्शाता एक चित्रण (youtube)
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